रांची: जैक की 7 सदस्यीय टीम ने संस्कृत विषय की पुस्तक बदले जाने के मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके बाद जैक ने फैसला लिया है कि संस्कृत की पुरानी किताब से ही इस सत्र में पढ़ाई होगी.
दरअसल, जेसीईआरटी ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर तमाम सरकारी स्कूलों में भेजी गई थी, लेकिन, 12वीं की संस्कृत की पुरानी किताब के सिलेबस के तहत आधे से अधिक की पढ़ाई हो चुकी थी. इससे स्कूल प्रशासन और शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. वह परेशान थे कि जेसीईआरटी की पुरानी पुस्तकें सिलेबस में शामिल किया जाए या फिर एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तक को पढ़ा जाए. ऐसे में इस मामले को लेकर एक कमेटी गठित कर मामले का निष्पादन कर लिया गया है. राज्य के 12वीं कक्षा के सत्र 2019 के विद्यार्थी अब संस्कृत ऋतिका भाग-2 पुस्तक से संस्कृत विषय की पढ़ाई जारी रखेंगे. जिन विद्यार्थियों को नई पुस्तकें मिली हैं, वह पुस्तक वापस करेंगे.
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क्या है रिपोर्ट में:
रिपोर्ट में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच में पुस्तक का बदलाव करना गलत निर्णय होगा. इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जैक ने जेसीईआरटी को हिदायत दी है कि पुस्तकें प्रकाशित करने के पहले एक बार सभी विषयों के शिक्षकों के साथ बैठकर उस पर चर्चा करना जरूरी है. छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति पहले जैक को भी दी जानी चाहिए थी.