रांची: नगर निकाय चुनाव को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद राज्य में इसको लेकर सियासत तेज हो गई है. इसको लेकर भाजपा हेमंत सरकार और सत्ताधारी दलों पर मुखर है और लगातार निशाना साध रही है.
भारतीय जनता पार्टी ने जहां इसका स्वागत करते हुए राज्य सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए ट्रिपल टेस्ट की आड़ में निकाय चुनाव को टालने का आरोप लगाया है. वहीं सत्तारुढ़ कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार चुनाव कराया जाएगा.
बीजेपी मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने नगर निकाय चुनाव को लेकर सरकार पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरह से ट्रिपल टेस्ट के बहाने सरकार इसे टालती रही है उसका पटाक्षेप हाईकोर्ट के फैसले से हो गया है. ट्रिपल टेस्ट हो या नहीं सरकार को चार महीने के भीतर चुनाव कराना होगा. कांग्रेस नेता विनय सिन्हा दीपू ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सरकार हमेशा से चुनाव कराने की पक्षधर रही है. कुछ तकनीकी कारणों से चुनाव नहीं हो पा रहे थे, अब झारखंड हाईकोर्ट का जो आदेश आया है उसके अनुसार से सरकार चुनाव कराएगी.
हाईकोर्ट के निर्णय से नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ
सियासी बयानों के बीच इस मामले में न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली रौशनी खलखो ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अब राज्य में नगर निकाय चुनाव हो सकेगा. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय से राज्य में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. 2022 में रांची नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हुआ था. जिसके बाद से अधिकारियों के भरोसे कामकाज चल रहा है जिस वजह से लोगों को मूलभूत सुविधा से वंचित होना पर रहा है.
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