रांची: रांची एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण से संबंधी विवाद मामले में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की. इस दौरान राज्य सरकार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के सचिव से यह जानना चाहा कि जब एयरपोर्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया तो बिचौलियों ने जमीन को कैसे बेच दिया. हाई कोर्ट ने इस मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले में सरकार का जवाब आने के बाद आगे की सुनवाई की जाएगी.
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याचिकाकर्ता आनंद कुमार शर्मा एवं अन्य ने नामकुम अंचल के हेथू मौजा की जमीन की बिक्री को लेकर दो हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसी याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता का कहना था कि लैंड एक्विजिशन केस के लंबित रहते हुए जमीन कैसे बेची गई. उनका आरोप था कि धोखाधड़ी कर जमीन को बिचौलियों ने बेचा. जमीन की रैयत ने कई बातों को छिपा कर 2008 में याचिकाकर्ता को जमीन बेच दी. इस आधार पर याचिकाकर्ता ने नामकुम अंचल के अंचल अधिकारी के पास जमीन का दाखिल खारिज करने की अर्जी दी, तब उन्हें बताया गया कि जमीन एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में चली गई है. इसके बाद ही याचिकाकर्ता ने जमीन में दखलअंदाजी को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कहा कि अंचल अधिकारी ने गलत जानकारी दी.