ETV Bharat / state

बालू की किल्लत और कृषि विभाग में पैसा खर्च करने में पीछे रहने के बावजूद विभागीय सचिव ने गिनाई उपलब्धियां, दिया अपने कार्यों का ब्यौरा

Jharkhand Agriculture department achievements. झारखंड सरकार के कृषि एवं खनन सचिव ने विभागीय कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ब्लॉक चेन के जरिए बीज बांटने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि बालू की होम डिलिवरी के लिए मेकेनिज्म तैयार किया जा रहा है.

Jharkhand Agriculture department achievements
Jharkhand Agriculture department achievements
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 17, 2024, 10:55 PM IST

Updated : Jan 18, 2024, 6:33 AM IST

सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने दी विभागीय कार्यों की जानकारी

रांची: भले ही झारखंड सरकार का कृषि विभाग चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजटीय प्रावधान के तहत महज 30 फीसदी राशि ही खर्च करने में सफल रहा है, लेकिन विभाग ने कुछ ऐसे काम भी किये हैं, जिसके जरिए सीधे तौर पर जनता के बीच लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है.

कृषि, पशुपालन एवं खनन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने बुधवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विभागीय कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं. जिसके अंतर्गत ब्लॉक चेन प्रणाली से बीज बांटने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसकी सराहना केंद्र सरकार ने भी की है. इसके अलावा 6 लाख 30 हजार नये किसानों को केसीसी से जोड़ा गया है, जबकि कृषि ऋण माफी योजना के तहत 4 लाख 62 हजार 966 किसानों को 1858.3 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से वितरित किये गये हैं.

विदेश भेजे गए देवघर के पेड़े: कृषि सचिव ने कहा कि झारखंड ने पहली बार देवघर से दूसरे देशों में मेधा पेड़ा निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया है. बहरीन के लिए पेड़ा भेजने का पहला कंसाइनमेंट मिला था. विभाग अन्य देशों में निर्यात की संभावना भी तलाश रहा है. उन्होंने कहा कि साल भर का सटीक नक्शा और सुखाड़ जैसी स्थिति में फसल क्षति का आकलन करने के लिए सभी पंचायतों में ऑटोमेटिक वर्षा मापक यंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

बालू की होगी होम डिलीवरी: खनन विभाग के कामकाज की जानकारी देते हुए विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि बालू को लेकर काफी चर्चा हुई है. आने वाले समय में विभाग की ओर से रेत की होम डिलीवरी के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है, जो लोगों को 48 घंटे के अंदर उनके घर पर ही रेत उपलब्ध करा दिया जाएगा, इसके लिए रेत टैक्सी पोर्टल बनाया जा रहा है. राज्य में 444 बालू घाट हैं जिनकी टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है. डीएमएफटी फंड में अब तक 11960 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं, जिसमें से 5978 करोड़ रुपये राज्य के विकास पर खर्च किये गये हैं. कोयला खदान के अलावा राज्य में 14 खनिज ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार हैं, जिन्हें आने वाले समय में प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: झारखंड में निजी विश्वविद्यालय पर नकेल कसने की तैयारी, हेमंत सरकार ला रही है मॉडल यूनिवर्सिटी एक्ट

यह भी पढ़ें: झारखंड में 50 साल की उम्र होते ही एससी, एसटी और महिलाओं को मिलेगा पेंशन, हेमंत सरकार ने पूरी की तैयारी

यह भी पढ़ें: मिशन 2030 की तैयारी में हेमंत सरकार, राज्य की अर्थव्यवस्था 10 लाख करोड़ पहुंचाने का रखा गया लक्ष्य

सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने दी विभागीय कार्यों की जानकारी

रांची: भले ही झारखंड सरकार का कृषि विभाग चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में बजटीय प्रावधान के तहत महज 30 फीसदी राशि ही खर्च करने में सफल रहा है, लेकिन विभाग ने कुछ ऐसे काम भी किये हैं, जिसके जरिए सीधे तौर पर जनता के बीच लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है.

कृषि, पशुपालन एवं खनन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने बुधवार को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विभागीय कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं. जिसके अंतर्गत ब्लॉक चेन प्रणाली से बीज बांटने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जिसकी सराहना केंद्र सरकार ने भी की है. इसके अलावा 6 लाख 30 हजार नये किसानों को केसीसी से जोड़ा गया है, जबकि कृषि ऋण माफी योजना के तहत 4 लाख 62 हजार 966 किसानों को 1858.3 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से वितरित किये गये हैं.

विदेश भेजे गए देवघर के पेड़े: कृषि सचिव ने कहा कि झारखंड ने पहली बार देवघर से दूसरे देशों में मेधा पेड़ा निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया है. बहरीन के लिए पेड़ा भेजने का पहला कंसाइनमेंट मिला था. विभाग अन्य देशों में निर्यात की संभावना भी तलाश रहा है. उन्होंने कहा कि साल भर का सटीक नक्शा और सुखाड़ जैसी स्थिति में फसल क्षति का आकलन करने के लिए सभी पंचायतों में ऑटोमेटिक वर्षा मापक यंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

बालू की होगी होम डिलीवरी: खनन विभाग के कामकाज की जानकारी देते हुए विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि बालू को लेकर काफी चर्चा हुई है. आने वाले समय में विभाग की ओर से रेत की होम डिलीवरी के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है, जो लोगों को 48 घंटे के अंदर उनके घर पर ही रेत उपलब्ध करा दिया जाएगा, इसके लिए रेत टैक्सी पोर्टल बनाया जा रहा है. राज्य में 444 बालू घाट हैं जिनकी टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है. डीएमएफटी फंड में अब तक 11960 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं, जिसमें से 5978 करोड़ रुपये राज्य के विकास पर खर्च किये गये हैं. कोयला खदान के अलावा राज्य में 14 खनिज ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार हैं, जिन्हें आने वाले समय में प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: झारखंड में निजी विश्वविद्यालय पर नकेल कसने की तैयारी, हेमंत सरकार ला रही है मॉडल यूनिवर्सिटी एक्ट

यह भी पढ़ें: झारखंड में 50 साल की उम्र होते ही एससी, एसटी और महिलाओं को मिलेगा पेंशन, हेमंत सरकार ने पूरी की तैयारी

यह भी पढ़ें: मिशन 2030 की तैयारी में हेमंत सरकार, राज्य की अर्थव्यवस्था 10 लाख करोड़ पहुंचाने का रखा गया लक्ष्य

Last Updated : Jan 18, 2024, 6:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.