रांची: झारखंड में बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) और किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) में रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने सरकार के द्वारा मामले में हो रही लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए समाज कल्याण विभाग के सचिव को 31 मार्च तक रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है, साथ ही तब तक के लिए पूर्व में कार्य कर रहे अधिकारियों को अगले आदेश तक कार्य करते रहने का निर्देश दिया गया है.
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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत ने पूछा कि नियुक्ति प्रक्रिया क्यों नहीं हो रही है. कब तक पूरी हो जाएगी.
सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि कोविड-19 के कारण नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी. अधिकारी कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. इसलिए अदालत से एक बार फिर समय देने का आग्रह किया. उन्होंने अदालत को आश्वस्त किया कि 2 माह में नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर दी जाएगी. अदालत से आग्रह किया कि पूर्व से अधिकारी को 2 माह के लिए अवधि विस्तार दे दी जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए पूर्व से काम कर रहे अधिकारियों को 31 मार्च तक के लिए अवधि विस्तार दिया है. सरकार को 31 मार्च तक नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण कर कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया है.
मामले में बचपन बचाओ आंदोलन नामक संस्था के द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. उसी मामले में अनूप अग्रवाल ने भी हस्तक्षेप याचिका दायर कर राज्य में सीडब्ल्यूसी और जेजेबी में रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग की है. उसी मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.