रांचीः 07 सितम्बर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का समापन 30 जनवरी को कश्मीर में समाप्त हो चुका है. देशभर के अलग अलग क्षेत्र से कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए. इस यात्रा में झारखंड से भी 7 लोग शामिल हुए, उनमें से एक अमरजीत नाथ मिश्रा थे. जमशेदपुर के रहने वाले 60 वर्षीय अमरजीत नाथ महतो अपने घर लौट चुके हैंं. रांची प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उन्होंने ईटीवी भारत के साथ भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुजारे वक्त को बयां किया.
राहुल गांधी की लगभग 3600 किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो यात्रा में कन्याकुमारी से कश्मीर तक साथ-साथ चले अमरजीत नाथ महतो ने बताया कि कैसे कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी को जनसमर्थन मिला. समाज के हर वर्ग का समर्थन और प्रेम मिला, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर सहित हर तरफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को व्यापक समर्थन मिला.
पंजाब के जालंधर में असमाजिक तत्वों के शिकार हुए अमरजीत नाथ मिश्राः कांग्रेस कार्यकर्ता अमरजीत नाथ मिश्रा कहते हैं कि भारत जोड़ो जैसे नेक लक्ष्य के लिए शुरू की गयी यात्रा के दौरान पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने यात्रा को असफल करने की कोशिश की. स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. इसी वजह से उन्हें असामाजिक तत्वों की करतूत का शिकार होना पड़ा.
लुटेरों ने खुद कांग्रेस कार्यकर्ता बता कर की लूटः 60 वर्षीय अमरजीत नाथ मिश्रा ने बताया कि जालंधर में वह भारत जोड़ो यात्रा में पीछे छूट गए थे. इसी दौरान एक मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने खुद को पार्टी कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि आगे जमुना बस लगी है चलिए वहां छोड़ देते हैं. वह मोटरसाइकिल पर बैठे तो उन्हें सुनसान स्थान पर कच्चे रास्ते में ले गये. वहां उनके प्रतिरोध करने पर बाइक गिर गयी और गुत्थम गुत्थी में अमरजीत की जैकेट निकल गयी. जिसके बाद वो जैकेट लेकर भाग गए, उस जैकेट में उनका मोबाइल, चार्जर और 970 रुपया था.
अमरजीत जैकेट छोड़कर मुख्य सड़क की ओर भागे और वह किसी तरह भारत जोड़ो यात्रा की मंडली तक पहुंचे. यहां उन्होंने अपने साथ घटी घटना का जिक्र अन्य लोगों से किया. इस बाबत कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और कई नेताओं को इस घटना की जानकारी है. उन्होंने अमरजीत नाथ मिश्रा के लिए मोबाइल की व्यवस्था करायी. इस मामले में पुलिस में शिकायत की गयी पर उन्होंने मामले को अनदेखा कर दिया.