रांची: आईएमए के आहृवान पर पूरे देश के साथ-साथ झारखंड में भी 12 घंटे की हड़ताल का असर देखने को मिला. झारखंड इकाई के आईएमए ने भी मिक्सोथेरेपी का विरोध किया. हालांकि, रिम्स में सुबह-सुबह ओपीडी सेवाएं बहाल की गई थी और मरीजों को डॉक्टरों के की ओर से देखा जा रहा था, लेकिन जैसे ही ओपीडी सेवाएं चालू होने की जानकारी आईएमए और जेडीए को प्राप्त हुई, उसके बाद सभी टीम ने मिलकर तुरंत ही ओपीडी सेवा दे रहे सभी चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार कराया.
क्या कहते हैं डॉक्टर
आईएमए के रांची जिला सचिव डॉक्टर शंभू प्रसाद ने बताया कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार की ओर से यह नियम लाया जा रहा है कि अब आयुर्वेद और होम्योपैथिक के डॉक्टर भी सर्जरी की पढ़ाई कर शल्य चिकित्सा का काम करेंगे, यह कहीं ना कहीं मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ होगा. क्योंकि आयुर्वेद और होम्योपैथिक के चिकित्सकों की पढ़ाई में कहीं भी लोगों के शरीर के आंतरिक हिस्सों के बारे में नहीं बताया जाता है, जिस प्रकार से एलोपैथी के डॉक्टर को शरीर के एक-एक अंग के बारे में जानकारी दी जाती है. उस प्रकार से होम्योपैथिक और एलोपैथिक के डॉक्टरों को यह जानकारी नहीं मिलती है. ऐसे में अगर उन्हें सर्जरी की पढ़ाई न कराकर सर्जरी कराने की अनुमति दी जाए, तो यह निश्चित रूप से मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा.
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ओपीडी सेवा बंद
ओपीडी सेवा बंद कराने के बाद मरीजो को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. दूरदराज से आए मरीजों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि वे सुबह से ही नंबर लगाकर डॉक्टर से दिखाने के लिए आए थे. लेकिन बंद के कारण अब उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. अपना इलाज कराने आयी आशा कुमारी ने बताया कि डॉक्टरों की ओर से ही बंदी कराने के कारण मरीज कुछ नहीं बोल पा रहे हैं क्योंकि उन्हें बंद डॉक्टरों की ओर से ही बुलाया गया है.