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आम बजट 2022 पर टिकी सबकी नजर, जानिए अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल को क्या है उम्मीद

1 फरवरी को केंद्र सरकार आम बजट 2022 पेश करेगी. इससे पहले ही आम लोगों से खास लोगों तक की बजट पर नजर है. इस बीच रांची के जाने माने अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने आम बजट पर उम्मीदों को ईटीवी भारत की टीम से साझा किया है. पेश है रिपोर्ट.

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अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल
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Published : Jan 31, 2022, 2:04 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 5:29 PM IST

रांची: केंद्र सरकार ने सोमवार 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया. इससे आम बजट 2022 की झलकी मिलने लगी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2022-23 में देश की ग्रोथ रेट 8-8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है. इससे अर्थशास्त्रियों को आम बजट 2022 ग्रोथ ओरिएंटेड होने की उम्मीद है. रांची में जानेमाने अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल से जब ईटीवी भारत की टीम ने आम बजट 2022-23 पर बात की तो उन्होंने बजट के संबंध में राज्य और देश के लोगों की उम्मीदों पर खुलकर बात की. उन्होंने उम्मीद जताई कि आम बजट 2022-23 ग्रोथ ओरियंटेड होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्रीय करों में राज्यांश बढ़ेगा, जिसका लाभ झारखंड जैसे राज्यों को मिलेगा.

ये भी पढ़ें-Budget Session 2022: चुनाव तो चलते रहेंगे, बजट सत्र को फलदायी बनाएं सांसद, राजनीतिक दल: पीएम


वित्तीय वर्ष 2022-23 के आम बजट को अहम मानते हुए अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने ईटीवी भारत की टीम से कहा कि पिछले दो वित्तीय वर्ष कोरोना के कारण प्रभावित रहे. इस वजह से कर संग्रहण पर भी प्रभाव पड़ा. स्वाभाविक रूप से इसका असर राज्यों के कर राज्यांश से मिलनेवाली राशि पर भी पड़ा. 2019-20 में झारखंड को लगभग 3500 करोड़ कम कर राज्यांश मिला था, जबकि 2020-21 में लगभग 800 करोड़ कम मिला. इस वर्ष कोरोना से कम प्रभाव हुआ है तो केन्द्र को कर संग्रहण अच्छा होने की उम्मीद है. इसका लाभ राज्यों को भी मिलेगा.

आम बजट 2022 पर अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल की राय

अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने कहा कि केन्द्र ने कर संग्रह बनाए रखने के लिए सेस लगा रखा है जिसके कारण इस मद से आनेवाली राशि राज्यों को अंश के रूप में नहीं मिलती है. उम्मीद करते हैं कि सेस सरचार्ज को कम किया जाएगा, जिसका लाभ राज्यों को मिलेगा. महंगाई के बजाय रोजगार पर फोकस होगा.उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट में जरूर प्रावधान होंगे जिससे रोजगार के साथ साथ मनी फ्लो बना रहेगा.

अर्थशास्त्री दयाल ने कहा कि केन्द्रीय करों में राज्यांश बढे़, इस पर बजट में जरूर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी कम्पनसेशन इस वर्ष राज्यों को जुलाई 22 तक ही है. राज्यों की अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत अभी नहीं हुई है. इसलिए सभी राज्य 5 वर्षों के लिए इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

रांची: केंद्र सरकार ने सोमवार 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया. इससे आम बजट 2022 की झलकी मिलने लगी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2022-23 में देश की ग्रोथ रेट 8-8.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है. इससे अर्थशास्त्रियों को आम बजट 2022 ग्रोथ ओरिएंटेड होने की उम्मीद है. रांची में जानेमाने अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल से जब ईटीवी भारत की टीम ने आम बजट 2022-23 पर बात की तो उन्होंने बजट के संबंध में राज्य और देश के लोगों की उम्मीदों पर खुलकर बात की. उन्होंने उम्मीद जताई कि आम बजट 2022-23 ग्रोथ ओरियंटेड होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्रीय करों में राज्यांश बढ़ेगा, जिसका लाभ झारखंड जैसे राज्यों को मिलेगा.

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वित्तीय वर्ष 2022-23 के आम बजट को अहम मानते हुए अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने ईटीवी भारत की टीम से कहा कि पिछले दो वित्तीय वर्ष कोरोना के कारण प्रभावित रहे. इस वजह से कर संग्रहण पर भी प्रभाव पड़ा. स्वाभाविक रूप से इसका असर राज्यों के कर राज्यांश से मिलनेवाली राशि पर भी पड़ा. 2019-20 में झारखंड को लगभग 3500 करोड़ कम कर राज्यांश मिला था, जबकि 2020-21 में लगभग 800 करोड़ कम मिला. इस वर्ष कोरोना से कम प्रभाव हुआ है तो केन्द्र को कर संग्रहण अच्छा होने की उम्मीद है. इसका लाभ राज्यों को भी मिलेगा.

आम बजट 2022 पर अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल की राय

अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने कहा कि केन्द्र ने कर संग्रह बनाए रखने के लिए सेस लगा रखा है जिसके कारण इस मद से आनेवाली राशि राज्यों को अंश के रूप में नहीं मिलती है. उम्मीद करते हैं कि सेस सरचार्ज को कम किया जाएगा, जिसका लाभ राज्यों को मिलेगा. महंगाई के बजाय रोजगार पर फोकस होगा.उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट में जरूर प्रावधान होंगे जिससे रोजगार के साथ साथ मनी फ्लो बना रहेगा.

अर्थशास्त्री दयाल ने कहा कि केन्द्रीय करों में राज्यांश बढे़, इस पर बजट में जरूर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी कम्पनसेशन इस वर्ष राज्यों को जुलाई 22 तक ही है. राज्यों की अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत अभी नहीं हुई है. इसलिए सभी राज्य 5 वर्षों के लिए इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

Last Updated : Jan 31, 2022, 5:29 PM IST
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