रांची: झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन की मांग दुहराई है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सोमवार शाम प्रोजेक्ट भवन में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष कई मांगों को रखा है.
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उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल करने की बात कही है. रविवार को देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक हुई थी जिसमें झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सबसे पहले बोलते हुए केंद्र सरकार से जीनोम सिक्वेन्सी मशीन देने का आग्रह किया. उन्होंने बताया कि जब रिम्स को रिसर्च सेंटर का उपाधि मिल गया है तो यहां जीनोम सिक्वेन्सी मशीन जरूर मिलना चाहिए. इसे स्वीकार करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जल्द झारखंड को जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध कराई जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लगातार साहिया बहनों के द्वारा मानदेय को 2 हजार से 7 हजार करने के लिए केंद्र सरकार से मांग की जाती रही है. इसी कड़ी में एक बार फिर इस मांग को दुहराया गया. जिसे मनसुख मांडविया ने जायज मानते हुए कहा कि यह केन्द्र के संज्ञान में हैं, केंद्र सरकार जल्द इसपर फैसला लेगी.
आयुष्मान से होगा कोरोना मरीजों का इलाज
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत पूर्ण रूप से फ्री करने की उनकी मांग को केंद्र सरकार ने मान ली है. बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब यह बातें बैठक में उठी तो इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह आयुष्मान भारत योजना से जुड़ गया है. बन्ना गुप्ता ने इसे कड़ाई से लागू कराने का अनुरोध किया ताकि प्राइवेट अस्पताल द्वारा इलाज के नामपर आर्थिक दोहन बंद हो सके. इसके अलावे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने देश में सभी प्राइवेट अस्पताल के लिए कोरोना के इलाज के लिए एक टैरिफ निर्धारण करने की मांग की है. जिसमें एडमिशन से लेकर डिस्चार्ज तक की टैरिफ घोषित की जाए. ताकि इलाज के नाम पर जो लूट हो रही हैं उसे रोका जाए.
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बन्ना गुप्ता ने केंद्र से आग्रह किया है कि अस्पताल में किसी मरीज की मौत होने के बाद भी जो अस्पताल बकाए रकम के लिए शव को रोक देते हैं इसके लिए भी एक कठोर कानून बने ताकि कम से कम मृत्यु के बाद परिजनों को अंत्येष्टि करने के लिए परेशान न होना पड़े और ससम्मान शव की अंत्येष्टि हो सके. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र और राज्य की योजनाओं में अंशदान जो अभी 60:40 हैं उसे 90:10 करने का अनुरोध भी किया है ताकि राज्य सरकार अपनी व्यवस्था को मजबूती से सुदृढ़ कर सके.
राज्य सरकार ने केंद्र से यह भी मांग की है कि कोविड टीकाकरण 15 से 18 साल उम्र वाले बच्चों की उम्र सीमा न्यूनतम घटाकर 12 साल से 18 साल करें ताकि सभी स्कूल जाने वाले बच्चे इससे लाभान्वित हो सके. जिससे स्कूल कॉलेजों में इसका प्रभाव कम हो सके. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब कोवैक्सीन बच्चों में लगाने की अनुमति आईसीएमआर और भारत ड्रग कंट्रोलर ने दी है, तो बच्चों के वैक्सीनेशन की उम्र सीमा 15 से 18 वर्ष में संशोधित करते हुए इसे 12 से 18 वर्ष किया जाए, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को इसका फायदा मिल सके.