रांचीः नगर विकास एवं आवास विभाग की नगरीय प्रशासन निदेशक विजया जाधव की अध्यक्षता में नगर निकाय पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई. बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), डे-एनयूएलएम और मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत होने वाले कार्यों की समीक्षा की गई. बैठक में वर्ष 2015-16 और 2016-17 के तहत बनने वाले मकानों और किफायती आवास परियोजना के तहत आवास निर्माण का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर विजया जाधव ने नाराजगी जाहिर की.
यह भी पढ़ेंः5 साल तक फाइलों में बनता रहा पीएम आवास!, विभाग की नींद खुली तो थमा दिए नोटिस
नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक विजया जाधव ने कहा कि जिन लाभुकों को आवास की राशि मिल चुकी है और उन्होंने किस्त मिलने के बावजूद आवास निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं किया है. इन लोगों को चिन्हित करने के साथ साथ नामों की सभी नगर निकयों के स्तर पर नोटिस बोर्ड पर चिपकाए. इसके साथ ही ऋण वसूली की नोटिस देकर राशि वसूली की कार्रवाई सुनिश्चित करें. निदेशक ने अधिकारियों से कहा कि आधे-अधूरे निर्माणाधीन आवास को पूर्ण कराने का निर्देश दिया.
बैठक में निदेशक ने कहा कि राशि लेकर मकान नहीं बनवाने वालों की जगह जरूरतमंद लाभार्थियों के नाम आवास आवंटन की प्रक्रिया शुरू करें. उन्होंने कहा कि आवास निर्माण में बैंकों के साथ आ रही परेशानी और तकनीकी समस्या को तत्काल दूर करें और हर हाल में लक्ष्य के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में आवास निर्माण को पूरा करवाएं. उन्होंने कहा कि दीन दयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) के तहत प्रत्येक निकायों में लक्ष्य के अनुरूप एरिया लेवल फेडरेशन का गठन प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि एक ही बैंक के साथ बेहतर तालमेल बनाएं, ताकि स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. उन्होंने नगर निकायों की ओर से रिवॉल्विंग फंड के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल नहीं करने पर भी नाराजगी व्यक्त की है.
नगर निकायों में मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए निदेशक ने कहा कि जल्द से जल्द रोजगार सृजन को लेकर कदम उठाएं. उन्होंने कहा कि जरूरतमंद श्रमिकों को काम के अभाव में खाली बैठना नहीं पड़े. बैठक में सहायक निदेशक शैलेश प्रियदर्शी, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) कोषांग के स्टेट टीम लीडर राजन कुमार, विशेषज्ञ मुकेश झा, फिरोज आलम, कल्याणी पम्पना, मीतू भारती सहित दर्जनों आलाधिकारी उस्थित थे.