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स्वतंत्रता दिवस विशेष: 7 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था राजभवन, सीएम आवास था कमिश्नर हाउस

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Published : Aug 14, 2019, 5:12 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 8:53 PM IST

स्वतंत्रता दिवस विशेष में हम लाए हैं इमारतों से झलकती आजादी की कहानी. हर इमारत अपने आप में एक कहानी समेटे हुए है. बस उसे बेपर्दा करना बाकी रह गया है. इसी कड़ी में हमने राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के इतिहास को टटोलने की कोशिश की है.

राजभवन

रांचीः इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कई बेहतरीन भवनों की जानकारी ईटीवी भारत की टीम दर्शकों को दे रही है. इसी कड़ी में राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के संबंध में कुछ जानकारियां इकट्ठा की है. बता दें कि राजभवन का निर्माण 1930-31 के बीच में ब्रिटिश शासकों ने करवाया गया था, तो वहीं मुख्यमंत्री आवास ब्रिटिश शासन काल में कमिश्नर हाउस हुआ करता था.

देखें स्पेशल स्टोरी

ब्रिटिश डिजाइन में बना है राजभवन

झारखंड का राजभवन देश के चुनिंदा बेहतरीन राजभवनों में गिना जाता है. जहां अंग्रेजी शासकों की झलक तो मिलती ही है, कई खूबसूरत नमूने भी आपको इस भवन में मिल जाएंगे. दरअसल, राज भवन का निर्माण साल 1930 में अंग्रेजी शासकों द्वारा करवाई गई थी. 1930 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1931 में भवन बनकर तैयार हो गया था. ये निर्माण काम के लिए लगभग 400 मजदूरों और 100 राजमिस्त्री का देखरेख हुआ था, जिसमें 7 लाख रुपए की लागत आई थी.

अंग्रेजी आर्किटेक सदलो बल्लार्ड ने इस पूरे भवन को डिजाइन कर इसको तरासा था. इस इमारत का मुख्य ब्रिटिश डिजाइन है, लेकिन जानकारों के मुताबिक इसे स्थानीय जलवायु के अनुरूप बनाया गया है. इमारत में गर्मी से दूर रखने के लिए रानीगंज टाइल्स के साथ एक अतिरिक्त छत भी है. वहीं, लकड़ी की खूबसूरत काम चाइनीज कार पेंटर द्वारा करवाया गया था.

जुड़ाई के लिए पोर्टलैंड सीमेंट का उस समय इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा नृत्य संगीत के लिए भी भवन के अंदर ही एक फ्लोर भी तैयार किया गया था, जो की टिप वुड से बनाई गई थी. कार्ड प्ले रूम मार्बल से पूरी तरह सजाया गया. बरामदे में सिल्वर ग्रे मार्बल का उपयोग किया गया है. जो आज भी लोगों को आकर्षित करता है.

52 एकड़ भू भाग में फैला है भवन

52 एकड़ में फैले इस भवन के उद्यान का भी डिजाइन एक इटालियन ने किया था. इटली से ही पौधे भी मंगाए गए थे और पूरे उद्यान को भरा पूरा बनया गया था. जो आज पूरे देश के लिए एक आकर्षण का केंद्र है. वर्तमान में राजभवन गार्डन में सैकड़ों प्रजाति के गुलाब फूल, रुद्राक्ष, पीले बांस के अलावा कई देसी और विदेशी पौधे मौजूद हैं. वहीं, कई देशों से विभिन्न प्रकार के फूल के पौधे भी मंगवा कर यहां लगाए गए हैं.

हालांकि समय के साथ राजभवन में भी कई बदलाव किए गए हैं. जिसमें उद्यान के डिजाइन के अलावा मुख्य द्वार को भी बेहतरीन तरीके से बनवाया गया है. आज राजभवन झारखंड के साथ-साथ पूरे देश के लिए आकर्षण का केंद्र है. यह देश के चुनिंदा राज भवनों में से एक बेहतरीन राजभवन है.

ये भी पढ़ें- फेसबुक के जरिए रांची की दो महिलाओं ने बनाई 'कम्युनिटी', स्थानीय महिलाओं …

मुख्यमंत्री आवास को सुख-सुविधाओं के हिसाब से किया गया है डिजाइन

वहीं, वर्तमान में कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास को अंग्रेजी शासकों ने अपने तरीके से डिजाइन किया था. वर्तमान का मुख्यमंत्री आवास अंग्रेजी शासन काल में कमिश्नर हाउस हुआ करता था. उनके सुख सुविधाओं के हिसाब से इस भवन को डिजाइन किया गया था. कर्मचारियों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था के आलावा इस भवन में कमिश्नर हाउस से जुड़े पदाधिकारियों के लिए विश्राम की भी व्यवस्था थी. जो आज भी मुख्यमंत्री आवास में मौजूद है. हालांकि भवन में कुछ हद तक परिवर्तन जरूर किए गए हैं.

रांचीः इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कई बेहतरीन भवनों की जानकारी ईटीवी भारत की टीम दर्शकों को दे रही है. इसी कड़ी में राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के संबंध में कुछ जानकारियां इकट्ठा की है. बता दें कि राजभवन का निर्माण 1930-31 के बीच में ब्रिटिश शासकों ने करवाया गया था, तो वहीं मुख्यमंत्री आवास ब्रिटिश शासन काल में कमिश्नर हाउस हुआ करता था.

देखें स्पेशल स्टोरी

ब्रिटिश डिजाइन में बना है राजभवन

झारखंड का राजभवन देश के चुनिंदा बेहतरीन राजभवनों में गिना जाता है. जहां अंग्रेजी शासकों की झलक तो मिलती ही है, कई खूबसूरत नमूने भी आपको इस भवन में मिल जाएंगे. दरअसल, राज भवन का निर्माण साल 1930 में अंग्रेजी शासकों द्वारा करवाई गई थी. 1930 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1931 में भवन बनकर तैयार हो गया था. ये निर्माण काम के लिए लगभग 400 मजदूरों और 100 राजमिस्त्री का देखरेख हुआ था, जिसमें 7 लाख रुपए की लागत आई थी.

अंग्रेजी आर्किटेक सदलो बल्लार्ड ने इस पूरे भवन को डिजाइन कर इसको तरासा था. इस इमारत का मुख्य ब्रिटिश डिजाइन है, लेकिन जानकारों के मुताबिक इसे स्थानीय जलवायु के अनुरूप बनाया गया है. इमारत में गर्मी से दूर रखने के लिए रानीगंज टाइल्स के साथ एक अतिरिक्त छत भी है. वहीं, लकड़ी की खूबसूरत काम चाइनीज कार पेंटर द्वारा करवाया गया था.

जुड़ाई के लिए पोर्टलैंड सीमेंट का उस समय इस्तेमाल किया गया था. इसके अलावा नृत्य संगीत के लिए भी भवन के अंदर ही एक फ्लोर भी तैयार किया गया था, जो की टिप वुड से बनाई गई थी. कार्ड प्ले रूम मार्बल से पूरी तरह सजाया गया. बरामदे में सिल्वर ग्रे मार्बल का उपयोग किया गया है. जो आज भी लोगों को आकर्षित करता है.

52 एकड़ भू भाग में फैला है भवन

52 एकड़ में फैले इस भवन के उद्यान का भी डिजाइन एक इटालियन ने किया था. इटली से ही पौधे भी मंगाए गए थे और पूरे उद्यान को भरा पूरा बनया गया था. जो आज पूरे देश के लिए एक आकर्षण का केंद्र है. वर्तमान में राजभवन गार्डन में सैकड़ों प्रजाति के गुलाब फूल, रुद्राक्ष, पीले बांस के अलावा कई देसी और विदेशी पौधे मौजूद हैं. वहीं, कई देशों से विभिन्न प्रकार के फूल के पौधे भी मंगवा कर यहां लगाए गए हैं.

हालांकि समय के साथ राजभवन में भी कई बदलाव किए गए हैं. जिसमें उद्यान के डिजाइन के अलावा मुख्य द्वार को भी बेहतरीन तरीके से बनवाया गया है. आज राजभवन झारखंड के साथ-साथ पूरे देश के लिए आकर्षण का केंद्र है. यह देश के चुनिंदा राज भवनों में से एक बेहतरीन राजभवन है.

ये भी पढ़ें- फेसबुक के जरिए रांची की दो महिलाओं ने बनाई 'कम्युनिटी', स्थानीय महिलाओं …

मुख्यमंत्री आवास को सुख-सुविधाओं के हिसाब से किया गया है डिजाइन

वहीं, वर्तमान में कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास को अंग्रेजी शासकों ने अपने तरीके से डिजाइन किया था. वर्तमान का मुख्यमंत्री आवास अंग्रेजी शासन काल में कमिश्नर हाउस हुआ करता था. उनके सुख सुविधाओं के हिसाब से इस भवन को डिजाइन किया गया था. कर्मचारियों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था के आलावा इस भवन में कमिश्नर हाउस से जुड़े पदाधिकारियों के लिए विश्राम की भी व्यवस्था थी. जो आज भी मुख्यमंत्री आवास में मौजूद है. हालांकि भवन में कुछ हद तक परिवर्तन जरूर किए गए हैं.

Intro:रांची।

इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कई बेहतरीन भवनों की जानकारी ईटीवी भारत की टीम द्वारा अपने दर्शकों को दी जा रही है. इसी कड़ी में हमारी टीम ने राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के संबंध में कुछ जानकारियां इकट्ठा की है.जो अपने दर्शकों तक पहुंचा रही है .राज भवन का निर्माण 1930-31 के बीच में ब्रिटिश शासकों द्वारा करवाया गया था तो वही मुख्यमंत्री आवास ब्रिटिश शासन काल में कमिश्नर हाउस हुआ करता था.


Body:झारखंड का राजभवन देश के चुनिंदा बेहतरीन राजभवन में गिना जाता है .जहां अंग्रेजी शासकों का झलक तो मिलता ही है कई खूबसूरत नमूने भी आपको इस भवन में मिल जाएंगे. दरअसल राज भवन का निर्माण सन 1930 में अंग्रेजी शासकों द्वारा करवाई गई थी. 1930 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1931 में भवन बनकर तैयार हो गया था .इस काम के लिए लगभग 400 मजदूरों और 100 राजमिस्त्री के देखरेख में निर्माण कार्य हुआ था.जिसमे सात लाख रुपये की लागत आई थी. अंग्रेजी आर्किटेक सदलो बल्लार्ड इस पूरे भवन का डिजाइन कर इसको तरासा था. इस इमारत का मुख्य डिजाइन ब्रिटिश डिजाइन है .लेकिन जानकारों के मुताबिक इसे स्थानीय जलवायु के अनुरूप बनाया गया है. इमारत में गर्मी से दूर रखने के लिए रानीगंज टाइल्स के साथ एक अतिरिक्त छत भी है. वहीं लकड़ी की खूबसूरत काम चाइनीज काट पेंटर द्वारा करवाया गया था. जुड़ाई के लिए पोर्टलैंड सीमेंट का उस समय यूज किया गया था. इसके अलावे नृत्य संगीत के लिए भी भवन के अंदर ही एक फ्लोर भी तैयार किया गया था जो कि की टिप वुड से बनाई गई थी. कार्ड प्ले रूम मार्बल से पूरी तरह सजाया गया . बरामदे में सिल्वर ग्रे मार्बल का उपयोग किया गया है .जो आज भी लोगों को आकर्षित करता है.

52 एकड़ भू भाग में फैला है भवन:

52 एकड़ में फैले इस भवन के उद्यान का भी डिजाइन एक इटालियन द्वारा किया गया था .इटली से ही पौधे भी मंगाए गए थे. और पूरे उद्यान को भरा पूरा बनवाया गया था .जो आज पूरे देश के लिए एक आकर्षण का केंद्र है. वर्तमान में राजभवन गार्डन में सैकड़ों प्रजाति के गुलाब फूल ,रुद्राक्ष ,पीले बांस के अलावे कई देशी और विदेशी पौधे मौजूद है. वहीं विभिन्न प्रकार के कई देशों से फूल के पौधे भी मंगवा कर लगाए गए हैं.

हालांकि समय के साथ राजभवन में भी कई बदलाव किए गए हैं जिसमें उद्यान के डिजाइन के अलावे मुख्य द्वार को भी बेहतरीन तरीके से बनवाया गया है आज राजभवन झारखंड के साथ-साथ पूरे देश के लिए आकर्षण का केंद्र है यह देश के चुनिंदा राज भवनों में से एक बेहतरीन राजभवन है.



Conclusion:वहीं वर्तमान में कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास को अंग्रेजी शासकों द्वारा अपने तरीके से डिजाइन किया गया था. वर्तमान का मुख्यमंत्री आवास अंग्रेजी शासन काल में कमिश्नर हाउस हुआ करता था .उनके सुख सुविधाओं के हिसाब से इस भवन को डिजाइन किया गया था .कर्मचारियों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था के आलावे इस भवन में कमिश्नर हाउस से जुड़े पदाधिकारियों के लिए विश्राम की भी व्यवस्था थी .जो आज भी मुख्यमंत्री आवास में मौजूद है .हालांकि भवन में कुछ हद तक परिवर्तन जरूर किए गए हैं.

बाइट-रणेन्द्र कुमार,निदेशक,टीआरआई।
Last Updated : Aug 17, 2019, 8:53 PM IST
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