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ब्यूरोक्रेट्स पर भी पड़ता है सरकार बदलने का असर, जानिए कौन-कौन हैं सीएम हेमंत के फेवरेट आईएएस अफसर

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Published : Sep 4, 2021, 8:05 PM IST

Updated : Sep 5, 2021, 8:00 AM IST

सरकार बनने और बदलने का साइड इफेक्ट ब्यूरोक्रेट्स पर भी पड़ता है. कभी सत्ता के गलियारों में फ्रंट लाइन जिम्मेदारी निभाने वाले आईएएस अधिकारी सत्ता बदलते ही गुमनामी में चले जाते हैं. कुछ ऐसा ही वर्तमान ब्यूरोक्रेसी में देखने को मिल रहा है.

IAS officers in jharkhand
डिजाइन इमेज

रांची: झारखंड में निजाम बदले के साथ ही सिपहसलार भी बदल जाते हैं. 2019 विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ. रघुवर सरकार गई और हेमंत सरकार आई. सरकार बदलने के साथ ही सिपहसलार भी बदलने लगे. सरकार ने अपने पसंद के अधिकारियों को महत्वपूर्ण जगहों पर तैनाती शुरू कर दी.

ये भी पढ़ें- काम का बोझ या मेहरबानी: कम अधिकारियों के चलते विकास कार्यों पर पड़ रहा असर, कुछ को मलाईदार पद देने पर उठ रहे सवाल

आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को छोड़कर रघुवर सरकार में जिन अधिकारियों की तूती बोलती थी आज समय के बहाव में प्रशासनिक कामकाज से ओझल हो गये हैं. फ्रंटलाइन से ऑफलाइन हो गये ऐसे अधिकारियों की लंबी चौड़ी लिस्ट है. रघुवर सरकार में तेजतर्रार आईएएस अधिकारी सुनील कुमार वर्णवाल आखिरकार केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये. सुनील वर्णवाल को पिछली रघुवर सरकार में विरोधी डिप्टी सीएम बताकर आलोचना करते थे.

देखें स्पेशल स्टोरी

साइडलाइन आईएएस अधिकारी

रघुवर सरकार में ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी संभालनेवाले राहुल पुरवार इन दिनों केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद स्टडी लीव पर हैं. रघुवर सरकार में आईएएस वंदना डाडेल सोशल मीडिया पर अपनी ही सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण विवादों में रही जिसके कारण उन्हें साइडलाइन होना पड़ा. वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार में कार्मिक सचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं. इसी तरह धनबाद डीसी के रुप में खास पहचान बनाने वाले तेजतर्रार आईएएस अधिकारी कृपानंद झा वर्तमान समय में साइडलाइन में है.

IAS officers in jharkhand
साइडलाइन अधिकारी

फेवरेट आईएएस अधिकारी

पिछले सरकार में फ्रंटलाइन पर रहने वाले आईएएस अधिकारी साइलडाइन हो गए हैं तो कई आईएएस अधिकारी सरकार के फेवरेट भी बन गए हैं. विनय कुमार चौबे इनके पास कई जिम्मेवारियां हैं. पिछली सरकार में जिस तरह सुनील कुमार वर्णवाल की चलती थी उसी तरह इस सरकार में विनय कुमार चौबे हैं. किरण कुमार पासी, राखाल चंद्र बेसरा, निशिकांत मिश्रा और राजीव अरूण एक्का हेमंत सरकार के चहेते अधिकारी हैं.

IAS officers in jharkhand
फेवरेट अधिकारी

राजनीतिक दल और ब्यूरोक्रेट्स

राजनीतिक दलों के साथ बड़े ब्यूरोक्रेट्स का मधुर संबंध हमेशा से रहा है. खासकर वैसे राजनीतिक दल जो सत्ता के इर्दगिर्द रहते हैं. ये हम नहीं राजनीतिक दल के नेता भी मानते हैं. सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के भी विधायक इसे मानते हैं कि जब जिस दल की सरकार रहती है अधिकारियों की तैनाती उसी मन मुताबिक की जाती है.

झामुमो विधायक वैद्यनाथ राम और कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला की मानें तो राज्य का मुखिया मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि कौन से अधिकारी को कौन सी विभाग की जिम्मेदारी दी जाय. वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार में अधिकारियों के पोस्टिंग पर तंज कसते हुए कहा है कि झारखंड के ब्यूरोक्रेट्स इतने चतुर चालाक हैं कि वे राजनीतिक दलों से संबंध बनाकर भविष्य के लिए रखते हैं.कुछ ऐसा ही वर्तमान सरकार में दिख रहा है.

इन सबके बीच कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जिनपर सरकार के बनने और बदलने का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है. पिछली सरकार में उद्योग विभाग की जिम्मेदारी निभाने वाली तेजतर्रार महिला अधिकारी पूजा सिंघल वर्तमान सरकार में भी महत्वपूर्ण विभाग को संभाल रही हैं. बहरहाल अधिकारियों के विभागों का फेरबदल कोई नई बात नहीं है. जिसे हर किसी को अपने सेवाकाल में गुजरना होता है. मगर जब कोई खास दल की सरकार बनते ही किसी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और किसी को साइडलाइन कर दी जाती है तो यह चर्चा का विषय बन जाता है.

रांची: झारखंड में निजाम बदले के साथ ही सिपहसलार भी बदल जाते हैं. 2019 विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ. रघुवर सरकार गई और हेमंत सरकार आई. सरकार बदलने के साथ ही सिपहसलार भी बदलने लगे. सरकार ने अपने पसंद के अधिकारियों को महत्वपूर्ण जगहों पर तैनाती शुरू कर दी.

ये भी पढ़ें- काम का बोझ या मेहरबानी: कम अधिकारियों के चलते विकास कार्यों पर पड़ रहा असर, कुछ को मलाईदार पद देने पर उठ रहे सवाल

आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को छोड़कर रघुवर सरकार में जिन अधिकारियों की तूती बोलती थी आज समय के बहाव में प्रशासनिक कामकाज से ओझल हो गये हैं. फ्रंटलाइन से ऑफलाइन हो गये ऐसे अधिकारियों की लंबी चौड़ी लिस्ट है. रघुवर सरकार में तेजतर्रार आईएएस अधिकारी सुनील कुमार वर्णवाल आखिरकार केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये. सुनील वर्णवाल को पिछली रघुवर सरकार में विरोधी डिप्टी सीएम बताकर आलोचना करते थे.

देखें स्पेशल स्टोरी

साइडलाइन आईएएस अधिकारी

रघुवर सरकार में ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी संभालनेवाले राहुल पुरवार इन दिनों केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद स्टडी लीव पर हैं. रघुवर सरकार में आईएएस वंदना डाडेल सोशल मीडिया पर अपनी ही सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण विवादों में रही जिसके कारण उन्हें साइडलाइन होना पड़ा. वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार में कार्मिक सचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं. इसी तरह धनबाद डीसी के रुप में खास पहचान बनाने वाले तेजतर्रार आईएएस अधिकारी कृपानंद झा वर्तमान समय में साइडलाइन में है.

IAS officers in jharkhand
साइडलाइन अधिकारी

फेवरेट आईएएस अधिकारी

पिछले सरकार में फ्रंटलाइन पर रहने वाले आईएएस अधिकारी साइलडाइन हो गए हैं तो कई आईएएस अधिकारी सरकार के फेवरेट भी बन गए हैं. विनय कुमार चौबे इनके पास कई जिम्मेवारियां हैं. पिछली सरकार में जिस तरह सुनील कुमार वर्णवाल की चलती थी उसी तरह इस सरकार में विनय कुमार चौबे हैं. किरण कुमार पासी, राखाल चंद्र बेसरा, निशिकांत मिश्रा और राजीव अरूण एक्का हेमंत सरकार के चहेते अधिकारी हैं.

IAS officers in jharkhand
फेवरेट अधिकारी

राजनीतिक दल और ब्यूरोक्रेट्स

राजनीतिक दलों के साथ बड़े ब्यूरोक्रेट्स का मधुर संबंध हमेशा से रहा है. खासकर वैसे राजनीतिक दल जो सत्ता के इर्दगिर्द रहते हैं. ये हम नहीं राजनीतिक दल के नेता भी मानते हैं. सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के भी विधायक इसे मानते हैं कि जब जिस दल की सरकार रहती है अधिकारियों की तैनाती उसी मन मुताबिक की जाती है.

झामुमो विधायक वैद्यनाथ राम और कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला की मानें तो राज्य का मुखिया मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि कौन से अधिकारी को कौन सी विभाग की जिम्मेदारी दी जाय. वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार में अधिकारियों के पोस्टिंग पर तंज कसते हुए कहा है कि झारखंड के ब्यूरोक्रेट्स इतने चतुर चालाक हैं कि वे राजनीतिक दलों से संबंध बनाकर भविष्य के लिए रखते हैं.कुछ ऐसा ही वर्तमान सरकार में दिख रहा है.

इन सबके बीच कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं जिनपर सरकार के बनने और बदलने का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है. पिछली सरकार में उद्योग विभाग की जिम्मेदारी निभाने वाली तेजतर्रार महिला अधिकारी पूजा सिंघल वर्तमान सरकार में भी महत्वपूर्ण विभाग को संभाल रही हैं. बहरहाल अधिकारियों के विभागों का फेरबदल कोई नई बात नहीं है. जिसे हर किसी को अपने सेवाकाल में गुजरना होता है. मगर जब कोई खास दल की सरकार बनते ही किसी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और किसी को साइडलाइन कर दी जाती है तो यह चर्चा का विषय बन जाता है.

Last Updated : Sep 5, 2021, 8:00 AM IST
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