रांचीः झारखंड पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर प्रमोशन तक के मामले को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं. प्रमोशन को लेकर तो इतनी जिच है कि पुलिस विभाग में प्रमोशन के कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं. ताजा प्रमोशन का मामल 2009 बैच के आईपीएस अधिकारियों का है. झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां अब तक 2009 बैच के आईपीएस को प्रमोशन नहीं मिला है, जबकि देश के दूसरे राज्यों में 2009 बैच के आईपीएस अफसर प्रमोशन पाकर डीआईजी बन चुके हैं.
क्या है पूरा मामलाः दरअसल, भारतीय पुलिस सेवा के 2009 बैच के आईपीएस अधिकारियों को पूरे देश में एसपी से डीआईजी रैंक में प्रमोशन मिल चुका है, लेकिन झारखंड देश का एकमात्र राज्य है जहां 14 साल की सेवा पूरी कर चुके 2009 बैच के अधिकारियों को एसपी से डीआईजी रैंक में प्रोन्नति नहीं मिली है. अगर नियम की बात करें तो उन्हें एक जनवरी 2023 से पहले प्रमोशन मिल जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. समय पर प्रमोशन नहीं होने और चार माह की देरी से प्रमोशन के इंतजार में अधिकारियों के वेतन का भी नुकसान हो रहा है.
झारखंड के तीन आईपीएस को मिलना है प्रमोशनः झारखंड कैडर के तीन आईपीएस अधिकारी इंद्रजीत महथा, संजय रंजन सिंह और संजीव सिंह का प्रमोशन डीआईजी रैंक में होना है. इंद्रजीत महथा वर्तमान में डीआईजी में प्रोन्नत होने की अर्हता रखने के बाद भी जैप 2 कमांडेंट, संजय रंजन सिंह सीओ मुसाबनी और संजीव सिंह धनबाद एसएसपी के पद पर तैनात हैं. आईपीएस संजय रंजन सिंह तो इसी साल दिसंबर महीने में सेवानिवृत होने वाले हैं. ऐसे में समय पर प्रोन्नति नहीं मिलने का उनको ज्यादा नुकसान हो रहा है. अब प्रमोशन मिलने के बाद भी कुछ ही महीने बतौर डीआईजी रह पाएंगे. अगर समय पर उन्हें प्रोन्नति का लाभ मिलता तो वह साल भर डीआईजी रैंक में रहते.
धनबाद को लेकर चर्चाः प्रमोशन नहीं मिलने को लेकर पुलिस महकमे में कयासों का बाजार गर्म है. हालांकि इस मामले पर खुलकर कोई कुछ बोलना नहीं चाहता है, लेकिन धनबाद एसएसपी के पद को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. दरअसल, जिन आईपीएस अधिकारियों को डीआईजी में प्रमोशन मिलना है उनमें पहला नाम धनबाद के वर्तमान एसपी संजीव कुमार का भी है. सूचना के अनुसार अभी तक कोई ऐसा उपयुक्त आईपीएस नहीं मिला है जिसकी पोस्टिंग धनबाद एसएसपी के तौर पर की जा सके. इसी वजह से प्रमोशन का पूरा मामला लटका पड़ा है. हालांकि आपको यह बता दें कि यह पूरी तरह से चर्चाओं पर आधारित है.