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हेमंत सरकार ने आयुष्मान भारत में फर्जीवाड़ा करने वाले 12 अस्पतालों पर नहीं की कार्रवाई, सीएजी की रिपोर्ट से खुलासा

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2023, 7:42 AM IST

आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत झारखंड में 12 डिफॉल्टर अस्पतालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सीएजी की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

CAG report on Ayushman Bharat
CAG report on Ayushman Bharat

नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया कि बकाएदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

ये भी पढ़ें- झारखंड में 250 मुर्दों का आयुष्मान भारत के तहत हुआ इलाज, सवाल पूछने पर बन्ना गुप्ता ने कहा- बीजेपी के खास आदमी हो क्या

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, एबी-पीएमजेवाई के ऑडिट में पाया गया कि झारखंड में 12 अस्पताल और असम में एक अस्पताल विभिन्न कदाचार में लिप्त थे. लाभार्थियों से अवैध धन संग्रह, कई दावों के लिए एक ही तस्वीर को बार-बार जमा करना और तथ्यों का खुलासा न करना आदि.

कहा गया, एकत्र की गई धनराशि की वसूली और जुर्माना लगाने, दोषी चिकित्सा और पैरामेडिकल पेशेवरों के खिलाफ कार्रवाई, अस्पतालों को पैनल से हटाने आदि जैसी अनुवर्ती कार्रवाई शुरू नहीं की गई थी.

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है, "एनएचए ने (पिछले साल अगस्त में) जवाब दिया कि एसएचए (राज्य स्वास्थ्य एजेंसी) झारखंड ने डिफॉल्टरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की थी, लेकिन की गई कार्रवाई के समर्थन में कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया." एसएचए असम के संबंध में जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पीएमजेएवाई के तहत धोखाधड़ी के संभावित प्रकरणों पर लाभार्थी जागरूकता के लिए रणनीतियों को डिजाइन और कार्यान्वित करना एसएचए की जिम्मेदारी है. जागरूकता में धोखाधड़ी के प्रकारों को समझना, लाभार्थियों पर इसका प्रभाव, निवारक उपाय जो लाभार्थी अपना सकते हैं और किसे रिपोर्ट करना है, शामिल हो सकते हैं. यह सेवा के स्थान पर जनसंचार माध्यमों और पारस्परिक संचार का उपयोग करके किया जा सकता है.

आगे कहा गया, "ऑडिट में पाया गया कि बिहार, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश ने धोखाधड़ी-रोधी जागरूकता गतिविधियों की योजना/संचालन नहीं किया. धोखाधड़ी जागरूकता के लिए शिविरों के आयोजन के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य हिमाचल प्रदेश के किसी भी चयनित जिले में ऑडिट के लिए उपलब्ध नहीं कराए गए थे. इस प्रकार, कार्यक्रम के कार्यान्वयन में संभावित अनियमितताओं के बारे में लाभार्थियों को अवगत कराने का उद्देश्य अप्राप्त रहा."

ये भी पढ़ें- आयुष्मान भारत योजना घोटाला: झारखंड के अस्पतालों पर लगा 10.40 करोड़ का जुर्माना, बन्ना गुप्ता ने कहा- गड़बड़ी करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

ऑडिट अवलोकन को स्वीकार करते हुए एनएचए ने जवाब दिया (पिछले साल अगस्त में) कि धोखाधड़ी/दुरुपयोग के संबंध में लाभार्थियों की जागरूकता में सुधार के लिए अभिनव उपाय किए गए हैं. एबी-पीएमजेएवाई माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती सेवाओं के लिए प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है.

इनपुट- आईएएनएस

नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया कि बकाएदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार, एबी-पीएमजेवाई के ऑडिट में पाया गया कि झारखंड में 12 अस्पताल और असम में एक अस्पताल विभिन्न कदाचार में लिप्त थे. लाभार्थियों से अवैध धन संग्रह, कई दावों के लिए एक ही तस्वीर को बार-बार जमा करना और तथ्यों का खुलासा न करना आदि.

कहा गया, एकत्र की गई धनराशि की वसूली और जुर्माना लगाने, दोषी चिकित्सा और पैरामेडिकल पेशेवरों के खिलाफ कार्रवाई, अस्पतालों को पैनल से हटाने आदि जैसी अनुवर्ती कार्रवाई शुरू नहीं की गई थी.

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है, "एनएचए ने (पिछले साल अगस्त में) जवाब दिया कि एसएचए (राज्य स्वास्थ्य एजेंसी) झारखंड ने डिफॉल्टरों के खिलाफ उचित कार्रवाई की थी, लेकिन की गई कार्रवाई के समर्थन में कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया." एसएचए असम के संबंध में जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पीएमजेएवाई के तहत धोखाधड़ी के संभावित प्रकरणों पर लाभार्थी जागरूकता के लिए रणनीतियों को डिजाइन और कार्यान्वित करना एसएचए की जिम्मेदारी है. जागरूकता में धोखाधड़ी के प्रकारों को समझना, लाभार्थियों पर इसका प्रभाव, निवारक उपाय जो लाभार्थी अपना सकते हैं और किसे रिपोर्ट करना है, शामिल हो सकते हैं. यह सेवा के स्थान पर जनसंचार माध्यमों और पारस्परिक संचार का उपयोग करके किया जा सकता है.

आगे कहा गया, "ऑडिट में पाया गया कि बिहार, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश ने धोखाधड़ी-रोधी जागरूकता गतिविधियों की योजना/संचालन नहीं किया. धोखाधड़ी जागरूकता के लिए शिविरों के आयोजन के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्य हिमाचल प्रदेश के किसी भी चयनित जिले में ऑडिट के लिए उपलब्ध नहीं कराए गए थे. इस प्रकार, कार्यक्रम के कार्यान्वयन में संभावित अनियमितताओं के बारे में लाभार्थियों को अवगत कराने का उद्देश्य अप्राप्त रहा."

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ऑडिट अवलोकन को स्वीकार करते हुए एनएचए ने जवाब दिया (पिछले साल अगस्त में) कि धोखाधड़ी/दुरुपयोग के संबंध में लाभार्थियों की जागरूकता में सुधार के लिए अभिनव उपाय किए गए हैं. एबी-पीएमजेएवाई माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती सेवाओं के लिए प्रतिवर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है.

इनपुट- आईएएनएस

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