रांची: राजधानी में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य भर के पर्यावरणविद और पर्यावरण को संरक्षित करने वाले विशिष्ठ लोग शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान मंत्री बादल पत्रलेख ने सभी वन और पर्यावरण संरक्षको को अंग वस्त्र और उपहार भेंट कर सम्मानित किया. कार्यक्रम में आए पर्यावरणविद और पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले लोगों ने कहा कि जब तक आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण को संरक्षित नहीं करेंगे, तब तक विश्व पर्यावरण मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं होगा.
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कार्यक्रम में पहुंचे राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पूरे विश्व में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हमे प्लास्टिक पॉल्यूशन पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज हमारे राज्य में कई ऐसे सच्चे हीरो हैं, जो पर्यावरण को स्वच्छ करने में राज्य के लोगों को जागरूक कर रहे हैं, जो कि निश्चित रूप से सराहनीय है. उन्होंने कहा कि आज हमारा समुंद्र प्लास्टिक के कचड़ों से भरता जा रहा है. एक आंकड़े के अनुसार, प्रति वर्ष आठ करोड़ टन प्लास्टिक कचरा बहाया जाता है.
उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि वर्तमान में समुंद्र में 199 लाख मीट्रिक टन कचड़ा जमा हो चुका है, जिस वजह से हमारे समुंद्र में रह रहे जीव मारे जा रहे हैं. उन्होंने कार्यक्रम में आए अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि पर्यावरण को बचाने में ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराएं, ताकि प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग से झारखंड के वन क्षेत्रों को बचाया जा सके.
वन विभाग ने जागरूकता के लिए चलाए 40 हजार कार्यक्रम: कार्यक्रम में मौजूद मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के उद्देश्य के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग की तरफ से पिछले 3 सप्ताह में करीब 40 हजार कार्यक्रम किए गए, जिसमें 12 लाख लोगों को जोड़ा गया. जो पूरे भारत में दूसरे नंबर पर है. इस मौके पर राज्य के मंत्री बादल पत्रलेख के साथ मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल के चेयरमैन शशिकर समानता, जेएसपीसीबी के सचिव वाईके दास सहित वन और विभिन्न विभागों के कई अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद रहे.