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रांचीः जापानी इंसेफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए तेजी से टीके लगाने के आदेश - ranchi news

झारखंड सरकार ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन को जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) की वैक्सीन अभियान चलाकर लगाने का निर्देश दिया है. वहीं, झारखंड नोडल अधिकारी (IEC) सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में 132 केस JE के मिले थे. इसलिए सरकार चाहती है कि बच्चों को JE की वैक्सीन से वैक्सीनेट कर दिया जाए, ताकि ये बीमारी बच्चों में न हो.

Japanese encephalitis
जापानी इंसेफेलाइटिस
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Published : Jun 22, 2021, 7:56 AM IST

रांचीः झारखंड सरकार ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन को अपने-अपने जिले में अभियान चलाकर जापानी इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन लगाने को कहा है. विभाग के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि समीक्षा बैठक के दौरान पता चला कि अप्रैल- मई में 48% बच्चों ने पहली डोज और 39% बच्चों ने टीके की सेकेंड डोज ले ली है.

ये भी पढ़ेंः-RIMS में मंगलवार से OPD शुरू, हर घंटे सिर्फ 10 मरीज का होगा इलाज

सरकार चाहती है बच्चों को कर दिया जाए वैक्सीनेट

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश जारी किए गए हैं. NHM की झारखंड नोडल अधिकारी (IEC) सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में 132 केस JE के मिले थे जबकि पिछले साल और इस साल कोरोना के चलते सर्विलांस सही से नहीं होने के बावजूद कुछ केस मिले हैं. इसलिए सरकार चाहती है कि बच्चों को JE (जापानी इंसेफेलाइटिस) के वैक्सीन से वैक्सीनेट कर दिया जाए, ताकि ये बीमारी बच्चों में न हो.

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है जापानी इंसेफेलाइटिस

जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल बीमारी है. जिसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर बनता है. यह जानलेवा बीमारी बिहार में चमकी और गोरखपुर इलाके में दिमागी बुखार के रूप में जाना जाता है. इससे यहां बड़ी संख्या में बच्चों की जान जाती है. झारखंड में अपेक्षाकृत इसकी भयावहता कम देखी जाती है फिर भी हर साल 100-150 केस मिल जाते हैं.

रांचीः झारखंड सरकार ने राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन को अपने-अपने जिले में अभियान चलाकर जापानी इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन लगाने को कहा है. विभाग के एक वरीय अधिकारी ने कहा कि समीक्षा बैठक के दौरान पता चला कि अप्रैल- मई में 48% बच्चों ने पहली डोज और 39% बच्चों ने टीके की सेकेंड डोज ले ली है.

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सरकार चाहती है बच्चों को कर दिया जाए वैक्सीनेट

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जन को निर्देश जारी किए गए हैं. NHM की झारखंड नोडल अधिकारी (IEC) सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि 2019 में 132 केस JE के मिले थे जबकि पिछले साल और इस साल कोरोना के चलते सर्विलांस सही से नहीं होने के बावजूद कुछ केस मिले हैं. इसलिए सरकार चाहती है कि बच्चों को JE (जापानी इंसेफेलाइटिस) के वैक्सीन से वैक्सीनेट कर दिया जाए, ताकि ये बीमारी बच्चों में न हो.

क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है जापानी इंसेफेलाइटिस

जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल बीमारी है. जिसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर बनता है. यह जानलेवा बीमारी बिहार में चमकी और गोरखपुर इलाके में दिमागी बुखार के रूप में जाना जाता है. इससे यहां बड़ी संख्या में बच्चों की जान जाती है. झारखंड में अपेक्षाकृत इसकी भयावहता कम देखी जाती है फिर भी हर साल 100-150 केस मिल जाते हैं.

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