रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदर की लड़ाई और बगावत ने नेतृत्व को परेशान कर रखा है. विधायक लोबिन हेम्ब्रम और सीता सोरेन ने खुलकर मुख्यमंत्री और सरकार की नीतियों का विरोध किया है. वहीं, कुछ असंतुष्ट विधायक पर्दे के पीछे से विरोध कर रहे हैं. लेकिन इन बागी विधायकों पर पार्टी की ओर से कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसपर बीजेपी ने कहा कि जेएमएम अपने बागी विधायकों पर कार्रवाई नहीं कर सकता है. इसकी वजह स्वार्थ है. हालांकि, जेएमएम ने बीजेपी का जवाब देते हुए कहा कि हमें नैतिकता पढ़ाने की जरूरत नहीं है.
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जेएमएम के वरीय नेता स्टीफन मरांडी ने पिछले दिनों झामुमो के अंदर घमासान का ठीकरा बीजेपी और बाबूलाल मरांडी के सिर फोड़ा था. इसके जवाब में रविवार को बीजेपी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि झामुमो के बागी विधायकों के पीछे भाजपा या बाबूलाल मरांडी नहीं हैं. बल्कि उनके अंदर की गड़बड़ियां हैं. झामुमो विधायक सदन के अंदर और सदन के बाहर सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ मुखर हैं. जेएमएम के बागी विधायकों ने तथ्य के साथ बताया जल जंगल जमीन की लूट मची है. उन्होंने कहा कि झामुमो का नेतृत्व अपने विधायकों के उठाये सवाल का जवाब नहीं ढूंढ पा रही है तो अनर्गल आरोप बीजेपी पर लगा रही है. अमर बाउरी ने कहा कि बागी विधायकों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. इसके पीछे स्वार्थ छिपा है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडे ने कहा कि बीजेपी नेता कार्रवाई और नैतिकता का पाठ ना पढ़ाए. उन्होंने कहा कि 14 महीने के शासनकाल में हेमंत सोरेन ने अनुशासन के लिए अपने मंत्री तक को बर्खास्त कर चुके हैं. यह रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सभी का सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष छोटे कार्यकर्ता से लेकर बड़े नेताओं तका का सम्मान करते हैं और संगठन को सद्भाव से चलाने में विश्वास करते हैं. लेकिन कोई भी नेता पार्टी के खिलाफ चलेगा तो कार्रवाई होगी. इसपर फैसला शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन सोच विचार के लेंगे.