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Ranchi News: पार्टी फंड में योगदान को लेकर गंभीर नहीं दिखते कांग्रेस के विधायक और मंत्री, बकाया भुगतान के लिए सभी को भेजी गई चिट्ठी - मंत्री आलमगीर आलम

झारखंड कांग्रेस ने अपने विधायक और मंत्रियों को पार्टी फंड में बकाया योगदान जमा करने के लिए पत्र भेजा है. कई नेताओं ने अपना बकाया जमा नहीं कराया है.

कांग्रेस पार्टी फंड
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Published : May 15, 2023, 8:38 PM IST

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रांची: झारखंड कांग्रेस पार्टी फंड में विधायक, मंत्री और पदाधिकारी समय पर अपना योगदान नहीं करते हैं. लिहाजा, अब पीसीसी झारखंड को बकाया भुगतान के लिए पार्टी कोटे से चुनाव जीत कर विधायक और मंत्री बने नेताओं को पत्र लिखना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने माना कि पार्टी फंड में बकाया भुगतान कर देने का पत्र उन्हें भी मिला है.

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई कल, अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का है मामला, पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट

क्या है कांग्रेस पार्टी फंड में योगदान का प्रावधान: झारखंड कांग्रेस कमिटी के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड कांग्रेस में हर विधायक को प्रति महीने सात हजार और पार्टी कोटे से बने मंत्रियों को 10 हजार रुपये का योगदान करना जरूरी है. वहीं पार्टी के पदाधिकारियों के लिए हर माह 1,885 रुपये का योगदान करना जरूरी है. लेकिन हैरत की बात यह है कि जिस पार्टी की वजह से आज कोई विधायक है तो कोई मंत्री, उन्हें पार्टी फंड में योगदान की बात शायद याद ही नहीं रहता. यही वजह है कि झारखंड में दो तिहाई कांग्रेस के विधायकों ने लंबे दिनों से पार्टी फंड में अपना योगदान जमा नहीं किया है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में होने वाले खर्च, स्टाॅफ के वेतन और अन्य कार्यक्रमों के लिए बड़ी राशि की हर माह जरूरत होती है. ऐसे में कांग्रेस कोटे से मंत्री और विधायक बने नेताओं को बकाया राशि जल्द भुगतान के लिए पत्र भेजा जा रहा है.

मुझे भी मिला है जल्द बकाया राशि जमा करने का पत्र- आलमगीर आलम: कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें भी पार्टी फंड में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पत्र प्रदेश कार्यालय से मिला है. उन्होंने कहा कि सभी विधायक और मंत्री पार्टी फंड में नियमानुसार अपना कंट्रीब्यूशन जरूर करते हैं. यह बात जरूर है कि इसमें देर सवेर हो जाती है. आलमगीर आलम ने कहा कि एक बार में पांच महीने का अपना कंट्रीब्यूशन पार्टी फंड में जमा कर देते हैं. ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि इस पर ध्यान नहीं रहता, जिस वजह से कुछ देर हो जाती है.

यह भी पढ़ें: Jharkhand Politics: 'जो ढोल बजा रहे, अबीर लगा रहे वे यूपी जाएं' कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कही ये बात

पार्टी के नियमों के अनुसार समय समय पर करना चाहिए योगदान- राकेश सिन्हा: झारखंड कांग्रेस पार्टी फंड में विधायक, मंत्री और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से अपने योगदान की राशि जमा करने में उदासीन रवैया अपनाने को लेकर जब ईटीवी भारत ने प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा से बात की. तब उन्होंने कहा कि पत्र भेजने के बाद कई लोगों ने बकाया राशि जमा कराया है. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी की वजह से हमें पहचान और पद मिला है, उस पार्टी के नियमों के अनुसार हमें उत्साह के साथ अपना योगदान पार्टी फंड में जमा भी कराना चाहिए.

तीनों निलंबित विधायक पर सबसे ज्यादा बकाया: कांग्रेस पार्टी कार्यालय के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो कांग्रेस पार्टी से निलंबित तीनों विधायक राजेश कच्छप, इरफान अंसारी और नमन विक्सल कोंगारी तथा रामगढ की पूर्व विधायक ममता देवी के ऊपर पार्टी फंड का सबसे अधिक बकाया है. वहीं कुछेक मंत्री और विधायकों ने बकाया भुगतान का पत्र मिलने के बाद पार्टी फंड में राशि जमा कर दी है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या वैसे विधायक और पार्टी पदाधिकारियों की है, जिन्होंने पार्टी फंड में योगदान से मुंह मोड़ रखा है.

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रांची: झारखंड कांग्रेस पार्टी फंड में विधायक, मंत्री और पदाधिकारी समय पर अपना योगदान नहीं करते हैं. लिहाजा, अब पीसीसी झारखंड को बकाया भुगतान के लिए पार्टी कोटे से चुनाव जीत कर विधायक और मंत्री बने नेताओं को पत्र लिखना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने माना कि पार्टी फंड में बकाया भुगतान कर देने का पत्र उन्हें भी मिला है.

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क्या है कांग्रेस पार्टी फंड में योगदान का प्रावधान: झारखंड कांग्रेस कमिटी के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड कांग्रेस में हर विधायक को प्रति महीने सात हजार और पार्टी कोटे से बने मंत्रियों को 10 हजार रुपये का योगदान करना जरूरी है. वहीं पार्टी के पदाधिकारियों के लिए हर माह 1,885 रुपये का योगदान करना जरूरी है. लेकिन हैरत की बात यह है कि जिस पार्टी की वजह से आज कोई विधायक है तो कोई मंत्री, उन्हें पार्टी फंड में योगदान की बात शायद याद ही नहीं रहता. यही वजह है कि झारखंड में दो तिहाई कांग्रेस के विधायकों ने लंबे दिनों से पार्टी फंड में अपना योगदान जमा नहीं किया है. कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में होने वाले खर्च, स्टाॅफ के वेतन और अन्य कार्यक्रमों के लिए बड़ी राशि की हर माह जरूरत होती है. ऐसे में कांग्रेस कोटे से मंत्री और विधायक बने नेताओं को बकाया राशि जल्द भुगतान के लिए पत्र भेजा जा रहा है.

मुझे भी मिला है जल्द बकाया राशि जमा करने का पत्र- आलमगीर आलम: कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें भी पार्टी फंड में बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पत्र प्रदेश कार्यालय से मिला है. उन्होंने कहा कि सभी विधायक और मंत्री पार्टी फंड में नियमानुसार अपना कंट्रीब्यूशन जरूर करते हैं. यह बात जरूर है कि इसमें देर सवेर हो जाती है. आलमगीर आलम ने कहा कि एक बार में पांच महीने का अपना कंट्रीब्यूशन पार्टी फंड में जमा कर देते हैं. ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि इस पर ध्यान नहीं रहता, जिस वजह से कुछ देर हो जाती है.

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पार्टी के नियमों के अनुसार समय समय पर करना चाहिए योगदान- राकेश सिन्हा: झारखंड कांग्रेस पार्टी फंड में विधायक, मंत्री और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से अपने योगदान की राशि जमा करने में उदासीन रवैया अपनाने को लेकर जब ईटीवी भारत ने प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा से बात की. तब उन्होंने कहा कि पत्र भेजने के बाद कई लोगों ने बकाया राशि जमा कराया है. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी की वजह से हमें पहचान और पद मिला है, उस पार्टी के नियमों के अनुसार हमें उत्साह के साथ अपना योगदान पार्टी फंड में जमा भी कराना चाहिए.

तीनों निलंबित विधायक पर सबसे ज्यादा बकाया: कांग्रेस पार्टी कार्यालय के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो कांग्रेस पार्टी से निलंबित तीनों विधायक राजेश कच्छप, इरफान अंसारी और नमन विक्सल कोंगारी तथा रामगढ की पूर्व विधायक ममता देवी के ऊपर पार्टी फंड का सबसे अधिक बकाया है. वहीं कुछेक मंत्री और विधायकों ने बकाया भुगतान का पत्र मिलने के बाद पार्टी फंड में राशि जमा कर दी है, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या वैसे विधायक और पार्टी पदाधिकारियों की है, जिन्होंने पार्टी फंड में योगदान से मुंह मोड़ रखा है.

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