रांचीः झारखंड पुलिस परिवार के द्वारा शनिवार को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया गया. राज्य और देश की रक्षा करने वाले वीर शहीदों को राजधानी रांची सहित पूरे प्रदेश में श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
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रांची में जैप ग्राउंड, पुलिस लाइन और सीआरपीएफ कैंप सहित कई स्थानों पर पुलिस अधिकारियों और जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. जैप वन ग्राउंड में डीजीपी अजय कुमार सिंह सहित तमाम पुलिस अधिकारियों ने एक साल के भीतर देश की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया. इस मौके पर डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि शहीद होने वाले पुलिसकर्मी हमेशा ही कर्तव्यपथ पर बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं. आज के दिन सिर्फ और सिर्फ शहीदों को याद करना चाहिए उनके परिवार वालों की मदद कैसे की जाए इस दिशा में भी सोचना चाहिए. बता दें झारखंड में इस वर्ष नक्सलियों से लोहा लेते हुए 05 जवान शहीद हुए.
झारखंड में इस वर्ष 5 जवान हुए शहीदः इस वर्ष नक्सलियों से लोहा लेते हुए झारखंड में चार जवान और एक अफसर शहीद हुए. 14 अगस्त की रात नक्सलियों के द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कोबरा बटालियन के सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और सिपाही गौतम शहीद हो गए जबकि 11 अगस्त को सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल निशांत शहीद हो गए थे. इस वर्ष झारखंड पुलिस को सबसे ज्यादा नुकसान कोल्हान में उठाना पड़ा है. पुलिस संस्मरण दिवस के अवसर पर पांचों वीर शहीदों को याद कर नमन किया गया.
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राष्ट्र और समाज की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपना जीवन न्योछावर करने वाले सभी वीर शहीदों को "पुलिस स्मृति दिवस" पर कोटि-कोटि नमन।
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) October 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
आपका सर्वोच्च बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
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आपका सर्वोच्च बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
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आपका सर्वोच्च बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
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22 साल में 545 पुलिसकर्मी और 1890 आमलोग हुए हैं नक्सल हिंसा के शिकारः झारखंड गठन के बाद नक्सली वारदातों में 545 से ज्यादा पुलिसकर्मी और 1887 आम नागरिक मारे गए हैं. झारखंड पुलिस ने साल 2001-23 के बीच 344 नक्सलियों को भी मुठभेड़ों में मार गिराया है. झारखंड में भाकपा माओवादियों के हुए बड़े हमलों में पाकुड़ के एसपी अमरजीत बलिहार, डीएसपी स्तर के अधिकारी डीएसपी प्रमोद कुमार रांची के बुंडू में, पलामू में देवेंद्र राय, चतरा में विनय भारती तक को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था. झारखंड गठन के ठीक एक वर्ष पहले लोहरदगा एसपी रहे अजय कुमार सिंह भी नक्सली हमले में शहीद हो गए थे.
क्यों मनाते हैं पुलिस स्मृति दिवसः 21 अक्टूबर 1959 को भारत के लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में चीनी सेना के आक्रमण में सीआरपीएफ अधिकारी कर्म सिंह अपने 20 साथियों के साथ शहीद हुए थे. इसके बाद से हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण या स्मृति दिवस मनाया जाता है. इस दौरान पिछले एक साल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है.