ETV Bharat / state

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय जनजातीय किशोरों में करेगा संकोच का अध्ययन, 5.57 लाख रुपये स्वीकृत

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से जनजातीय बहुल क्षेत्रों में किशोरों पर संकोच को लेकर अध्ययन किया जाएगा. इसे लेकर समसामयिक और जनजातीय विधि विभाग के समन्वयक डॉ. शमशेर आलम के नेतृत्व में रिसर्च टीम का चयन किया गया है.

jharkhand central university will study hesitancy among tribal teenagers
झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी
author img

By

Published : Feb 15, 2021, 3:07 PM IST

रांचीः झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से जनजातीय बहुल क्षेत्रों में किशोरों पर संकोच को लेकर अध्ययन किया जाएगा. इसे लेकर एक टीम भी तैयार कर ली गई है. झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के समसामयिक और जनजातीय विधि विभाग के समन्वयक डॉ. शमशेर आलम की रिसर्च टीम को डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान की ओर से शोध प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है.

इसे भी पढ़ें- DSPMU के गठन के बाद से ही शिक्षकों की भारी कमी, पत्राचार के बाद भी JPSC ने नहीं दिया ध्यान

जनजातीय किशोरों में कम्युनिकेशन और एक्स्ट्रा करीकुल
इस शोध में झारखंड के कुल सात जिले जिसमें चार जनजातीय बहुल रांची, सिमडेगा, खूंटी, दुमका और तीन गैर-जनजातीय बहुल हजारीबाग, कोडरमा और चतरा जिलों में 14 से 23 वर्ष के स्कूल और कॉलेज जाने वाले जनजातीय किशोरों में कम्युनिकेशन और एक्स्ट्रा करीकुलर गतिविधियों में संकोच का अध्ययन किया जाएगा.

शोध के लिए कुल 5.57 लाख रुपये की राशि
जनजातीय शोध संस्थान की ओर से इस शोध के लिए कुल 5.57 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसे 9 माह की समय-सीमा के अंतर्गत पूरा करना है. इस शोध कार्य के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर डॉ. आलम ने बताया कि शोध को सुचारु रूप से कार्यान्वित करने के लिए दो रिसर्च असिस्टेंट की बहाली के लिए विज्ञापन झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

इसे भी पढ़ें- 5 से 7 मार्च तक होगा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में पूर्वी क्षेत्रीय एग्रोटेक किसान मेला का आयोजन, पांच राज्यों के किसान लेंगे भाग


आवेदन की तिथि निर्धारित
आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी है और नियुक्ति प्रक्रिया 5 मार्च को विश्वविद्यालय के ब्राम्बे परिसर में आयोजित होगी. चयनित रिसर्च असिस्टेंट को 7 माह के लिए संविदा में रखा जाएगा, जिनका मानदेय 20 हजार रुपये प्रति माह होगा. यात्रा भत्ता शोध कार्य के लिए अलग से दिया जाएगा.

रिसर्च टीम में शामिल सदस्य
डॉ. शमशेर की चार सदस्य की रिसर्च टीम में को- प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर के रूप में डॉ. विभूति नायक, सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंस कोलकाता, डॉ. कृष्णा गोप, स्वतंत्र शोधकर्ता और डॉ. कृति गुप्ता, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय शामिल हैं.

रांचीः झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से जनजातीय बहुल क्षेत्रों में किशोरों पर संकोच को लेकर अध्ययन किया जाएगा. इसे लेकर एक टीम भी तैयार कर ली गई है. झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के समसामयिक और जनजातीय विधि विभाग के समन्वयक डॉ. शमशेर आलम की रिसर्च टीम को डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान की ओर से शोध प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है.

इसे भी पढ़ें- DSPMU के गठन के बाद से ही शिक्षकों की भारी कमी, पत्राचार के बाद भी JPSC ने नहीं दिया ध्यान

जनजातीय किशोरों में कम्युनिकेशन और एक्स्ट्रा करीकुल
इस शोध में झारखंड के कुल सात जिले जिसमें चार जनजातीय बहुल रांची, सिमडेगा, खूंटी, दुमका और तीन गैर-जनजातीय बहुल हजारीबाग, कोडरमा और चतरा जिलों में 14 से 23 वर्ष के स्कूल और कॉलेज जाने वाले जनजातीय किशोरों में कम्युनिकेशन और एक्स्ट्रा करीकुलर गतिविधियों में संकोच का अध्ययन किया जाएगा.

शोध के लिए कुल 5.57 लाख रुपये की राशि
जनजातीय शोध संस्थान की ओर से इस शोध के लिए कुल 5.57 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसे 9 माह की समय-सीमा के अंतर्गत पूरा करना है. इस शोध कार्य के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर डॉ. आलम ने बताया कि शोध को सुचारु रूप से कार्यान्वित करने के लिए दो रिसर्च असिस्टेंट की बहाली के लिए विज्ञापन झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

इसे भी पढ़ें- 5 से 7 मार्च तक होगा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में पूर्वी क्षेत्रीय एग्रोटेक किसान मेला का आयोजन, पांच राज्यों के किसान लेंगे भाग


आवेदन की तिथि निर्धारित
आवेदन की अंतिम तिथि 28 फरवरी है और नियुक्ति प्रक्रिया 5 मार्च को विश्वविद्यालय के ब्राम्बे परिसर में आयोजित होगी. चयनित रिसर्च असिस्टेंट को 7 माह के लिए संविदा में रखा जाएगा, जिनका मानदेय 20 हजार रुपये प्रति माह होगा. यात्रा भत्ता शोध कार्य के लिए अलग से दिया जाएगा.

रिसर्च टीम में शामिल सदस्य
डॉ. शमशेर की चार सदस्य की रिसर्च टीम में को- प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर के रूप में डॉ. विभूति नायक, सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंस कोलकाता, डॉ. कृष्णा गोप, स्वतंत्र शोधकर्ता और डॉ. कृति गुप्ता, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय शामिल हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.