रांचीः राज्यसभा चुनाव 2016 में हुई गड़बड़ी की जांच में रांची पुलिस जुटी हुई है. रविवार को रांची पुलिस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के पीए दीपक कुमार का बयान दर्ज किया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्यसभा चुनाव में वोटों को प्रभावित करने के मामले में एक-एक कड़ियां जोड़ कर साक्ष्य जुटा रहे हैं.
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बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी ने अपने बयान में कहा था कि 11 जून 2016 को राज्यसभा चुनाव के दिन वोट देने से रोकने की कोशिश हो रही थी. इसके बाद सुबोधकांत सहाय के पीए दीपक कुमार और अपने पीए संजीत कुमार की मदद से वह हेमंत सोरेन के आवास पहुंचीं. इसके बाद हेमंत सोरेन ने अपनी गाड़ी से विधानसभा पहुंचे थे. इसी को लेकर पुलिस ने दीपक कुमार का बयान दर्ज किया है.
दीपक कुमार ने पुलिस को क्या बताया
दीपक कुमार ने पुलिस को बताया कि चुनाव के दिन पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय के निर्देश पर निर्मला देवी से बात किया. इसके बाद चुटिया स्थित ऑक्सफोर्ड स्कूल के समीप से निर्मला देवी को लेकर हेमंत सोरेन के आवास पहुंचे, तभी हेमंत सोरेन कारकेड विधानसभा के लिए निकलने वाले थे. निर्मला देवी उनकी गाड़ी से विधानसभा के लिए निकलीं. दीपक कुमार ने यह भी बताया कि निर्मला देवी के साथ में उनके पीए संजीत कुमार भी थे. वोट देने के बाद निर्मला देवी को जगन्नाथपुर इलाके में छोड़ा था.
सुबोधकांत सहाय का पहले हो चुका है बयान दर्ज
हार्स ट्रेडिंग मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय का बयान पुलिस ने पहले ही दर्ज किया जा चुका था. सुबोधकांत सहाय ने स्वीकार किया था कि बाबूलाल मरांडी की ओर से जो पत्र आयोग को भेजा गया था, उसपर उन्होंने भी अपने हस्ताक्षर किए थे.
पुलिस को नहीं मिल पाया है सीडीआर
राज्यसभा हार्स ट्रेडिंग केस में कड़ियां जोड़ने के लिए कॉल डिटेल रिकार्ड काफी अहम है, लेकिन इस कांड में आरोपियों, संदेह के घेरे में आए विधायकों के साथ साथ अन्य लोगों का सीडीआर नहीं निकल पाई है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि टेलीकॉम कंपनियां एक साल से अधिक पुराने सीडीआर नहीं देतीं. इसको लेकर जगन्नाथपुर थाने की पुलिस ने सीबीआई और एनआईए से भी संपर्क किया था. इसके बावजूद केस के अनुसंधानकर्ता को सीडीआर नहीं मिल पाई है.