ETV Bharat / state

Jharkhand News: प्रशासक के भरोसे राज्य का नगर निकाय क्षेत्र, जनप्रतिनिधियों के बजाय कार्यालय के चक्कर लगायेगी जनता - झारखंड न्यूज

झारखंड के 34 नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त 27 अप्रैल को खत्म हो गया. अब इन नगर निकाय में प्रशासक द्वारा कामकाज शुरू हो गया है.

Jharkhand 34 municipal Corporation public representatives tenure ended now work started with administrator
झारखंड के 34 नगर निगम जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त, अब प्रशासक के भरोसे काम शुरू
author img

By

Published : Apr 29, 2023, 10:27 AM IST

रांचीः झारखंड में शहर की सरकार प्रशासक के भरोसे है. 27 अप्रैल को रांची नगर निगम सहित 34 नगर निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक के भरोसे कामकाज शुरू हो गया है.

इसे भी पढ़ें- Ranchi News: रांची नगर निगम के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त, अंतिम दिन डिप्टी मेयर ने रखी 86 योजनाओं की नींव

इस संबंध में गुरुवार को कैबिनेट के द्वारा लिए गए फैसले के तहत नगर निकायों के कमान प्रशासकों के हाथों सौंपी गई है. प्रशासक के रूप में संबंधित नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, निकाय परिषद यानी बोर्ड की सभी शक्ति एवं कार्यों का नियमानुसार प्रयोग की अनुमति दी गई है. वित्तीय कार्यों के साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी नगर प्रशासक को दी गई है.

सरकार के इस फैसले के बाद आज शुक्रवार से रांची सहित सभी नगर निकायों में अधिकारियों का राज शुरू हो गया. जनप्रतिनिधियों खासकर मेयर, डिप्टी मेयर, वार्ड पार्षद की सारी शक्तियां समाप्त हो गई हैं. अब आम लोगों को नगर निकाय या नगर परिषद क्षेत्र से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए अधिकारियों से सीधे संपर्क करना होगा. जिसके लिए नगर निगम कार्यालय में कंट्रोल रूम गठित की गई है जहां आम लोगों की समस्या को सुनी जाएगी.

पहले से है 13 नगर निकाय क्षेत्र में प्रशासक के भरोसे कामः धनबाद सहित 13 नगर निकाय क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव नहीं होने की वजह से 2020 से ही प्रशासक के भरोसे कामकाज चल रहा है. अब शेष बचे 34 नगर निकायों में भी सरकार ने चुनाव होने तक इसी तरह से काम चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार सरकार से नगर निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिसे सरकार ने अनसुना कर दिया है. ऐसी परिस्थिति में और छोटे-मोटे काम जो वार्ड पार्षदों के माध्यम से होते थे, वह भी काम नगर निकायों के कार्यालय में अधिकारियों के हाथों होगा.

जिन नगर निकायों में प्रशासक के भरोसे काम का शुरू हुए हैं, उनमें रांची नगर निगम, गढ़वा नगर परिषद, श्रीबंशीधर नगर पंचायत, मेदिनीनगर नगर निगम, छतरपुर नगर पंचायत, हुसैनाबाद नगर पंचायत, लातेहार नगर पंचायत, हजारीबाग नगर निगम, डोमचांच नगर पंचायत ,गिरिडीह नगर निगम, मधुपुर नगर परिषद, गोड्डा नगर परिषद, साहिबगंज नगर परिषद शामिल है. इसके साथ राजमहल नगर पंचायत, बड़हरवा नगर पंचायत, पाकुड़ नगर परिषद, दुमका नगर परिषद, बासुकीनाथ नगर पंचायत, जामताड़ा नगर पंचायत, मिहिजाम नगर परिषद, चिरकुंडा नगर परिषद, फुसरो नगर परिषद, रामगढ़ नगर परिषद, लोहरदगा नगर परिषद, गुमला नगर परिषद, खूंटी नगर पंचायत, बुंडू नगर पंचायत, सिमडेगा नगर परिषद, चाईबासा नगर परिषद, आदित्यपुर नगर निगम, सरायकेला नगर पंचायत और कपाली नगर परिषद शामिल है.

रांचीः झारखंड में शहर की सरकार प्रशासक के भरोसे है. 27 अप्रैल को रांची नगर निगम सहित 34 नगर निकायों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक के भरोसे कामकाज शुरू हो गया है.

इसे भी पढ़ें- Ranchi News: रांची नगर निगम के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त, अंतिम दिन डिप्टी मेयर ने रखी 86 योजनाओं की नींव

इस संबंध में गुरुवार को कैबिनेट के द्वारा लिए गए फैसले के तहत नगर निकायों के कमान प्रशासकों के हाथों सौंपी गई है. प्रशासक के रूप में संबंधित नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी, निकाय परिषद यानी बोर्ड की सभी शक्ति एवं कार्यों का नियमानुसार प्रयोग की अनुमति दी गई है. वित्तीय कार्यों के साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी नगर प्रशासक को दी गई है.

सरकार के इस फैसले के बाद आज शुक्रवार से रांची सहित सभी नगर निकायों में अधिकारियों का राज शुरू हो गया. जनप्रतिनिधियों खासकर मेयर, डिप्टी मेयर, वार्ड पार्षद की सारी शक्तियां समाप्त हो गई हैं. अब आम लोगों को नगर निकाय या नगर परिषद क्षेत्र से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए अधिकारियों से सीधे संपर्क करना होगा. जिसके लिए नगर निगम कार्यालय में कंट्रोल रूम गठित की गई है जहां आम लोगों की समस्या को सुनी जाएगी.

पहले से है 13 नगर निकाय क्षेत्र में प्रशासक के भरोसे कामः धनबाद सहित 13 नगर निकाय क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव नहीं होने की वजह से 2020 से ही प्रशासक के भरोसे कामकाज चल रहा है. अब शेष बचे 34 नगर निकायों में भी सरकार ने चुनाव होने तक इसी तरह से काम चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार सरकार से नगर निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिसे सरकार ने अनसुना कर दिया है. ऐसी परिस्थिति में और छोटे-मोटे काम जो वार्ड पार्षदों के माध्यम से होते थे, वह भी काम नगर निकायों के कार्यालय में अधिकारियों के हाथों होगा.

जिन नगर निकायों में प्रशासक के भरोसे काम का शुरू हुए हैं, उनमें रांची नगर निगम, गढ़वा नगर परिषद, श्रीबंशीधर नगर पंचायत, मेदिनीनगर नगर निगम, छतरपुर नगर पंचायत, हुसैनाबाद नगर पंचायत, लातेहार नगर पंचायत, हजारीबाग नगर निगम, डोमचांच नगर पंचायत ,गिरिडीह नगर निगम, मधुपुर नगर परिषद, गोड्डा नगर परिषद, साहिबगंज नगर परिषद शामिल है. इसके साथ राजमहल नगर पंचायत, बड़हरवा नगर पंचायत, पाकुड़ नगर परिषद, दुमका नगर परिषद, बासुकीनाथ नगर पंचायत, जामताड़ा नगर पंचायत, मिहिजाम नगर परिषद, चिरकुंडा नगर परिषद, फुसरो नगर परिषद, रामगढ़ नगर परिषद, लोहरदगा नगर परिषद, गुमला नगर परिषद, खूंटी नगर पंचायत, बुंडू नगर पंचायत, सिमडेगा नगर परिषद, चाईबासा नगर परिषद, आदित्यपुर नगर निगम, सरायकेला नगर पंचायत और कपाली नगर परिषद शामिल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.