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सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला बनाने में जुटी पार्टियां, झामुमो, कांग्रेस, राजद सबकी अलग गणित

Seat sharing in Jharkhand. लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में इंडिया गठबंधन की पार्टियां सीट शेयरिंग के लिए अलग-अलग फॉर्मूले की बात कर रही हैं. सभी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती हैं. ऐसे में इनमें कैसे सामंजस्य बैठेगा, यह बड़ा सवाल है.

Seat sharing in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 10, 2024, 7:59 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 9:39 PM IST

सीट शेयरिंग पर नेताओं के बयान

रांची: लोकसभा चुनाव 2024 बिल्कुल मुहाने पर खड़ा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को दिल्ली की सत्ता से बेदखल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की एक बड़ी एकता के रूप में इंडिया गठबंधन का भी गठन किया गया है। लेकिन झारखंड (जहां 14 सीटें हैं) में लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग कैसे करेगा, यह बड़ा सवाल है.

ऐसा इसलिए क्योंकि इंडिया में शामिल झारखंड की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जेएमएम, कांग्रेस और राजद की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं बहुत बड़ी हैं. भले ही तीनों पार्टियों के प्रदेश स्तर के नेता मीडिया के कैमरों के सामने ये कहें कि जब साझेदारी की बात आती है तो हिस्सेदारी ज्यादा मायने नहीं रखती. लेकिन ये आने वाले दिनों में सीट बंटवारे के कारण पैदा होने वाली समस्या को बेअसर करने का एक तरीका मात्र है. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लालू प्रसाद पर छोड़ने के साथ-साथ उन चार लोकसभा सीटों का नाम बताने से भी नहीं चूकते, जिन पर उनका दावा है.

'ज्यादा सीटों पर झामुमो का हक': साझेदारी में हिस्सेदारी नहीं देखने की बात कहने वाले कांग्रेस नेता कई मौकों पर 2019 की तरह 2024 में भी 09 लोकसभा सीटों पर दावा करने की बात कर चुके हैं. सोरेन परिवार के बेहद करीबी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि कोई भी मिक्सर बिना फॉर्मूले के नहीं बनाया जा सकता. 2024 में जब इंडिया गठबंधन की पार्टियों का मिश्रण बनेगा तो उसमें कांग्रेस, झामुमो, राजद, जदयू, वामदल के तत्व होंगे. वहीं सीट शेयरिंग को लेकर जेएमएम नेता ये बात जरूर कहते हैं कि इस बार 2019 का कोई फॉर्मूला नहीं होगा. वहीं पिछले दिनों झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कारण बताते हुए कहा था कि अधिक लोकसभा सीटों पर झामुमो का हक है.

फिर सवाल उठता है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में कांग्रेस का 09 फॉर्मूला काम करेगा या जेएमएम का 07 फॉर्मूला? अगर यह काम कर गया तो कुल 14 लोकसभा सीटों वाले झारखंड में राजद के 04 लोकसभा सीटों के फॉर्मूले का क्या होगा.

सीट बंटवारे पर आलाकमान का अंतिम फैसला: हाल ही में झारखंड कांग्रेस संसदीय कार्य समिति की बैठक के बाद कांग्रेस ने राज्य में इंडिया गठबंधन का स्वरूप तय करने के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत किया है, जबकि प्रदेश राजद ने चार लोकसभा सीटों पर अपना दावा करते हुए अंतिम फैसला लेने के लिए लालू प्रसाद को अधिकृत किया है. झामुमो की ओर से शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को फैसला लेना है. ऐसे में जब तीनों पार्टियों के शीर्ष नेता इंडिया गठबंधन की पार्टियों के अन्य नेताओं के साथ एक टेबल पर बैठेंगे तो उनके सामने अपने-अपने प्रदेश कमेटी का पत्र भी होगा और प्रदेश नेताओं की इच्छा भी. ऐसे में राज्य में इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच साझा सीट बंटवारा हासिल करना आसान नहीं होगा.

फॉर्मूले को लेकर अलग-अलग राय: प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेता 2019 के 9-4-1 फॉर्मूले को दोहराना चाहते हैं. इसमें कांग्रेस को 09, जेएमएम को 04 और राजद को 01 लोकसभा सीट मिली थी. फिर राजद ने इस फॉर्मूले को खारिज कर दिया और चतरा में भी अपना उम्मीदवार उतार दिया था. कांग्रेस ने अपने खाते की 09 लोकसभा सीटों में से दो सीटें कोडरमा और गोड्डा बाबूलाल मरांडी की पार्टी को दी थीं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झामुमो 07-07 फॉर्मूले पर आगे बढ़ना चाहता है. इसके तहत कांग्रेस और जेएमएम के बीच सीटों का बराबर बंटवारा होना चाहिए और ये दोनों दल अपने-अपने कोटे से राजद, जदयू और लेफ्ट को एडजस्ट कर लें, जबकि राजद अपने लिए 04 सीटें चाहता है.

यह भी पढ़ें: झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर किसके दावे में कितना दम! क्या एनडीए को टक्कर देने की हालत में है INDIA

यह भी पढ़ें: झारखंड में एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगा JMM! कांग्रेस और राजद ने बांट लिए अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र

यह भी पढ़ें: 23/23 जुटान का इफेक्ट! क्या झारखंड की 14 सीटों पर बन पाएगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?

सीट शेयरिंग पर नेताओं के बयान

रांची: लोकसभा चुनाव 2024 बिल्कुल मुहाने पर खड़ा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को दिल्ली की सत्ता से बेदखल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों की एक बड़ी एकता के रूप में इंडिया गठबंधन का भी गठन किया गया है। लेकिन झारखंड (जहां 14 सीटें हैं) में लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन सीट शेयरिंग कैसे करेगा, यह बड़ा सवाल है.

ऐसा इसलिए क्योंकि इंडिया में शामिल झारखंड की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जेएमएम, कांग्रेस और राजद की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं बहुत बड़ी हैं. भले ही तीनों पार्टियों के प्रदेश स्तर के नेता मीडिया के कैमरों के सामने ये कहें कि जब साझेदारी की बात आती है तो हिस्सेदारी ज्यादा मायने नहीं रखती. लेकिन ये आने वाले दिनों में सीट बंटवारे के कारण पैदा होने वाली समस्या को बेअसर करने का एक तरीका मात्र है. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला लालू प्रसाद पर छोड़ने के साथ-साथ उन चार लोकसभा सीटों का नाम बताने से भी नहीं चूकते, जिन पर उनका दावा है.

'ज्यादा सीटों पर झामुमो का हक': साझेदारी में हिस्सेदारी नहीं देखने की बात कहने वाले कांग्रेस नेता कई मौकों पर 2019 की तरह 2024 में भी 09 लोकसभा सीटों पर दावा करने की बात कर चुके हैं. सोरेन परिवार के बेहद करीबी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य कहते हैं कि कोई भी मिक्सर बिना फॉर्मूले के नहीं बनाया जा सकता. 2024 में जब इंडिया गठबंधन की पार्टियों का मिश्रण बनेगा तो उसमें कांग्रेस, झामुमो, राजद, जदयू, वामदल के तत्व होंगे. वहीं सीट शेयरिंग को लेकर जेएमएम नेता ये बात जरूर कहते हैं कि इस बार 2019 का कोई फॉर्मूला नहीं होगा. वहीं पिछले दिनों झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कारण बताते हुए कहा था कि अधिक लोकसभा सीटों पर झामुमो का हक है.

फिर सवाल उठता है कि क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड में कांग्रेस का 09 फॉर्मूला काम करेगा या जेएमएम का 07 फॉर्मूला? अगर यह काम कर गया तो कुल 14 लोकसभा सीटों वाले झारखंड में राजद के 04 लोकसभा सीटों के फॉर्मूले का क्या होगा.

सीट बंटवारे पर आलाकमान का अंतिम फैसला: हाल ही में झारखंड कांग्रेस संसदीय कार्य समिति की बैठक के बाद कांग्रेस ने राज्य में इंडिया गठबंधन का स्वरूप तय करने के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत किया है, जबकि प्रदेश राजद ने चार लोकसभा सीटों पर अपना दावा करते हुए अंतिम फैसला लेने के लिए लालू प्रसाद को अधिकृत किया है. झामुमो की ओर से शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को फैसला लेना है. ऐसे में जब तीनों पार्टियों के शीर्ष नेता इंडिया गठबंधन की पार्टियों के अन्य नेताओं के साथ एक टेबल पर बैठेंगे तो उनके सामने अपने-अपने प्रदेश कमेटी का पत्र भी होगा और प्रदेश नेताओं की इच्छा भी. ऐसे में राज्य में इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच साझा सीट बंटवारा हासिल करना आसान नहीं होगा.

फॉर्मूले को लेकर अलग-अलग राय: प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेता 2019 के 9-4-1 फॉर्मूले को दोहराना चाहते हैं. इसमें कांग्रेस को 09, जेएमएम को 04 और राजद को 01 लोकसभा सीट मिली थी. फिर राजद ने इस फॉर्मूले को खारिज कर दिया और चतरा में भी अपना उम्मीदवार उतार दिया था. कांग्रेस ने अपने खाते की 09 लोकसभा सीटों में से दो सीटें कोडरमा और गोड्डा बाबूलाल मरांडी की पार्टी को दी थीं. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झामुमो 07-07 फॉर्मूले पर आगे बढ़ना चाहता है. इसके तहत कांग्रेस और जेएमएम के बीच सीटों का बराबर बंटवारा होना चाहिए और ये दोनों दल अपने-अपने कोटे से राजद, जदयू और लेफ्ट को एडजस्ट कर लें, जबकि राजद अपने लिए 04 सीटें चाहता है.

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Last Updated : Jan 10, 2024, 9:39 PM IST
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