रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में कांके विधानसभा सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच तगड़ी टक्कर होनी वाली है. दरअसल, इस सीट क्षेत्र में लगातार पिछले 30 सालों से बीजेपी का दबदबा रहा है. वहीं, कांग्रेस का भी एक मजबूत जनाधार है. एक तरफ बीजेपी से समरी लाल और दूसरी तरफ कांग्रेस से सुरेश कुमार बैठा चुनावी मैदान में है.
समरी लाल को राजनीति का है लंबा अनुभव
कांके विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के 65 वर्षीय समरी लाल को राजनीति का एक लंबा अनुभव रहा है. ये 1999 में जनता दल से कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की टिकट से 1995 में, फिर 2005 में जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़े. जिसके बाद 2009 में जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें एक बार भी जीत का खिताब नहीं मिला. वहीं, 2013 में समरी लाल ने बीजेपी का दामन थामा. जबकि, 2019 में बीजेपी ने इनपर भरोसा जताते हुए कांके से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार वह अपनी जीत दर्ज कराने के लिए जी-जीन से मेहनत कर रहे हैं और जनता से वोट की अपील कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें-बोकारो में पीएम मोदी की जनसभा, कहा- स्थिर सरकार के लिए फिर दबाएं कमल का बटन
2 बार सुरेश कुमार बैठा को बीजेपी से मिल चुकी है शिकस्त
वहीं, कांग्रेस के युवा प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा पिछले 20 सालों से कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे. इन्होंने कांके विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच लगातार खुद को प्रस्तुत किया है. 2009 में कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए कांके विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के रूप में सुरेश बैठा को टिकट दिया, लेकिन बीजेपी के रामचंद्र बैठा से हार गए. पार्टी ने एक बार फिर 2014 में भरोसा जताते हुए टिकट दिया, लेकिन उसके बाद भी बीजेपी के प्रत्याशी जीतू चरण राम से इन्हें हार मिली. इस बार फिर महागठबंधन के सीट शेयरिंग में मिले कांके विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने सुरेश कुमार बैठा पर भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी बनाया है. इसको लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में अपना जीत दर्ज कराना चाहते हैं. जिसको लेकर लगातार जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट देने का फील कर रहे हैं.
पिछले 30 सालों से लगातार कांके विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा रहा है. ऐसे में एक तरफ बीजेपी अपना दबदबा बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. तो वहीं, कांग्रेस भी इस विधानसभा क्षेत्र में अपनी जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही. कांके विधानसभा कई मायनों में अहम माना जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान है जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है. जैसे रिनपास, सीआईपी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी, खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी.