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नक्शा स्वीकृति में पैसे के खेल पर हाईकोर्ट सख्त, रांची नगर निगम को अगले आदेश तक नक्शा पास करने पर रोक

रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति में पैसे के खेल से संबंधित मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने आरआरडीए के उपाध्यक्ष और रांची नगर आयुक्त को भ्रष्टाचार के लिए कड़ी फटकार (High Court Strict On Corruption) लगाई.

Jharkhand High Court
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Published : Dec 1, 2022, 9:47 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भांगड़ की अदालत में रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति में पैसे के खेल (Money Game in Map Acceptance) से संबंधित सूचना के आधार पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान आरआरडीए के उपाध्यक्ष और रांची नगर आयुक्त कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि नक्शा पास करने जैसे गंभीर मामले में पारदर्शिता क्यों नहीं है. अदालत ने अधिकारियों को कड़ी फटकार (High Court Reprimanded The Officers) लगाई. कहा कि अगले आदेश तक रांची नगर निगम किसी भी तरह का कोई नक्शा पास नहीं करेगा.

ये भी पढे़ं-अमित अग्रवाल की बढ़ सकती है मुश्किलें, झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई को दिया जांच का आदेश

कर्मचारी संबंधी संपूर्ण ब्योरा किया तलबः अदालत (Jharkhand High Court) ने अधिकारियों से पूछा कि आरआरडीए में और रांची नगर निगम में कितने नियमित कर्मचारी हैं. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि 1982 से नियुक्ति ही नहीं हुई है. कामचलाऊ रूप से काम हो रहा है. जेपीएससी को भी मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. कर्मचारी संबंधी संपूर्ण ब्योरा आरआरडीए और रांची नगर निगम को अदालत में सौंपने का निर्देश दिया है.

क्यों न कराई जाए मामले की सीबीआई जांचः अदालत ने पूछा कि नक्शा की स्वीकृति में जो पैसे का खेल हो रहा है, भ्रष्टाचार हो रहा है (High Court Strict On Corruption) इसकी जांच क्यों नहीं स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई से कराई जाए. भ्रष्टाचार को लेकर जो समाचार आया उस पर आरआरडीए और रांची नगर निगम ने क्या एक्शन लिया. जो भी रिक्तियां हैं उस पर अब तक क्या कदम उठाया गया है. लोगों को जो कठिनाई हो रही है उसको लेकर क्यों न एक बॉडी का गठन किया जाए जो लोगों की समस्या का समाधान करें

मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगीः अदालत ने आरआरडीए और रांची नगर निगम को जनवरी 2022 से 30 नवंबर 2022 तक जितने भी नक्शा स्वीकृत हुए हैं विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी.


मामले में कोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञानः पूर्व में अदालत (Jharkhand High Court) ने इस मामले में स्वतः संज्ञान को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था. अदालत ने नक्शा विचलन से संबंधित मामले के साथ इस मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है. मामले में राज्य सरकार के अधिवक्ता को यह निर्देश दिया था कि मामले की अगली सुनवाई के दौरान आरआरडीए के अध्यक्ष और रांची नगर निगम के आयुक्त को उपस्थित रहने का आदेश दिया था.

नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्सः बता दें कि स्थानीय मीडिया में इस मामले में खबर छपी थी. इसमें कहा गया है कि राज्य के नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के लिए अधिकतम शुल्क आठ रुपए प्रति वर्ग फीट है, लेकिन निकायों में तय शुल्क के अलावा 30 रुपए प्रति वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नक्शा की स्वीकृति मिलती है. नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भांगड़ की अदालत में रांची नगर निगम में नक्शा स्वीकृति में पैसे के खेल (Money Game in Map Acceptance) से संबंधित सूचना के आधार पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है. याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान आरआरडीए के उपाध्यक्ष और रांची नगर आयुक्त कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि नक्शा पास करने जैसे गंभीर मामले में पारदर्शिता क्यों नहीं है. अदालत ने अधिकारियों को कड़ी फटकार (High Court Reprimanded The Officers) लगाई. कहा कि अगले आदेश तक रांची नगर निगम किसी भी तरह का कोई नक्शा पास नहीं करेगा.

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कर्मचारी संबंधी संपूर्ण ब्योरा किया तलबः अदालत (Jharkhand High Court) ने अधिकारियों से पूछा कि आरआरडीए में और रांची नगर निगम में कितने नियमित कर्मचारी हैं. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि 1982 से नियुक्ति ही नहीं हुई है. कामचलाऊ रूप से काम हो रहा है. जेपीएससी को भी मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. कर्मचारी संबंधी संपूर्ण ब्योरा आरआरडीए और रांची नगर निगम को अदालत में सौंपने का निर्देश दिया है.

क्यों न कराई जाए मामले की सीबीआई जांचः अदालत ने पूछा कि नक्शा की स्वीकृति में जो पैसे का खेल हो रहा है, भ्रष्टाचार हो रहा है (High Court Strict On Corruption) इसकी जांच क्यों नहीं स्वतंत्र एजेंसी या सीबीआई से कराई जाए. भ्रष्टाचार को लेकर जो समाचार आया उस पर आरआरडीए और रांची नगर निगम ने क्या एक्शन लिया. जो भी रिक्तियां हैं उस पर अब तक क्या कदम उठाया गया है. लोगों को जो कठिनाई हो रही है उसको लेकर क्यों न एक बॉडी का गठन किया जाए जो लोगों की समस्या का समाधान करें

मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगीः अदालत ने आरआरडीए और रांची नगर निगम को जनवरी 2022 से 30 नवंबर 2022 तक जितने भी नक्शा स्वीकृत हुए हैं विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी.


मामले में कोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञानः पूर्व में अदालत (Jharkhand High Court) ने इस मामले में स्वतः संज्ञान को जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया था. अदालत ने नक्शा विचलन से संबंधित मामले के साथ इस मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है. मामले में राज्य सरकार के अधिवक्ता को यह निर्देश दिया था कि मामले की अगली सुनवाई के दौरान आरआरडीए के अध्यक्ष और रांची नगर निगम के आयुक्त को उपस्थित रहने का आदेश दिया था.

नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्सः बता दें कि स्थानीय मीडिया में इस मामले में खबर छपी थी. इसमें कहा गया है कि राज्य के नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के लिए अधिकतम शुल्क आठ रुपए प्रति वर्ग फीट है, लेकिन निकायों में तय शुल्क के अलावा 30 रुपए प्रति वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नक्शा की स्वीकृति मिलती है. नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है.

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