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रांचीः जैक ने दिया आदेश, नई से नहीं पुरानी संस्कृत किताब से ही पढ़ेंगे छात्र - संस्कृत विषय

राज्य के सभी विद्यालयों में संस्कृत विषय की पुस्तकों को बदले जाने के मामले का निष्पादन कर लिया गया है. जैक ने आदेश दिया है कि फिलहाल पुरानी किताब से ही पढ़ाया जाए.

जैक ने दिया आदेश, नई से नहीं पुरानी संस्कृत पुस्तकों से ही पढ़ेंगे छात्र
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Published : Aug 20, 2019, 10:01 AM IST

Updated : Aug 20, 2019, 3:38 PM IST

रांची: जैक की 7 सदस्यीय टीम ने संस्कृत विषय की पुस्तक बदले जाने के मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके बाद जैक ने फैसला लिया है कि संस्कृत की पुरानी किताब से ही इस सत्र में पढ़ाई होगी.

देखें पूरी खबर

दरअसल, जेसीईआरटी ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर तमाम सरकारी स्कूलों में भेजी गई थी, लेकिन, 12वीं की संस्कृत की पुरानी किताब के सिलेबस के तहत आधे से अधिक की पढ़ाई हो चुकी थी. इससे स्कूल प्रशासन और शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. वह परेशान थे कि जेसीईआरटी की पुरानी पुस्तकें सिलेबस में शामिल किया जाए या फिर एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तक को पढ़ा जाए. ऐसे में इस मामले को लेकर एक कमेटी गठित कर मामले का निष्पादन कर लिया गया है. राज्य के 12वीं कक्षा के सत्र 2019 के विद्यार्थी अब संस्कृत ऋतिका भाग-2 पुस्तक से संस्कृत विषय की पढ़ाई जारी रखेंगे. जिन विद्यार्थियों को नई पुस्तकें मिली हैं, वह पुस्तक वापस करेंगे.

ये भी पढ़ें- रांची: 360 छात्राओं की जान खतरे में, कल्याण विभाग का स्कूल बना टापू


क्या है रिपोर्ट में:
रिपोर्ट में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच में पुस्तक का बदलाव करना गलत निर्णय होगा. इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जैक ने जेसीईआरटी को हिदायत दी है कि पुस्तकें प्रकाशित करने के पहले एक बार सभी विषयों के शिक्षकों के साथ बैठकर उस पर चर्चा करना जरूरी है. छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति पहले जैक को भी दी जानी चाहिए थी.

रांची: जैक की 7 सदस्यीय टीम ने संस्कृत विषय की पुस्तक बदले जाने के मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. जिसके बाद जैक ने फैसला लिया है कि संस्कृत की पुरानी किताब से ही इस सत्र में पढ़ाई होगी.

देखें पूरी खबर

दरअसल, जेसीईआरटी ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर तमाम सरकारी स्कूलों में भेजी गई थी, लेकिन, 12वीं की संस्कृत की पुरानी किताब के सिलेबस के तहत आधे से अधिक की पढ़ाई हो चुकी थी. इससे स्कूल प्रशासन और शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी. वह परेशान थे कि जेसीईआरटी की पुरानी पुस्तकें सिलेबस में शामिल किया जाए या फिर एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तक को पढ़ा जाए. ऐसे में इस मामले को लेकर एक कमेटी गठित कर मामले का निष्पादन कर लिया गया है. राज्य के 12वीं कक्षा के सत्र 2019 के विद्यार्थी अब संस्कृत ऋतिका भाग-2 पुस्तक से संस्कृत विषय की पढ़ाई जारी रखेंगे. जिन विद्यार्थियों को नई पुस्तकें मिली हैं, वह पुस्तक वापस करेंगे.

ये भी पढ़ें- रांची: 360 छात्राओं की जान खतरे में, कल्याण विभाग का स्कूल बना टापू


क्या है रिपोर्ट में:
रिपोर्ट में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच में पुस्तक का बदलाव करना गलत निर्णय होगा. इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जैक ने जेसीईआरटी को हिदायत दी है कि पुस्तकें प्रकाशित करने के पहले एक बार सभी विषयों के शिक्षकों के साथ बैठकर उस पर चर्चा करना जरूरी है. छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति पहले जैक को भी दी जानी चाहिए थी.

Intro:रांची।


इस वर्ष जेसीईआरटी यानी झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर स्कूलों में भेजी थी. जबकि संस्कृत विषय की पूर्व से चल रही पुस्तक का आधे पाठ्यक्रम की पढ़ाई हो चुकी थी. यह मामला काफी तूल पकड़ा था और जैक द्वारा संस्कृत विषय की पुस्तक बदलने के मामले में एक टीम गठित की गई थी. टीम ने रिपोर्ट जैक अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह को सौंप दिया है.


Body:जैक द्वारा गठित 7 सदस्यीय टीम ने संस्कृत विषय की पुस्तक बदले जाने के मामले में अपना रिपोर्ट सौंप दिया है .दरअसल जेसीईआरटी ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर तमाम सरकारी स्कूलों में भेज दिया था. लेकिन 12 वीं की संस्कृत की पुरानी किताब की सिलेबस के तहत आधे से अधिक की पढ़ाई हो चुकी थी .इससे छात्रों शिक्षकों के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी और वह परेशान थे कि जेसीईआरटी की पुरानी पुस्तकें सिलेबस में शामिल किया जाए या फिर एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तक को पढ़ा जाए .ऐसे में इस मामले को लेकर एक कमेटी गठित कर मामले का निष्पादन कर लिया गया है.राज्य के प्लस टू हाई स्कूल की 12वीं कक्षा के सत्र 2019 के विद्यार्थी अब संस्कृत ऋतिका भाग -2 पुस्तक से संस्कृत विषय की पढ़ाई जारी रखेंगे .जिन विद्यार्थियों को नई पुस्तकें मिली है .वह पुस्तक वापस करेंगे.




Conclusion:क्या है रिपोर्ट में:

रिपोर्ट में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच में पुस्तक का बदलाव करना गलत निर्णय होगा. इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. जैक ने जेसीईआरटी को हिदायत दिया है कि पुस्तकें प्रकाशित करने के पहले एक बार सभी विषयों के शिक्षकों के साथ बैठकर उस पर चर्चा करना जरूरी है. छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति पहले जैक को भी दी जाए.
Last Updated : Aug 20, 2019, 3:38 PM IST
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