रांची: मनी लॉन्ड्रिंग की आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल ने रांची ईडी कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने के बाद उन्होंने सरेंडर किया है. सरेंडर करने के बाद उन्हें फिर से न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेज दिया गया. पूजा सिंघल को 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी.
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सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को बेटी के मेडिकल ग्राउंड पर एक महीने की अंतरिम जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय ओका की अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी. झारखंड के खूंटी में हुए मनरेगा घोटाला मामले में ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था.
11 मई को हुई थी गिरफ्तारी: 6 मई 2022 की सुबह ईडी की टीम ने मनरेगा घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूजा सिंघल और उनके करीबियों के 25 ठिकानों पर छापेमारी की. कई ठिकानों से दस्तावेज बरामद किए गए. वहीं इस छापेमारी में पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के घर और दफ्तर से 19 करोड़ कैश बरामद किया गया. ईडी की टीम सीए सुमन कुमार और उसके भाई पवन कुमार को अपने साथ ले गई. दूसरे दिन पूछताछ के बाद सुमन के भाई पवन कुमार को ईडी ने छोड़ दिया और सुमन कुमार को गिरफ्तार कर रिमांड पर ले लिया. 8 मई से 11 मई के बीच पूजा सिंघल और सीए सुमन कुमार से कई दौर की पूछताछ हुई. पूछताछ के बाद 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार कर लिया.
ईडी और हाई कोर्ट से जमानत रद्द: पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद झारखंड सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया. गिरफ्तारी के बाद उनके वकील ने पहले ईडी कोर्ट में जमानत याचिका दी. ईडी कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. ईडी कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद हाई कोर्ट पहुंची लेकिन वहीं भी निराशा ही हाथ लगी. हाई कोर्ट के बाद उनके वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंचे जहां से उन्हें एक महीने के अंतरिम जमानत मिली.