रांची: दिल्ली में हाल ही में कुछ पत्रकारों और आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी पार्टियां देशभर में विरोध मार्च निकाल रही हैं. इस मामले को लेकर झारखंड में भी कई संगठनों और राजनीतिक दलों में गुस्सा है. इसे देखते हुए सोमवार को झारखंड में इंडिया अलायंस की पार्टियों ने पैदल मार्च कर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस पैदल मार्च में सीपीआई, सीपीएम, जेएमएम, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत अन्य पार्टियों के नेता मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें: आजसू पार्टी का बड़ा फैसला, जिसकी जितनी हिस्सेदारी, पार्टी में उसकी उतनी ही होगी भागीदारी
प्रदर्शन में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सांसद भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि जिस तरह से केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है. बिल्कुल भी उचित नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी के खिलाफ सरकार बनी है, वहां सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की मदद से लोगों को परेशान किया जा रहा है, जिसका उदाहरण पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के दौरान देखने को मिला.
"भाजपा की तानाशाही को रोकना होगा": झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मुस्ताक आलम ने कहा कि जिस तरह से केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार विपक्ष के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को परेशान कर रही है. ये तानाशाही है. भाजपा को इस तानाशाही को रोकना होगा, नहीं तो इंडिया गठबंधन के नेता अपने आंदोलन को और भी उग्र करने को मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से झारखंड के मुख्यमंत्री को बार-बार ईडी समन भेजकर परेशान किया जा रहा है. यह गलत है और इस गलत परंपरा को रोकने के लिए इंडिया एलायंस के लोगों ने रांची के शहीद चौक से राजभवन तक पैदल मार्च किया है.
पैदल मार्च के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों से अपील की गई कि इस बार देश की जनता सोच समझकर वोट करें ताकि आवाज उठाने वालों की आवाज को जिस तरह दबाया जा रहा है, वैसी स्थिति दोबारा ना बने. पैदल मार्च में शामिल नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के कार्यालय में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा.