रांचीः सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए राज्य शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से एक नया प्रयोग किया जा रहा है. परिषद के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने बताया कि सुबह 9ः00 बजे से पहले और शाम 6ः00 बजे के बाद क्लास शुरू की जाएगी, जब अभिभावक घर पर रहते हैं. इस दौरान बच्चों को ऑनलाइन क्लास दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि यह प्रयोग कई क्षेत्रों में सफल भी हुआ है.
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सरकारी स्कूलों में नामांकित 65 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों तक ऑनलाइन कक्षाओं की सुविधा नहीं पहुंच रही है. इसके साथ ही दूरदर्शन और व्हाट्सएप ग्रुप और कई उपाय किए जा रहे हैं. इसके बावजूद शत-प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन पठन-पाठन का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. इसकी वजह यह है कि कई विद्यार्थियों के पास स्मार्टफोन नहीं है. अभिभावक के पास स्मार्टफोन होने की वजह से दिनभर बच्चे ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित रह जाते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने एक नया प्रयोग करते हुए अब लॉकडाउन के दौरान सुबह और देर शाम अभिभावकों के घर में मौजूदगी होने पर ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत राज्य भर में करने की योजना बनाई है.
प्रयोग के तौर पर की गई शुरुआत
प्रयोग के तौर पर कुछ क्षेत्रों में सुबह-शाम ऑनलाइन क्लास की शुरुआत की गई है, जिसका रिस्पांस बेहतर मिल रहा है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से कहा गया है, कि अधिकांश घरों में मोबाइल फोन की कमी है. सर्वेक्षण में पाया गया है कि अभिभावक मोबाइल घर में छोड़कर नहीं जाते हैं और इसी वजह से विद्यार्थी ऑनलाइन पठन-पाठन से वंचित है. परिषद के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने कहा कि सुबह या देर शाम उनके माता-पिता काम से लौट जाते हैं, तो बच्चे के पास मोबाइल उपलब्ध हो जाएगा.
आने वाले समय में सफल साबित होगी योजना
वहीं शिक्षकों से कहा गया है कि शाम 6:00 बजे के बाद और सुबह 9:00 बजे से पहले ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करना शुरू कर दिया है. शिक्षकों ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में नयी योजना के तहत ऑनलाइन क्लास शुरू किया गया है. हालांकि, नेटवर्क की कमी के कारण अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में यह पहल सफल नहीं हो रहा है, लेकिन इस दिशा में शिक्षा विभाग विकल्प के तौर पर दूरदर्शन की कक्षाओं को पिछले साल की तरह इस साल भी चलाने को लेकर विचार कर रही है.