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राज्य शिक्षा परियोजना परिषद ने डीएसई से मांगी रिपोर्ट, स्कूल किट वितरण में गोलमाल की आशंका - स्कूल किट वितरण में स्कैम

स्कूल किट वितरण मामले को लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के डीएसई से रिपोर्ट मांगी है. दरअसल पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में तमाम स्कूलों को स्कूल किट वितरण के लिए फंड मुहैया करा दिया गया था, जिसकी समुचित रिपोर्ट विभाग के पास नहीं है.

state education project council
राज्य शिक्षा परियोजना परिषद
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Published : Dec 18, 2020, 2:08 PM IST

रांचीः झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी डीएसई को पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को स्कूल किट दिए जाने के मामले में रिपोर्ट तलब की गई है. तमाम जिला शिक्षा अधीक्षकों को जल्द से जल्द इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सुपुर्द करने का निर्देश जारी हुआ है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद इस मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों में हड़कंप है.

निशुल्क कॉपी किताब और स्कूल किट
प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निशुल्क कॉपी किताब और स्कूल किट दी जाती है. पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में तमाम स्कूलों के लिए बच्चों के बीच वितरित की जाने वाली स्कूल किट को लेकर फंड मुहैया करा दिया गया था. इसकी समुचित रिपोर्ट विभाग के पास नहीं है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को जल्द से जल्द इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपने को कहा गया है.

इसे भी पढ़ें- जनवरी में पंचायत राज संस्थाएं हो जाएंगी भंग, पंचायती राज निदेशक ने जारी किया पत्र


निगरानी के अभाव में अधर में कई योजनाएं
कोरोना महामारी के दौरान सही तरीके से निगरानी न होने के कारण कई योजनाएं अधर में हैं. शिक्षा विभाग से जुड़ी कई योजनाएं भी अब तक धरातल पर नहीं उतारी जा सकी हैं. इस बीच कॉपी किताब और स्कूल किट दिए जाने को लेकर भी अधिकारियों और शिक्षकों की ओर से लापरवाही बरती गई है. मामला सीएम के संज्ञान में है. इस वजह से विभागीय अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. मामले को लेकर जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब करने को कहा गया है. कहीं भी अनियमितता पाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन समिति से अतिरिक्त राशि वसूली को लेकर भी निर्देश जारी हुआ है.


लगभग 66 करोड़ रुपये जिलों को आवंटित
इस वित्तीय वर्ष में लगभग 33.70 लाख बच्चों को कॉपियां और स्कूल किट देने के लिए लगभग 66 करोड़ रुपये जिलों को आवंटित किए गए थे. मामले को लेकर राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से विभागीय समीक्षात्मक बैठक में इस पूरे मामले को लेकर जांच करने का निर्देश दिया गया है. इसी के तहत तमाम जिला शिक्षा अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है.

रांचीः झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी डीएसई को पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को स्कूल किट दिए जाने के मामले में रिपोर्ट तलब की गई है. तमाम जिला शिक्षा अधीक्षकों को जल्द से जल्द इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सुपुर्द करने का निर्देश जारी हुआ है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद इस मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों में हड़कंप है.

निशुल्क कॉपी किताब और स्कूल किट
प्रत्येक वित्तीय वर्ष में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निशुल्क कॉपी किताब और स्कूल किट दी जाती है. पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में तमाम स्कूलों के लिए बच्चों के बीच वितरित की जाने वाली स्कूल किट को लेकर फंड मुहैया करा दिया गया था. इसकी समुचित रिपोर्ट विभाग के पास नहीं है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को जल्द से जल्द इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपने को कहा गया है.

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निगरानी के अभाव में अधर में कई योजनाएं
कोरोना महामारी के दौरान सही तरीके से निगरानी न होने के कारण कई योजनाएं अधर में हैं. शिक्षा विभाग से जुड़ी कई योजनाएं भी अब तक धरातल पर नहीं उतारी जा सकी हैं. इस बीच कॉपी किताब और स्कूल किट दिए जाने को लेकर भी अधिकारियों और शिक्षकों की ओर से लापरवाही बरती गई है. मामला सीएम के संज्ञान में है. इस वजह से विभागीय अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. मामले को लेकर जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब करने को कहा गया है. कहीं भी अनियमितता पाए जाने पर विद्यालय प्रबंधन समिति से अतिरिक्त राशि वसूली को लेकर भी निर्देश जारी हुआ है.


लगभग 66 करोड़ रुपये जिलों को आवंटित
इस वित्तीय वर्ष में लगभग 33.70 लाख बच्चों को कॉपियां और स्कूल किट देने के लिए लगभग 66 करोड़ रुपये जिलों को आवंटित किए गए थे. मामले को लेकर राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से विभागीय समीक्षात्मक बैठक में इस पूरे मामले को लेकर जांच करने का निर्देश दिया गया है. इसी के तहत तमाम जिला शिक्षा अधीक्षकों से रिपोर्ट मांगी गई है.

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