रांची: बेहतरीन संस्थानों में शुमार बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी मेसरा) के 69वें स्थापना दिवस पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल हुए. उन्होंने यहां उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों का मनोबल बढ़ाया. इस कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बीआईटी मेसरा का झारखंड में होना झारखंडवासियों का सौभाग्य है.
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सीएम खुद बीआईटी के हैं छात्र: मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश भर के छात्र इस विश्वविद्यालय में आकर शिक्षा प्राप्त करते हैं. पूरी दुनिया में झारखंड और इस संस्था का नाम रोशन करते हैं. 69वें स्थापना दिवस के मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भी इस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं और उन्होंने भी इस कॉलेज की गुणवत्ता को देखा है.
वन विंडो सिस्टम की व्यवस्था: मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ही कहा कि बीआईटी मेसरा के किसी भी समस्या के समाधान के लिए वन विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है. अगर संस्थान में किसी भी तरह की समस्या आती है तो वहां के अधिकारी सीधा मुख्यमंत्री को सूचित करें. मुख्यमंत्री अपने स्तर से त्वरित कार्रवाई करेंगे.
मुख्यमंत्री ने तुरंत लिया एक्शन: जब विश्वविद्यालय के कुलपति इन्द्रनील मन्ना ने जमीन से जुड़ी समस्या मुख्यमंत्री के समक्ष रखा तो तुरंत ही मुख्यमंत्री एक्शन में आ गए. उन्होंने अधिकारी को आदेश देते हुए क्षेत्र के संबंधित अंचलाधिकारी को कार्यक्रम के दौरान ही बीआईटी मेसरा कॉलेज में बुला लिया. बीआईटी मेसरा की जमीन पर वर्षों से कब्जा करने वालों पर कार्रवाई का आदेश दिया.
छात्र महसूस कर सके सुरक्षित: कुलपति ने बताया कि बीआईटी मेसरा के 780 एकड़ जमीन के कागजात प्रबंधन के पास हैं. कहा कि आज भी कई एकड़ जमीन है, जो बीआईटी मेसरा के कब्जे में नहीं है, उस जमीन को स्थानीय लोग उपयोग कर रहे हैं. कुलपति ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी इसमें कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. ग्रामीणों जो जमीन उपयोग कर रहे है वहां पर विश्वविद्यालय प्रबंधन दीवाल खड़ी कर अपनी क्षेत्र को अलग करना चाहता है ताकि परिसर में रह रहे छात्र खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. सीएम ने विश्वविद्यालय की जमीन की बाउंड्री करने के लिए स्थानीय अंचलाधिकारी को बुलाकर दिशा निर्देश देने का काम किया.