रांची: एक अप्रैल से झारखंड के राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वाली गाड़ियों का टोल टैक्स महंगा हो जायेगा. नयी कर प्रणाली का सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ेगा. निजी गाड़ियों के साथ-साथ व्यवसायिक वाहन भी इसके दायरे में आयेंगे. स्वभाविक रुप से इसके कारण बस, टैक्सी और अन्य व्यवसायिक वाहनों को चलाने वाले व्यवसायियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा. जानकारी के अनुसार, करीब 10% तक की वृद्धि होगी. हालांकि, एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक शैलेंद्र कुमार मिश्र के अनुसार यह रुटीन व्यवस्था है, जो प्रत्येक वित्तीय वर्ष में संशोधित होता रहता है. झारखंड से गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्गों में 14 टोल प्लाजा हैं, जहां 1 अप्रैल से नई दर से टोल टैक्स लगेगा.
बस ओनर एसोसिएशन ने जताया विरोध: टोल टैक्स बढ़ने के कारण व्यवसायिक वाहनों पर पड़ने वाले बोझ को देखते हुए बस ओनर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है. बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह ने कहा है कि टोल टैक्स दर में बढ़ोतरी किए जाने से इसका खामियाजा आखिरकार बस व्यवसाय से जुड़े लोगों को सबसे ज्यादा उठाना पड़ेगा. आज की तारीख में रांची से पटना जाने वाली बस को चार जगह टोल टैक्स जमा करना होता है. प्रत्येक टोल टैक्स पर करीब 375 रुपए दिए जाते हैं. इस तरह से एक बार पटना आने जाने में 3000 रुपए टोल टैक्स के रूप में बस मालिक जमा करते हैं. इस बढ़ोतरी के बाद करीब 3500 रुपया टोल टैक्स के रूप में जमा करना होगा. ऐसे में यह जो वित्तीय भार बढ़ेगा, वह कहीं ना कहीं हम यात्रियों से ही लेंगे.
टोल प्लाजा | कार | बस-ट्रक |
टंडबालीडीह | 40 | 135 |
सोसोखुर्द | 50 | 165 |
रसोईयाधमना | 125 | 415 |
पाटा | 25 | 80 |
पुतरु | 65 | 220 |
कोकपाड़ा | 105 | 355 |
एदलहातू | 115 | 395 |
कुलगो | 125 | 420 |
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पहले से ही बस व्यवसाय बुरी तरह से सरकार की नीतियों और डीजल के दामों में लगातार हो रही वृद्धि से प्रभावित है. दूसरी तरफ टोल टैक्स में बढ़ोतरी कहीं ना कहीं इस व्यवसाय को और प्रभावित करने का काम करेगा. बसों में यात्रियों की संख्या पहले से ही कम होती जा रही है. ऐसे में यदि बस भाड़ा बढाया जाता है तो और भी यात्री बस की वजह ट्रेनों से सफर करने लगेंगे.