रांची: नक्सल प्रभावित लातेहार जिला में किसानों की जिंदगी बदल रही है. किसान बहुफसली खेती कर रहे हैं. यह संभव हो पाया है सौर ऊर्जा पर आधारित सिंचाई प्रणाली की बदौलत. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 1000 एकड़ भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई परियोजना से जोड़ा गया.
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साल भर सिंचाई की सुविधा मिलने से करीब 400 किसान परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य की बड़ी आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है. कृषि भूमि के एक बड़े हिस्से में सिर्फ मॉनसून के दौरान ही खेती होती है. ऐसे में स्थायी सिंचाई के साधन सुनिश्चित करने के लिए सौर लिफ्ट सिंचाई पंप स्थापित किए जा रहे हैं.
सिंचाई का दायरा बढ़ाने की कवायद
परियोजना के तहत अधिक से अधिक भूमि को सौर आधारित सिंचाई प्रणाली से आच्छादित करने का लक्ष्य दिया गया है. इसके लिए प्रत्येक पंप इकाई 5 एचपी की है. एक पंप हाउस में स्थापित 5केवी सौर पैनल 10-12 एकड़ भूमि के कवरेज के साथ एक सिंचाई चैनल 300 मीटर कवर करता है. लातेहार में कुल 100 ऐसी इकाइयां स्थापित की गई हैं, जो 1000 एकड़ भूमि को कवर कर रही हैं. इसके अलावा पंप हाउस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पंप इकाई को प्राकृतिक खतरों और चोरी होने की संभावना को देखते हुए बीमित किया गया है.
बहुफसली खेती से आमदनी
लातेहार पिछड़े जिलों में शुमार है . यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर आश्रित है लेकिन आधुनिक सिंचाई की सुविधा नहीं मिलने से यहां के किसान वर्षा पर निर्भर करते हैं. लातेहार के उपायुक्त अबू इमरान का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश है कि किसानों को बहुफसली खेती की सुविधा मिले ताकि उनकी आमदनी में इजाफा हो सके. इसी को ध्यान में रखते हुए 1000 एकड़ से अधिक भूमि में लिफ्ट सिंचाई के लिए लगभग 100 सौर पंप इकाइयां स्थापित की गईं. इसका असर भी दिखने लगा है.