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कांके विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच महासंग्राम, 12 दिसंबर को किस्मत पर लगेगी मुहर

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Published : Dec 10, 2019, 9:55 AM IST

Updated : Dec 10, 2019, 10:52 AM IST

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण के तहत राजधानी रांची की कांके विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है. बीजेपी से राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले समरी लाल तो, कांग्रेस से युवा प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा आमने सामने हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि 12 दिसंबर को जनता किसकी किस्मत पर मुहर लगाती है.

कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशी

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में कांके विधानसभा सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच तगड़ी टक्कर होनी वाली है. दरअसल, इस सीट क्षेत्र में लगातार पिछले 30 सालों से बीजेपी का दबदबा रहा है. वहीं, कांग्रेस का भी एक मजबूत जनाधार है. एक तरफ बीजेपी से समरी लाल और दूसरी तरफ कांग्रेस से सुरेश कुमार बैठा चुनावी मैदान में है.

देखें पूरी खबर


समरी लाल को राजनीति का है लंबा अनुभव
कांके विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के 65 वर्षीय समरी लाल को राजनीति का एक लंबा अनुभव रहा है. ये 1999 में जनता दल से कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की टिकट से 1995 में, फिर 2005 में जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़े. जिसके बाद 2009 में जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें एक बार भी जीत का खिताब नहीं मिला. वहीं, 2013 में समरी लाल ने बीजेपी का दामन थामा. जबकि, 2019 में बीजेपी ने इनपर भरोसा जताते हुए कांके से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार वह अपनी जीत दर्ज कराने के लिए जी-जीन से मेहनत कर रहे हैं और जनता से वोट की अपील कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-बोकारो में पीएम मोदी की जनसभा, कहा- स्थिर सरकार के लिए फिर दबाएं कमल का बटन


2 बार सुरेश कुमार बैठा को बीजेपी से मिल चुकी है शिकस्त
वहीं, कांग्रेस के युवा प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा पिछले 20 सालों से कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे. इन्होंने कांके विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच लगातार खुद को प्रस्तुत किया है. 2009 में कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए कांके विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के रूप में सुरेश बैठा को टिकट दिया, लेकिन बीजेपी के रामचंद्र बैठा से हार गए. पार्टी ने एक बार फिर 2014 में भरोसा जताते हुए टिकट दिया, लेकिन उसके बाद भी बीजेपी के प्रत्याशी जीतू चरण राम से इन्हें हार मिली. इस बार फिर महागठबंधन के सीट शेयरिंग में मिले कांके विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने सुरेश कुमार बैठा पर भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी बनाया है. इसको लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में अपना जीत दर्ज कराना चाहते हैं. जिसको लेकर लगातार जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट देने का फील कर रहे हैं.


पिछले 30 सालों से लगातार कांके विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा रहा है. ऐसे में एक तरफ बीजेपी अपना दबदबा बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. तो वहीं, कांग्रेस भी इस विधानसभा क्षेत्र में अपनी जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही. कांके विधानसभा कई मायनों में अहम माना जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान है जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है. जैसे रिनपास, सीआईपी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी, खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी.

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में कांके विधानसभा सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच तगड़ी टक्कर होनी वाली है. दरअसल, इस सीट क्षेत्र में लगातार पिछले 30 सालों से बीजेपी का दबदबा रहा है. वहीं, कांग्रेस का भी एक मजबूत जनाधार है. एक तरफ बीजेपी से समरी लाल और दूसरी तरफ कांग्रेस से सुरेश कुमार बैठा चुनावी मैदान में है.

देखें पूरी खबर


समरी लाल को राजनीति का है लंबा अनुभव
कांके विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के 65 वर्षीय समरी लाल को राजनीति का एक लंबा अनुभव रहा है. ये 1999 में जनता दल से कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की टिकट से 1995 में, फिर 2005 में जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़े. जिसके बाद 2009 में जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें एक बार भी जीत का खिताब नहीं मिला. वहीं, 2013 में समरी लाल ने बीजेपी का दामन थामा. जबकि, 2019 में बीजेपी ने इनपर भरोसा जताते हुए कांके से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस बार वह अपनी जीत दर्ज कराने के लिए जी-जीन से मेहनत कर रहे हैं और जनता से वोट की अपील कर रहे हैं.

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2 बार सुरेश कुमार बैठा को बीजेपी से मिल चुकी है शिकस्त
वहीं, कांग्रेस के युवा प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा पिछले 20 सालों से कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे. इन्होंने कांके विधानसभा क्षेत्र की जनता के बीच लगातार खुद को प्रस्तुत किया है. 2009 में कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए कांके विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के रूप में सुरेश बैठा को टिकट दिया, लेकिन बीजेपी के रामचंद्र बैठा से हार गए. पार्टी ने एक बार फिर 2014 में भरोसा जताते हुए टिकट दिया, लेकिन उसके बाद भी बीजेपी के प्रत्याशी जीतू चरण राम से इन्हें हार मिली. इस बार फिर महागठबंधन के सीट शेयरिंग में मिले कांके विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने सुरेश कुमार बैठा पर भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी बनाया है. इसको लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में अपना जीत दर्ज कराना चाहते हैं. जिसको लेकर लगातार जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट देने का फील कर रहे हैं.


पिछले 30 सालों से लगातार कांके विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा रहा है. ऐसे में एक तरफ बीजेपी अपना दबदबा बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. तो वहीं, कांग्रेस भी इस विधानसभा क्षेत्र में अपनी जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही. कांके विधानसभा कई मायनों में अहम माना जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान है जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है. जैसे रिनपास, सीआईपी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी, खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी.

Intro:रांची
बाइट--सुरेश कुमार बैठा कांग्रेस प्रत्याशी
बाइट--समरी लाल बीजेपी प्रत्याशी

चुनावी प्रचार का शोर थमने से पहले प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं कांके विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में लगातार पिछले 30 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है वही कांग्रेस का भी इस विधानसभा क्षेत्र में एक मजबूत जनाधार है क्योंकि हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की कांटे की टक्कर रही है ऐसे में दोनों ही पार्टी इस विधानसभा क्षेत्र में जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं इस बार इस विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के 65 वर्षीय समरी लाल मैदान में है तो वहीं कांग्रेस के युवा प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा चुनावी मैदान में हैं दोनों ही प्रत्याशी पिछले कई वर्षों से कांके विधानसभा क्षेत्र की चुनावी कुरुक्षेत्र में बने हुए हैं। लेकिन दोनों को ही इस क्षेत्र से विजय का सेहरा नहीं पहनाया गया है लेकिन इस बार देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कांके की जनता किस के सर पर कांके की विधानसभा क्षेत्र का ताज पहनती है, क्योंकि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के टिकट से समरी लाल चुनावी मैदान में है तो वही दूसरी तरफ तीसरी बार कांग्रेस के टिकट से सुरेश कुमार बैठा चुनावी मैदान में हैं




Body:समरी लाल को राजनैतिक का लंबा अनुभव रहा है समरी लाल 1999 में जनता दल से कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे उसके बाद राष्ट्रीय जनता दल की टिकट से 1995 में चुनाव लड़े 2005 झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से चुनाव लड़े दोबारा 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट से चुनाव लाडे लेकिन कांके विधानसभा क्षेत्र से समरी लाल को कभी जीत हासिल नहीं, इसके बावजूद समरी लाल कांके विधानसभा क्षेत्र के लोगों से लगातार जुड़े रहे। 2013 में समरी लाल बीजेपी में शामिल हुए उसके बाद लगातार बीजेपी का झंडा उठाते रहे 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने समय लाल पर भरोसा जताते हुए उन्हें कांके विधानसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी बनाया है। समरी इस बार हर हाल में कांके विधानसभा क्षेत्र में अपना जीत हासिल करना चाहता है यही कारण है कि लगातार क्षेत्र की जनता उसे अपने पक्ष में वोट मांगने को लेकर अपील कर रहे हैं


वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे सुरेश बैठा 1995 से यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे और कांके विधानसभा क्षेत्र के जनता के बीच लगातार रहे 2009 में कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए कांके विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी के रूप में सुरेश बैठा को टिकट दिया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के रामचंद्र बैठा से हार गए, पार्टी ने फिर दोबारा 2014 में भरोसा जताते हुए टिकट दिया लेकिन उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जीतू चरण राम से हार गए। इस बार एक बार फिर महागठबंधन के सीट शेयरिंग में मिले कांके विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने सुरेश कुमार बैठा पर भरोसा जताते हुए कांके विधानसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया है इसको लेकर कांग्रेस के प्रत्याशी भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और इस विधानसभा क्षेत्र में अपना जीत दर्ज कराना चाहते हैं जिसको लेकर लगातार व जनता के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट देने का फील कर रहे हैं


Conclusion:पिछले 30 वर्षों से लगातार कहां के विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का कब जा रहा है ऐसे में एक तरफ बीजेपी अपनी इस क्षेत्र में लगातार बने रहने को लेकर हर संभव कोशिश कर रही है तो वही कांग्रेस भी इस विधानसभा क्षेत्र में अपनी जीत हासिल करने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कांके विधानसभा कई मायनों में अहम माना जाता है क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान है जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है जैसे रिनपास ,सी आई पी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी,खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी इस विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ती है, कांके विधानसभा क्षेत्र फल की बात करें तो खलारी मैक्लुस्कीगंज से लेकर मेसरा बीआईटी सुगनू वही शहरी क्षेत्र मोराबादी लालपुर बरियातू जैसे एरिया इस क्षेत्र में आते हैं।
Last Updated : Dec 10, 2019, 10:52 AM IST
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