रांची: टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में महिला हॉकी सेमीफानल मुकाबला खेला जा रहा है. भारतीय समय के अनुसार दोपहर 03:30 बजे से मैच शुरु हो चुका है. भारती महिला टीम के सामने अर्जेंटीना (India Vs Argentina Match) की टीम है. मैच शुरू होने के कुछ देर बाद ही भारत की तरफ से गुरजीत कौर ने एक गोल दाग दिया. फर्स्ट क्वार्टर तक भारत ने बढ़त बनाए रखा. सेकंड क्वार्टर अर्जेंटीना की ओर से बी मारिया नोएल ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मैच को बराबरी पर ला दिया. थर्ड क्वार्टर में फिर अर्जेटीना की ओर से बी मारिया नोएल ने गोल दाग कर अपनी टीम को बढ़त दिला दी, जो मैच के अंत तक बरकरार रही.
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शुरूआती तीन मैचों में हार
टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) की शुरुआत भारतीय महिला हॉकी टीम लिए अच्छी नहीं रही. शुरूआती तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा. 24 जुलाई को भारतीय टीम पहला मैच नीदरलैंड से 5-1 से हार गई थी. 26 जुलाई को खेले गए दूसरे मैच में भारतीय टीम को जर्मनी से 2-0 से हार मिली थी. 28 जुलाई को खेले गए तीसरे मैच में भी ग्रेट ब्रिटेन के हाथों भारतीय टीम को 4-1 से पराजय का सामना करना पड़ा.
जीत का सिलसिला
30 जुलाई को खेले गए चौथे मैच में भारतीय टीम को टोक्टो में पहली जीत मिली. भारतीय टीम ने आयरलैंड को 0-1 से हराया. 31 जुलाई को खेले गए 5वें मैच में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रिका को 3-4 से मात दी. भारतीय टीम ने जीत का सिलसिला क्वार्टर फाइनल तक जारी रखा. दो जुलाई को खेले गए क्वार्टर फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को 0-1 से हराया. टोक्टो ओलंपिक 2020 में खेले गए 6 मैचों में भारतीय टीम कि मिडपिल्डर निक्की प्रधान (Nikki Pradhan) और डिफेंडर सलीमा टेटे का प्रदर्शन अच्छा रहा है.
7 साल से लगातार टीम में जगह
झारखंड के खूंटी जिले के हेसल गांव में 8 दिसंबर 1993 जन्मी निक्की प्रधान अंतरराष्ट्रीय हॉकी में अपनी पहचान बना चुकी हैं. टोक्यो ओलंपिक 2021 में वो दूसरी बार भारत की तरफ से हिस्सा ले रही हैं. निक्की प्रधान (Nikki Pradhan) चार बहनें और एक भाई है. सभी बहने हॉकी खिलाड़ी हैं. निक्की पहले बांस के हॉकी स्टिक और बॉल बनाकर अपने भाई-बहनों के साथ खेलती थी. फिर उसने खूंटी में ही दशरथ महतो से ट्रेनिंग ली. उसके बाद उसका सेलेक्शन रांची के बरियातू में आवासीय हॉकी सेंटर के लिए हुआ. 2011 रांची में ही खेले गए 34वें राष्ट्रीय खेल में झारखंड से खेलते हुए निक्की ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था. 2015 में निक्की ने फिर से 35वें नेशनल गेम्स में जोरदार प्रदर्शन किया फिर भारतीय टीम में उसका चयन हो गया.
निक्की का दूसरा ओलंपिक
2016 रियो ओलंपिक खेलन गई भारतीय महिला टीम में निक्की का चयन हुआ. निक्की प्रधान (Nikki Pradhan) भारत की ओर से ओलंपिक, हॉकी विश्व और एशिया कप में भारतीय टीम के लिए खेल चुकी हैं. निक्की प्रधान ने अब तक भारत की ओर से टोक्यो ओलंपिक से पहले 104 मैच खेला है और दो गोल भी दागे हैं. निक्की प्रधान टीम के लिए बेहतरी मिडफिल्डर की भूमिका निभाती हैं.
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10 साल की उम्र से खेल रही हैं हॉकी
झारखंड के सिमडेगा जिले के एक छोटे से गांव बड़की छापर गांव में 27 दिसंबर 2001 को सुलक्षण टेटे के घर एक लड़की ने जन्म लिया. उस वक्त किसी ने नहीं सोचा था कि बड़ी होकर यह लड़की दुनिया में अपना और अपने गांव का नाम रौशन करेगी. हम बात कर रहे हैं भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी सलीमा टेटे (Salima Tete) की. सलीमा टेटे टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय टीम की हिस्सा है. सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे हॉकी के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. लिहाजा सलीमा में हॉकी के गुण घर से ही मिला. सलीमा जब दस साल की हुई तब से ही उसके पिता उसे जिला स्तर पर होने वाले प्रतियोगिता में खिलवाने के लिए ले जाते थे. इस दौरान सलीमा ने सभी को अपने खेल से प्रभावित किया. इस दौरान सलीमा ने कई पुरस्कार भी जीता.
घर से ही सीखी हॉकी
12 साल की उम्र में साल 2013 में सलीमा टेटे (Salima Tete) का चयन झारखंड टीम के लिए हो गया. 2014 सलीमा ने राष्ट्रीय सब जूनियर महिला प्रतियोगिता में झारखंड के लिए खेला. टीम ने उस समय रजद पदक जीता था. इसके बाद सलीमा का चयन राष्ट्रीय टीम के लिए हो गया. सलीमा टेटे भारत की ओर से टोक्यो ओलंपिक से पहले 29 मैच खेल चुकी हैं. सलीमा बेहतरीन डिफेंटर के रुप में जानी जाती हैं. सलीमा के मैदान पर रहते गेंद गोल तक पहुंचाने में लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.