रांची: झारखंड में तीसरे मोर्चे का गठन किया गया है, जिसे झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा नाम दिया गया है. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को विधायक दल का नेता चुना गया है. झारखंड में नवगठित तीसरे मोर्चे में पांच विधायक शामिल हैं. इनमें आजसू पार्टी से विधायक सुदेश महतो और लंबोदर महतो शामिल हैं. एनसीपी के विधायक कमलेश सिंह और विधायक सरयू राय व अमित यादव इस मोर्चे में शामिल हैं.
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झारखंड में थर्ड फ्रंट का पड़ेगा दूरगामी प्रभाव: राज्य में गठित तीसरे मोर्चा का राजनीतिक गलियारों में दूरगामी प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है. एनडीए में शामिल आजसू के मोर्चा में शामिल होने पर बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि यह सदन की कार्यवाही में समय अधिक से अधिक मिले इसके लिए बनाया गया है. यदि ऐसी बात थी तो बीजेपी अपने समय में से काटकर आजसू को देने की पहल हो सकती है. उन्होंने इसका राजनीतिक प्रभाव पड़ने से इनकार करते हुए कहा कि फिलहाल इसका प्रभाव नहीं दिखेगा.
वहीं इस मोर्चा के गठन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर हलचल देखी जा रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने इसे राजनीतिक चश्मे से देखने के बजाय सदन में पांच विधायकों के द्वारा संगठित होकर समय अधिक से अधिक मिले इससे जोड़कर देखना चाहिए. हालांकि इस मोर्चा को मान्यता सदन में मिलेगी या नहीं उसे देखना पड़ेगा. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के गठन को औचित्यहीन बताते हुए कहा है कि इसका प्रभाव कुछ भी नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मोर्चा कानूनी रुप से कितना सही है, वह देखना होगा.
राज्यसभा चुनाव में मोर्चा की होगी महत्वपूर्ण भूमिका: झारखंड की दो सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव अप्रैल महीने में होने हैं. बीजेपी के महेश पोद्दार और मुख्तार अव्वास नकवी की सीट खाली हो रही है. इस चुनाव से पहले तीसरे मोर्चा का गठन करना राजनीतिक मायनों में अहम माना जा रहा है. बीजेपी की ओर से पूर्व सीएम रघुवर दास को चुनाव मैदान में लाने की चर्चा है. ऐसे में मोर्चा में शामिल विधायक सरयू राय एवं अन्य की भूमिका सबसे पहले इस चुनाव में दिखने की संभावना है.