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हाई स्कूल नियुक्ति मामले में मंगलवार को HC में आ सकता है फैसला, 11 जिलों को अनारक्षित रखने का है मामला - झारखंड में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में फैसला

झारखंड में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में 13 जिले को आरक्षित और ग्यारह जिले को गैर आरक्षित किए जाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा.

हाई स्कूल नियुक्ति मामले में कल HC में आ सकता है फैसला, 11 जिलों को अनारक्षित रखने का है मामला
हाई कोर्ट
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Published : Mar 16, 2020, 9:51 PM IST

रांचीः झारखंड में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में झारखंड सरकार की ओर से 13 जिले को आरक्षित किए जाने और ग्यारह जिले को गैर आरक्षित किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाले याचिका पर हाई कोर्ट में मंगलवार को फैसला आ सकता है. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने सरकार के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. मामले में पहले सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

देखें पूरी खबर

13 आरक्षित और 11 अनारक्षित जिले

झारखंड हाई कोर्ट राज्य में शिक्षक नियुक्ति में सरकार की ओर से 13 जिले को आरक्षित किए जाने वाले और 11 जिले को गैर आरक्षित किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाया जा सकता है. न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा, न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत ने पूर्व में मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी, आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. कल यानी मंगलवार को अदालत में फैसला सुनाया जा सकती है. फैसला सुनाए जाने के लिए याचिका सूचीबद्ध किया गया है.

पूर्व में मामले पर पूर्ण पीठ में 3 दिनों तक सुनवाई चली. सभी पक्षों ने अपने दलील पूरे कर लिए. सभी पक्षों का दलील सुनने के उपरांत पूर्ण पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उनका कहना था कि किसी भी जिले में 100 प्रतिशत आरक्षण किया जाना गलत है. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के युगल पीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्ण पीठ में सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. उसी निर्देश के आलोक में मामले पर सुनवाई पूर्ण पीठ में की गई. सुनवाई के उपरांत फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

और पढ़ें- आरयू सिंडिकेट की बैठक में बीएड कॉलेजों को मिली मान्यता, राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा प्रस्ताव

बता दें कि पहले हाई कोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. राज्य में पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर को गैर आरक्षित जिले में रखा गया है. जबकि सरकार की नियोजन नीति के आलोक में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिले के अभ्यर्थी 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. 13 अनुसूचित जिलों के स्थानीय अभ्यर्थी अपने मूल जिले में ही आवेदन कर सकेंगे. सरकार की इस नीति से यहां के लोग अपने ही राज्य में नौकरी से वंचित हो जा रहे हैं. यह समानता के अधिकार का खिलाफ है. इस कारण से इस नीति को रद्द किए जाने की मांग को लेकर सोनी कुमारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

रांचीः झारखंड में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में झारखंड सरकार की ओर से 13 जिले को आरक्षित किए जाने और ग्यारह जिले को गैर आरक्षित किए जाने के आदेश को चुनौती देने वाले याचिका पर हाई कोर्ट में मंगलवार को फैसला आ सकता है. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने सरकार के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. मामले में पहले सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

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13 आरक्षित और 11 अनारक्षित जिले

झारखंड हाई कोर्ट राज्य में शिक्षक नियुक्ति में सरकार की ओर से 13 जिले को आरक्षित किए जाने वाले और 11 जिले को गैर आरक्षित किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाया जा सकता है. न्यायाधीश हरीश चंद्र मिश्रा, न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत ने पूर्व में मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी, आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. कल यानी मंगलवार को अदालत में फैसला सुनाया जा सकती है. फैसला सुनाए जाने के लिए याचिका सूचीबद्ध किया गया है.

पूर्व में मामले पर पूर्ण पीठ में 3 दिनों तक सुनवाई चली. सभी पक्षों ने अपने दलील पूरे कर लिए. सभी पक्षों का दलील सुनने के उपरांत पूर्ण पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ता सोनी कुमारी ने सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उनका कहना था कि किसी भी जिले में 100 प्रतिशत आरक्षण किया जाना गलत है. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के युगल पीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्ण पीठ में सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था. उसी निर्देश के आलोक में मामले पर सुनवाई पूर्ण पीठ में की गई. सुनवाई के उपरांत फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

और पढ़ें- आरयू सिंडिकेट की बैठक में बीएड कॉलेजों को मिली मान्यता, राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा प्रस्ताव

बता दें कि पहले हाई कोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. राज्य में पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर को गैर आरक्षित जिले में रखा गया है. जबकि सरकार की नियोजन नीति के आलोक में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिले के अभ्यर्थी 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. 13 अनुसूचित जिलों के स्थानीय अभ्यर्थी अपने मूल जिले में ही आवेदन कर सकेंगे. सरकार की इस नीति से यहां के लोग अपने ही राज्य में नौकरी से वंचित हो जा रहे हैं. यह समानता के अधिकार का खिलाफ है. इस कारण से इस नीति को रद्द किए जाने की मांग को लेकर सोनी कुमारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

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