रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 2016 में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा के बाद राज्य में प्राथमिक शिक्षकों की सैकड़ों सीट रिक्त रह गई थी. इन्हीं रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर हाईस्कूल शिक्षक परीक्षा में लगभग 1600 सफल अभ्यर्थियों ने मंगलवार को मंत्री लुईस मरांडी से मुलाकात की.
1600 सफल अभ्यर्थी आंदोलन की राह पर
साल 2016 में हुए हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में दर्जनों विषयों के लिए सैकड़ों शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. इस दौरान राज्य में प्राथमिक शिक्षकों के कई पद रिक्त थे. जिसमें हाईस्कूल परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्त की मांग की थी. लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है. सरकार के इस निर्णय से खफा होकर राज्य के 1600 से अधिक हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के सफल अभ्यर्थी आंदोलन के राह पर हैं.
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प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में इन्हें शामिल करने की मांग को लेकर सफल अभ्यर्थी राज्य सरकार के मंत्रियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के सफल अभ्यर्थियों ने समाज्य कल्याण मंत्री लुईस मरांडी से मुलाकात की और उन्हें मामले से अवगत कराया.
दरअसल, हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में सफल अभ्यर्थियों द्वारा 6 विषयों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई है. शिक्षा विभाग द्वारा झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि अनिवार्य विषय हिंदी, अंग्रेजी, भूगोल, गणित, भौतिकी, जीव विज्ञान, रसायन, इतिहास, नागरिक शास्त्र में ही नियुक्ति के लिए रिजल्ट जारी किया जाएगा, लेकिन सरकार के इस निर्णय से हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 के सफल अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं है. लगभग 1600 सफल अभ्यर्थी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार के तमाम मंत्रियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं और उन्हें मामले की विसंगतियों से अवगत भी करा रहे हैं.
26 विषयों के शिक्षक के लिए हुई थी परीक्षा
सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई स्कूल में 26 विषय में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है, जबकि प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए 25 फीसदी आरक्षित सीट सभी विषयों के लिए रिक्त है. ऐसे में मात्र 6 विषय में ही रिक्त पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा आखिर क्यों की गई है. इन्हीं बातों को लेकर सफल विद्यार्थियों ने राज्य सरकार के मंत्री से मुलाकात कर उन्हें मामले से अवगत कराया.
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बताते दें कि शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई अनुशंसा में योग्य प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों की पर्याप्त संख्या नहीं मिलने से यह पद खाली रह गए थे. इस पर सीधी नियुक्ति के जरिए सफल अभ्यर्थियों को मौका देने का निर्णय लिया गया था. लेकिन सरकार ने मात्र 6 विषयों के लिए ही सीधी नियुक्ति करने का अनुसंशा की है और इसी का विरोध बाकी अभ्यर्थी कर रहे हैं.