रांचीः भारत सरकार के अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था आयोग (Minority Educational Institutions Commission) के सदस्य डॉक्टर शाहिद अख्तर ने राजधानी रांची के समाहरणालय में जिला के अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श किया है. इस दौरान कई मुद्दों को लेकर चर्चा भी हुई है.
समाहरणालय में आयोजित इस बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए सुधीर बाड़ा, सचिव झारखंड अधिविध परिषद, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रांची, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे. इस मीटिंग में सबसे पहले डॉक्टर शाहिद अख्तर ने शैक्षणिक संस्था आयोग भारत सरकार द्वारा आयोग के कार्यकलाप के बारे में सभी स्कूलों के प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी दी (meeting with officials of Jharkhand) गई. साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं से संबंधित समस्याओं की विस्तार से जानकारी भी ली. नई शिक्षा नीति की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रतिनिधियों को अच्छी तरह से समझ कर इसे लागू करने की बात कही है.
रिक्त पदों को 6 महीने में भरेंः इस दौरान डॉ. शाहिद अख्तर ने सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों में रिक्त पदों को 6 महीने के भीतर भरने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पठन-पाठन का काम सुचारु रुप से चले और बच्चों को शिक्षक की कमी महसूस ना हो, इसके लिए आवश्यक है कि जल्द से जल्द रिक्त पदों को भर लिया जाएं. इस बैठक के दौरान डॉ. शाहिद अख्तर ने अल्पसंख्यक विद्यालयों के योग्य छात्रों को स्कॉलरशिप से लाभान्वित करने के लिए अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रतिनिधियों को अपने स्तर से प्रयास करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रतिनिधियों को अमृत महोत्सव के तहत स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया.
पदाधिकारियों को समस्याओं के समाधान के निर्देशः डॉक्टर शाहिद अख्तर ने अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रतिनिधियों से बारी-बारी से उनके समस्याओं के भी जानकारी ली. उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी, सचिव झारखंड अधिविध परिषद, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को अल्पसंख्यक विद्यालयों की समस्याओं का समुचित समाधान करने का निर्देश दिया. इस बैठक के दौरान डॉ. शाहिद अख्तर ने कहा कि अल्पसंख्यक विद्यालयों से जो शिक्षक रिटायर होते हैं, उन्हें ससमय पेंशन उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधा में देरी ना हो इसका खासा ख्याल रखा जाए.