रांची: दुर्गा पूजा एवं अन्य त्योहारों के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति करने में जुटा झारखंड बिजली वितरण निगम ने पूजा समितियों के लिए पंडालों में अस्थायी बिजली कनेक्शन लेना अनिवार्य कर दिया है. यदि बिजली विभाग के द्वारा अस्थायी कनेक्शन नहीं लिया जाता है तो संबंधित पूजा समितियों के खिलाफ कर्रवाई भी हो सकती है.
रांची प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा है कि पूजा के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो इससे बचने के लिए सुरक्षा मानकों को जरूर ध्यान में रखना होगा. इसके लिए विभाग द्वारा प्रतिनियुक्त पदाधिकारी ना केवल निरीक्षण करेंगे बल्कि कनेक्शन की सुविधा भी मुहैया कराएंगे. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कंट्रोल रुम गठित की जा रही है और लोगों से अपील भी की जा रही है कि कोई परेशानी होने पर विभाग द्वारा जारी व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज करें. उन्होंने कहा कि पूजा समिति पंडाल के इर्दगिर्द कुछ जगह ऐसा जरूर रखें जहां बिजली मिस्त्री बैठ सकें. इसके अलावे सभी जूनियर इंजीनियर को भी विशेष रुप से जिम्मेदारी दी गई है कि अपने अपने क्षेत्र में वे चौकसी बनाए रखें.
पूजा पंडालों को रखना होगा यह ध्यान
- पूजा पंडालों में विद्युत आपूर्ति हेतु झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के पदाधिकारी से लोड स्वीकृत कराकर कनेक्शन लेना होगा.
- स्विच बोर्ड एवं तार को बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
- पंडाल एवं गेट को ओवरहेड लाइन से दूर रखें.
- पंडालों एवं भवनों में अर्थिंग की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए.
- पंडाल परिसर में प्रवेश एवं निकास हेतु अलग-अलग द्वार बनाया जाए.
- रोड क्रॉसिंग वाले पूजा पंडाल स्थल पर विशेष सावधानी बरतें.
- लोड के अनुरूप ही तारों के साइज का व्यवहार करें.
त्योहार के दौरान करीब 300 मेगावाट की बढती है खपत: त्योहार के दौरान राज्य में करीब 200 से 300 मेगावाट बिजली की अतिरिक्त खपत होती है जिसको ध्यान में रखते हुए ऊर्जा विभाग ने पहले से ही तैयारी कर ली है. महाप्रबंधक ऋषि नंदन के अनुसार वर्तमान समय में राज्यभर में करीब 2200 से 2300 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है ऐसे में त्योहार को देखते हुए ऊर्जा विभाग ने इस बार पहले से ही सेंट्रल एक्सचेंज से 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की डिमांड कर रखी है जरूरत के मुताबिक वहां से राज्य को उपलब्ध हो सकेगा हालांकि दुर्गा पूजा के समय नवमी और दशमी को राज्य के अधिकांश इंडस्ट्री में छुट्टी रहती है जिस वजह से खपत सामान्य दिनों के अपेक्षा कम होगी लेकिन पूजा पंडालों और सड़कों पर होने वाले विद्युत सजावट की वजह से जो अतिरिक्त खपत होगी उसको ध्यान में रखकर यह तैयारी की गई है जिससे निर्वाध बिजली राज्य में उपलब्ध हो सके.