ETV Bharat / state

झारखंड गठन के 22 साल बाद भी शिक्षा व्यवस्था में सुधार का काम बाकी, शिक्षकों की कमी बड़ी समस्या - रांची विश्वविद्यालय गेस्ट फैकल्टी

झारखंड राज्य की स्थापना के 22 साल हो गए हैं (Jharkhand Foundation Day) . राज्य ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, लेकिन शिक्षा व्यवस्था अभी भी चिंतनीय बनी हुई है. ईटीवी भारत से बातचीत में छात्रों और वर्तमान शिक्षकों ने प्राथमिक स्तर से कॉलेज तक में शिक्षकों की कमी (Shortage Of Teachers In Institutions) को सबसे बड़ी समस्या बताया.

Jharkhand Foundation Day
झारखंड राज्य की स्थापना
author img

By

Published : Nov 15, 2022, 5:40 PM IST

रांची: झारखंड राज्य गठन के 22 साल हो गए हैं (Jharkhand Foundation Day). सभी क्षेत्रों में विकास की नई लकीर खींची जा रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी हम कई कदम आगे बढ़े हैं. लेकिन झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में अभी काफी सुधार किया जाना बाकी है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राज्य के छात्रों और शिक्षकों से बात की तो शिक्षा में सुधार की आवश्यकताओं पर उन्होंने जोर दिया (Shortage Of Teachers In Institutions).

ये भी पढ़ें-नक्सलवाद से छलनी झारखंडः 22 साल में 541 पुलिसकर्मी शहीद, मारे गए 1887 सिविलियन

छात्र-छात्राओं और प्रोफेसर्स ने कहा कि आज की तारीख में झारखंड के कॉलेजों में सबसे ज्यादा दिक्कत शिक्षकों की कमी की है. डोरंडा कॉलेज के छात्र बॉबी कुमार, छात्रा रिम्मी कुमारी कहती हैं कि झारखंड में सभी तरह की तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई होती है लेकिन अन्य राज्यों की तरह झारखंड के छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट और अच्छी सैलरी नहीं मिल पाती.

देखें पूरी खबर
झारखंड में पढ़ाई करने वाले आदिवासी छात्र मन बराईच और छात्रा ग्रेसी टूटी कहती हैं कि जब तक प्राथमिक और उच्च शिक्षा विद्यालयों, कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पूरी नहीं की जाएगी तब तक झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता. इंग्लिश विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन पास कर नौकरी ढूंढ़ रहे समीर खान और राकेश कुमार कहते हैं कि पढ़ाई के बाद छात्र-छात्राओं को नौकरी ढूंढ़ने के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ता है. राज्य सरकार की तरफ से बहाली नहीं निकलती है, ऐसे में युवाओं को पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ता है. शिक्षकों की कमी बड़ी समस्याः रांची विश्वविद्यालय गेस्ट फैकल्टी के रूप में काम कर रहे प्रोफेसर ताल्हा नदवी कहते हैं कि सभी कॉलेज के विभिन्न विभागों में प्रोफेसर और शिक्षकों की घोर कमी है. सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. B.ed की प्रोफेसर डॉक्टर एमलीन केरकेट्टा और प्रोफेसर मनोज कुमार कहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार और डीम्ड यूनिवर्सिटी प्रबंधन के लोगों को बहुत सुधार करने की आवश्यकता है, तभी जाकर राज्य की शिक्षा व्यवस्था उत्तम हो पाएगी. छात्र नेता अवधेश कुमार का कहना है कि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो सबसे उच्च स्तर का संस्थान जेपीएससी हमेशा ही विवादों में रहता है. भ्रष्टाचार के वजह से झारखंड की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है. जरूरत है भ्रष्टाचार पर नकेल कसा जाए ताकि शिक्षा का स्तर बेहतर हो.

रांची: झारखंड राज्य गठन के 22 साल हो गए हैं (Jharkhand Foundation Day). सभी क्षेत्रों में विकास की नई लकीर खींची जा रही है, शिक्षा के क्षेत्र में भी हम कई कदम आगे बढ़े हैं. लेकिन झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में अभी काफी सुधार किया जाना बाकी है. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राज्य के छात्रों और शिक्षकों से बात की तो शिक्षा में सुधार की आवश्यकताओं पर उन्होंने जोर दिया (Shortage Of Teachers In Institutions).

ये भी पढ़ें-नक्सलवाद से छलनी झारखंडः 22 साल में 541 पुलिसकर्मी शहीद, मारे गए 1887 सिविलियन

छात्र-छात्राओं और प्रोफेसर्स ने कहा कि आज की तारीख में झारखंड के कॉलेजों में सबसे ज्यादा दिक्कत शिक्षकों की कमी की है. डोरंडा कॉलेज के छात्र बॉबी कुमार, छात्रा रिम्मी कुमारी कहती हैं कि झारखंड में सभी तरह की तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई होती है लेकिन अन्य राज्यों की तरह झारखंड के छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट और अच्छी सैलरी नहीं मिल पाती.

देखें पूरी खबर
झारखंड में पढ़ाई करने वाले आदिवासी छात्र मन बराईच और छात्रा ग्रेसी टूटी कहती हैं कि जब तक प्राथमिक और उच्च शिक्षा विद्यालयों, कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पूरी नहीं की जाएगी तब तक झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता. इंग्लिश विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन पास कर नौकरी ढूंढ़ रहे समीर खान और राकेश कुमार कहते हैं कि पढ़ाई के बाद छात्र-छात्राओं को नौकरी ढूंढ़ने के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ता है. राज्य सरकार की तरफ से बहाली नहीं निकलती है, ऐसे में युवाओं को पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ता है. शिक्षकों की कमी बड़ी समस्याः रांची विश्वविद्यालय गेस्ट फैकल्टी के रूप में काम कर रहे प्रोफेसर ताल्हा नदवी कहते हैं कि सभी कॉलेज के विभिन्न विभागों में प्रोफेसर और शिक्षकों की घोर कमी है. सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. B.ed की प्रोफेसर डॉक्टर एमलीन केरकेट्टा और प्रोफेसर मनोज कुमार कहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार और डीम्ड यूनिवर्सिटी प्रबंधन के लोगों को बहुत सुधार करने की आवश्यकता है, तभी जाकर राज्य की शिक्षा व्यवस्था उत्तम हो पाएगी. छात्र नेता अवधेश कुमार का कहना है कि झारखंड की शिक्षा व्यवस्था की बात करें तो सबसे उच्च स्तर का संस्थान जेपीएससी हमेशा ही विवादों में रहता है. भ्रष्टाचार के वजह से झारखंड की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है. जरूरत है भ्रष्टाचार पर नकेल कसा जाए ताकि शिक्षा का स्तर बेहतर हो.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.