रांची: झारखंड में इन दिनों दिव्यांग जन अपने हक और अधिकार के लिए अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. राजधानी रांची में राजभवन के पास दिव्यांग जन अपने विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड दिव्यांग आंदोलन संघ के बैनर तले राज्य के हजारों दिव्यांग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
धरना प्रदर्शन पर बैठे शमशेर आलम राही ने बताया कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले दिव्यांगजनों के लिए जो वादे किए थे वह अब तक पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले यह कहा था कि दिव्यांग जनों को मिलने वाला मासिक पेंशन एक हजार से बढ़ाकर ढाई हजार रुपए कर दिया जाएगा लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 28 दिनों तक राज्य के दिव्यांग जनों ने धरना दिया था, लेकिन उस वक्त भी सरकार के लोगों ने झूठा आश्वासन देकर धरना खत्म करवा दिया था.
वहीं धरना को सफल बनाने के लिए राजभवन पहुंचे दिव्यांग अधिकार मंच के वरिष्ठ सदस्य अजीत कुमार ने कहा कि पिछले दो वर्षों से राज्य में नि:शक्तता आयुक्त के पद पर नियुक्ति नहीं हुई है. दिव्यांगों को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगों ने कहा कि सरकारी नौकरी में खाली पड़े सभी पदों पर नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है ताकि दिव्यांगो को रोजगार मुहैया हो सके.
वहीं दिव्यांगों ने मांग की है कि अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों को हर सुविधा प्रदान कराई जाए. दिव्यांगजनों ने कहा कि महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग व पिछड़ा वर्ग आयोग के तर्ज पर दिव्यांग जनों के लिए भी आयोग का गठन किया जाए. दिव्यांगजनों को हर विभाग में पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाए ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके.
इसके अलावे दिव्यांगों ने कहा कि बसों में टिकट के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए. झारखंड के अलावा सभी राज्यों में सार्वजनिक परिवहन सेवा में रियायत दी जाती है, इसलिए झारखंड में भी इस नियम का अनुपालन हो. वहीं दिव्यांगों को समय समय पर उच्च कोटि के बेहतर उपकरण सरकार की तरफ से उपलब्ध कराए जाए ताकि पुराने उपकरण से दिव्यांगजनों को इन्फेक्शन का खतरा ना हो.
अपने सभी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे दिव्यांगजनों ने कहा कि जब तक इस बार सरकार का कोई प्रतिनिधि उन्हें जवाब नहीं देता और दिव्यांगों की मांगों को पूरा नहीं करता तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. गौरतलब है कि पूरे राज्य में दिव्यांगों की संख्या करीब 12 लाख है. प्रदर्शन में मौजूद दिव्यांगजनों ने कहा कि यदि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में दिव्यांग जन अपने वोट की चोट से सरकार को जवाब देंगे.
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