रांची: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 8 मार्च से धरना पर बैठे झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा. इसे लेकर सोमवार को एसोसिएशन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी
झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से गृह रक्षकों के मानदेय वृद्धि, नियमित रूप से ड्यूटी भविष्य निधि की कटौती और सेवा निवृत्ति के बाद सम्मानजनक राशि का भुगतान करने की मांग लगातार सरकार से कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर सोमवार को उनका प्रदर्शन और उग्र हो गया और वे सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाने लगे. होमगार्ड के जवानों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की और उनके मांग और किए जाने वाले कार्यो को के बारे में जाना.
मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप
इस दौरान झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव राजीव तिवारी ने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने होमगार्ड जवानों से वादा किया था कि चुनाव जीतने के बाद उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद वे होमगार्ड जवानों के वादों को भूल गए हैं, इसलिए उनसे आग्रह है कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरी की जाए.
इस दौरान महिला होमगार्ड के जवानों ने भी अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि उन लोगों से अर्दली के रूप में काम लिया जाता है, जो भी अधिकारी होते हैं, उनके घर में बच्चा खिलाने से लेकर कुत्ते का कचरा तक साफ कराया जाता है. यहां तक की पुलिस अधिकारियों का बदन तक भी दबाया जाता है.
8 महीने रहना पड़ता है बेरोजगार
महिला होमगार्ड जवानों का कहना है कि उन्हें साल में 4 महीने ही काम दिया जाता है, बाकी 8 महीने लोग बेरोजगारी में जीते हैं. सरकार से यही मांग है कि उनके जो रोजगार है, उसे नियमित किया जाए. महिला होमगार्ड जवानों का कहना है कि जिस तरह से बिहार में होमगार्ड जवानों को सुविधाएं दी जा रही है. वही सुविधा झारखंड सरकार भी दें, ताकि उनका घर परिवार और बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो सके.