रांचीः आईएमए भवन में रविवार को आईएमए झारखंड (IMA Jharkhand) के विभिन्न विंग और निजी लैब संचालकों एक संयुक्त मीटिंग आयोजित की गयी. जिसमें लातेहार के चंदवा से 12 जनवरी को अगवा की गयीं डॉ नीलिमा (जिन्हें बाद में रामगढ से ढाई लाख की फिरौती के बाद छोड़ा गया) के मामले में लातेहार पुलिस की भूमिका ठीक नहीं है. इसलिए आईएमए झारखंड का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही डीजीपी से मुलाकात कर अपहरणकर्ताओं की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करेगा.
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आईएमए झारखंड के विभिन्न विंग की इस बैठक में कई निर्णय लिए गए. जिसमें आईएमए झारखंड डीजीपी से मिलेगा डॉ नीलिमा के अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग करेगा. साथ ही निजी लैब संचालक झारखंड में आरीटीपीसीआर टेस्ट और आरएटी के नए दर पर पुनर्विचार करने की मांग सरकार से करेगा. इस बैठक में डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. बीपी कश्यप, डॉ. आरएस दास, डॉ. बिमलेश सिंह, डॉ शंभू प्रसाद सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. भारती कश्यप, डॉ. ब्यूटी बनर्जी, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. राकेश ठाकुर, डॉ. राकेश शरन, डॉ. पूजा सहाय, डॉ. शिप्रा शरण समेत कई निजी लैब संचालक भी मौजूद रहे.
इस मीटिंग में सरकार के द्वारा बिना स्टेकहोल्डर से बात किए हुए एक तरफा RTPCR और RAT जांच की मूल्यों में किए गए बदलाव का विरोध किया गया. प्राइवेट लैब संचालकों ने कहा कि उनकी जो लागत है वह 400 रुपये से ज्यादा है. ऐसी स्थिति में 300 रुपया में आरटीपीसीआर जांच करना संभव नहीं है. इसको लेकर आईएमए झारखंड स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य सचिव से मिलकर आईएमए के नेतृत्व में संचालक अपनी बातों को रखेंगे और न्याय करने की गुहार लगाएंगे.
दूसरा मुद्दा यह रहा कि डॉ. नीलिमा जो लातेहार के चंदवा में पदस्थापित चिकित्सक है, उनके अपहरणकर्ताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. इस पर वूमेंस डॉक्टर्स विंग की अध्यक्ष डॉ. भारती कश्यप ने बताया कि आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्य के डीजीपी से मिलकर जल्द अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग करेगा. इस मीटिंग में तीसरा मुद्दा ये रहा कि कोरोना काल में काम के दौरान हुए शहीद प्राइवेट और सरकारी डॉक्टर्स को उचित मुआवजा दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे. इसमें सरकार के रुख पर नाराजगी जताते हुए आईएमए पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि कोरोना योद्धाओं के देहांत के बाद सरकार की तरफ से किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं दी गयी है. जिससे चिकित्सक वर्ग अपने आपको हतोत्साहित और ठगा हुआ महसूस कर रहा है. इसलिए आईएमए झारखंड और रांची आईएमए ने यह निर्णय लिया है कि स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर शहीदों के परिजनों को मुआवजा जल्द से जल्द देने की मांग की जाएगी. इससे भविष्य में कभी भी जरूरत पड़ने पर चिकित्सक अपना शत-प्रतिशत योगदान देने से पीछे नहीं हटेंगे.