रांची: जमशेदपुर के एमजीएम के इमरजेंसी में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश उरांव के साथ दो दिन पहले मारपीट की घटना हुई. इसके विरोध में शुक्रवार 22 सितंबर को राज्य के सभी सरकारी और गैर-सरकारी डॉक्टर्स हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी.
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की झारखंड इकाई और झारखंड हेल्थ सर्विस एसोसिएशन के संयुक्त आह्वान पर राज्य भर के 13 हजार के करीब सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर शुक्रवार को कार्य बहिष्कार पर रहेंगे. गुरुवार को झासा के संरक्षक डॉ. बिमलेश सिंह ने कहा कि शुक्रवार को सुबह 06 बजे से डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि अभी भी सरकार और प्रशासन के पास समय है कि वह डॉक्टर कमलेश उरांव के साथ मारपीट करने वाले लोगों की गिरफ्तार कर कठोर दंड सुनिश्चित कराएं अन्यथा उनकी ये हड़ताल अनिश्चितकालीन हो जाएगी.
गुरुवार से ही जमशेदपुर में डॉक्टरों ने कर दिया कार्य बहिष्कारः आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने कहा कि मारपीट का वीडियो फुटेज होने के बावजूद अभी तक दोषियों को नहीं पकड़े जाने से राज्य के डॉक्टरों में रोष व्याप्त है. इसलिए गुरुवार के दोपहर 12 बजे से ही जमशेदपुर की आईएमए जिला इकाई और झासा की जिला इकाई के आह्वान पर कार्य बहिष्कार शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की गुंडागर्दी एमडीएम के डॉ कमलेश उरांव के साथ हुई है उससे साफ है कि डॉक्टरों को मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की जरूरत है. उन्होंने कहा कि घटना का वीडियो फुटेज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं होने से डॉक्टर्स आक्रोशित है.
मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी बंद रहेगा ओपीडीः झासा के संरक्षक डॉ. बिमलेश कुमार सिंह ने 22 सितंबर को कार्य बहिष्कार के दौरान सिर्फ आपात सेवा चलेगी. इस दौरान ओपीडी एवं अन्य सुविधाएं बाधित रहेगी. उन्होंने कहा कि इस दौरान मरीजों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेवारी स्वास्थ्य महकमा, प्रशासन और सरकार की होगी.