रांचीः भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने रविवार को टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए 4 दशक बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया. इस उपलब्धि पर पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के हॉकी खिलाड़ियों, पूर्व खिलाड़ियों और ओलंपियन ने भारतीय ओलंपिक हॉकी टीम को बधाई दी है. साथ ही आगे भी इसी स्ट्रैटेजी के साथ खेलने की नसीहत दी है.
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पूर्व ओलंपियन मनोहर टोपनो ने क्या कहा
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन जारी है. इस ओलंपिक में भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने अपना दम दिखाया है. हॉकी टीम ने रविवार को क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर मेडल की दावेदारी साबित की है. इस जीत के साथ टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंच गई है.
चार दशक बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में भारतीय हॉकी टीम पहुंची है. इसको लेकर पूरे भारत के साथ-साथ झारखंड के खेल प्रेमियों में भी खुशी की लहर है. हॉकी के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के अलावा पूर्व ओलंपियन मनोहर टोपनो ने भी खुशी जाहिर करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है.
मनोहर टोपनो ने कहा कि भारतीय टीम बेहतर खेल रही है, आगे भी इसी टेक्निक के साथ टीम के हर खिलाड़ी खेले तो फाइनल तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी. अगर भारतीय टीम फाइनल में पहुंच गई तो हॉकी में इस बार गोल्ड पक्का है.
वर्षों बाद सेमीफाइनल में भारत
भारतीय हॉकी टीम ने इससे पहले 1980 ओलंपिक में सेमीफाइनल खेला था और उस वर्ष खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था. साल 1980 की उस टीम में झारखंड के सिलबानुस डुंगडुंग भारतीय टीम का हिस्सा थे. उनके साथी खिलाड़ी ओलंपियन मनोहर टोपनो ने लॉस एंजिल्स ओलंपिक, 1984 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में हिस्सा लिया था. हालांकि वो टीम 1984 में पांचवें स्थान पर रही थी.
साल 1980 के बाद 2021 में आयोजित टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम एक मजबूत स्थान पर है और पदक से बस एक जीत दूर है. भारत ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ब्रिटेन को 3-1 से हराकर अंतिम चार में अपना स्थान पक्का कर लिया है. विश्व रैंकिंग में तीसरे नंबर पर चल रही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल का प्रदर्शन दिखाया है. पुल स्टेज में अगर ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए मुकाबले को हटा दिया जाए तो भारत में बाकी सभी मुकाबले जीतकर ग्रुप में दूसरा पायदान सुनिश्चित किया.
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वापस मिली खोई प्रतिष्ठा
ओलंपिक के इतिहास में भारतीय हॉकी टीम का नाम अभी-भी सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है. साल 1980 तक भारतीय हॉकी टीम की दुनिया में तूती बोलती थी. लेकिन 1980 के बाद से भारतीय टीम कभी-भी सेमीफाइनल तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में अब 41 साल बाद भारतीय टीम ने अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को एक बार दोबारा वापस पाया है. ऐसे में हॉकी से जुड़े तमाम खिलाड़ियों ने खुशी जाहिर की है, साथ ही भारतीय टीम को आगे अच्छा प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी है.