रांची: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झारखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अजय कुमार ने झंडा फहराया. इसके बाद उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए राज्य पुलिस की कई उपलब्धियां गिनायी, भाषण को आगे बढ़ाते हुए कहा कि नक्सलियों के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई चल रही है. इसमें हमारे सभी सुरक्षा बल जी-जान से लगे हुए हैं, इसमें हमारा कुछ नुकसान भी हुआ है लेकिन इसके बावजूद हम मोर्चे पर डटे हुए हैं.
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नक्सलवाद और अपराध के खिलाफ लड़ाई जारी है: डीजीपी ने बताया कि झारखंड में नक्सलियों, अपराधियों और असामाजिक तत्वों के द्वारा माहौल को बिगाड़ कर अशांति फैलाने का प्रयास किया जाता है. इसके बावजूद झारखंड पुलिस पूरी इमानदारी के साथ अपना काम कर रही है. सभी के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है. डीजीपी के अनुसार संगठित अपराध राज्य में नई चुनौती बनकर उभरी है. जिसका झाखंड पुलिस मुकाबला कर रही है. हाल के वर्षों से राज्य में विधि-व्यवस्था को चुनौती देकर अपराधी तत्व अपना फन उठाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सभी के सहयोग से कई दुर्दांत अपराध कर्मियों को गिरफ्तार कर उनके गिरोह पर भी कारगर कार्रवाई की जा रही है.
झारखंड एटीएस के द्वारा अगस्त 2022 से लेकर 26 जुलाई 2023 तक राज्य में सक्रिय विभिन्न संगठित अपराधी की रोकथाम के लिए उनके विरुद्ध अभियान चलाया गया है. इसमें सफलता पाते हुए कई गैंगस्टर और गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया है. डीजीपी के अनुसार राज्य से नक्सलवाद का खात्मा करना झारखंड पुलिस का सबसे बड़ा लक्ष्य बन गया है. जिस पर हमारे सुरक्षा बल बेहद बारीकी से काम कर रहे हैं. इसे जल्द ही खत्म करने की कोशिश है. बचे कुछ हिस्सों को छोड़कर नकस्लियों का खात्मा हो चुका है. जहां बचे हुए है, वहां उनसे लड़ाई जारी है. जिसमें दर्जन भर नक्सली मारे गए हैं. और कुछ ने आत्मसमर्पण किया है. इसी साल जून 2023 तक पुलिस के साथ हुए 16 मुठभेड़ की घटनाओं में विभिन्न नक्सली संगठन के 9 नक्सली मारे गए हैं.
साइबर क्राइम महत्वपूर्ण चुनौती: डीजीपी ने अपने संबोधन में बताया कि साइबर अपराध राज्य में एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है. उससे बचने के लिए टोल फ्री नंबर 1930 को अधिकृत किया गया है. जिसमें अबतक कुल 10802 शिकायत दर्ज हुए हैं. इसके माध्यम से लगातार लोगों की मदद की जा रही है.और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिससे बहुत सारे लोगों के पैसे उनके खाते में वापस करवाए गए है. 100 से ज्यादा साइबर अपराधी को सलाखों के पिछे पहुंचाया गया है.