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बेड की कमी से जूझ रहा राजधानी का अस्पताल, रांची रेल मंडल के पास 30 कोच का आइसोलेशन वार्ड खाली

झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रांची में गंभीर मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में रेलवे की ओर से तमाम राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह चाहे तो रेलवे की ओर से तैयार किए गए आइसोलेशन बेड का इस्तेमाल कर सकती है.

Isolation ward of 30 coaches vacant in Ranchi Rail Division
रांची रेल मंडल
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Published : Apr 18, 2021, 9:29 PM IST

रांची: राजधानी रांची में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना का दूसरा लहर जानलेवा साबित हो रहा है. गंभीर मरीजों के लिए शहर के अस्पतालों में बेड की काफी कमी है. ऐसे में कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए रेलवे आगे आई है. रेलवे की ओर से तमाम राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह चाहे तो रेलवे की ओर से तैयार किए गए आइसोलेशन बेड का इस्तेमाल कर सकती है.


इसे भी पढ़ें: बैठक के बाद झारखंड सरकार का बड़ा फैसला, शादी समारोह में शामिल होंगे सिर्फ 50 लोग, इन पर भी लगी पाबंदी

रेल मंत्रालय की ओर से कोरोना महामारी के प्रथम चरण के दौरान ही वर्ष 2020 में तमाम रेल मंडलों को यह निर्देश दिया गया था, कि वह भी अपने स्तर से आइसोलेशन वार्ड तैयार करें, ताकि आपात स्थिति से निपटने के लिए काम आए. बीते वर्ष रांची रेल मंडल की ओर से इस निर्देश का पालन करते हुए 60 कोच में 540 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया था. प्रत्येक कोच में 8 बेड तैयार किए गए थे, लेकिन आइसोलेशन कोच में मरीजों का इलाज नहीं किया गया. कोरोना की पहली लहर कम होने के साथ ही आधे बेड को रेलवे की ओर से हटा भी दिया गया.



अभी भी 240 बेड मोजूद
अभी भी रेलवे के पास 240 बेड बचे हैं, जहां ऑक्सीजन सपोर्ट देकर गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सकता है. रेलवे के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के लिए सारे इंतजाम किए गए थे. इस कोच में ऑक्सीजन सपोर्ट की भी व्यवस्था है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है. जबकि दूसरी ओर राजधानी के निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड फूल हो चुके हैं. गंभीर मरीजों को भी बेड उपलब्ध नहीं हो रहा है. रेलवे की मानें तो अभी भी 240 बेड है, जहां मरीजों का इलाज किया जा सकता है.

इसे भी पढ़ें: रांची में रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक चलेगा चेकिंग अभियान, 19 थाना क्षेत्रों में बनाए गए एंटी क्राइम चेकिंग प्वाइंट



राज्य सरकार मांग करेगी तो रांची रेल मंडल आएगी आगे
हेल्थ डिपार्टमेंट अगर रेलवे से आइसोलेशन वार्ड की मांग करती है, तो रेलवे कोरोना के इस लड़ाई में हर संभव मदद करने के लिए तैयार है. एक बार फिर रेलवे की ओर से तमाम राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह चाहे तो रेलवे द्वारा तैयार किए गए आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल कर सकती है. रांची रेल मंडल के पास फिलहाल 30 कोच हैं, जिसमें 240 बेड पूरी तरह तैयार है. इस विकट परिस्थिति में सुविधा के अनुसार राज्य सरकार इन आइसोलेटेड बेड्स का यूज कर सकती है.

रांची: राजधानी रांची में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना का दूसरा लहर जानलेवा साबित हो रहा है. गंभीर मरीजों के लिए शहर के अस्पतालों में बेड की काफी कमी है. ऐसे में कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए रेलवे आगे आई है. रेलवे की ओर से तमाम राज्य सरकारों से कहा गया है कि वह चाहे तो रेलवे की ओर से तैयार किए गए आइसोलेशन बेड का इस्तेमाल कर सकती है.


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रेल मंत्रालय की ओर से कोरोना महामारी के प्रथम चरण के दौरान ही वर्ष 2020 में तमाम रेल मंडलों को यह निर्देश दिया गया था, कि वह भी अपने स्तर से आइसोलेशन वार्ड तैयार करें, ताकि आपात स्थिति से निपटने के लिए काम आए. बीते वर्ष रांची रेल मंडल की ओर से इस निर्देश का पालन करते हुए 60 कोच में 540 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया था. प्रत्येक कोच में 8 बेड तैयार किए गए थे, लेकिन आइसोलेशन कोच में मरीजों का इलाज नहीं किया गया. कोरोना की पहली लहर कम होने के साथ ही आधे बेड को रेलवे की ओर से हटा भी दिया गया.



अभी भी 240 बेड मोजूद
अभी भी रेलवे के पास 240 बेड बचे हैं, जहां ऑक्सीजन सपोर्ट देकर गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सकता है. रेलवे के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के लिए सारे इंतजाम किए गए थे. इस कोच में ऑक्सीजन सपोर्ट की भी व्यवस्था है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन आइसोलेशन कोच का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है. जबकि दूसरी ओर राजधानी के निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड फूल हो चुके हैं. गंभीर मरीजों को भी बेड उपलब्ध नहीं हो रहा है. रेलवे की मानें तो अभी भी 240 बेड है, जहां मरीजों का इलाज किया जा सकता है.

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राज्य सरकार मांग करेगी तो रांची रेल मंडल आएगी आगे
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