झारखंड का ताज एक बार फिर हेमंत सोरेन के माथे सजने जा रहा है. हेमंत सोरेन शिबू सोरेन का बेटा है. गुरुजी 1980 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. दिशोम गुरु शिबू सोरेन 2009 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बीजेपी के समर्थन नहीं मिलने का कारण वो बहुमत साबित करने में असफल रहे थे, जिसके बाद उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
हेमंत सोरेन की शिक्षा
हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को रामगढ़ में हुआ था. उन्होंने शुरुआती शिक्षा बोकारो में ली है, जिसके बाद उन्होंने 1994 में पटना यूनिवर्सिटी से इंटर पास किया. 12वीं पास करने के बाद हेमंत सोरेन ने इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया, लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.
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हेमंत सोरेन का राजनीति सफर
हेमंत सोरेन ने छात्र मोर्चा की राजनीति 2003 से ही शुरु कर दी, तबसे लगातार संघर्ष करते रहे और अपने पिता शिबू सोरेन से राजनीति के गुर सीखते रहे. हेमंत सोरेन पहली बार 2009 में राज्यसभा सांसद बने, लेकिन 2009 में ही झारखंड में विधानसभा चुनाव हो गया, जिसमें उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया.
2013 में पहली बार बने मुख्यमंत्री
झारखंड में 2010 में झामुमो के समर्थन से बीजेपी की सरकार बनी, जिसमें हेमंत सोरेन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन कुछ आपसी कलह के कारण 2013 में झामुमो ने बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया और अर्जुन मुंडा की सरकार गिर गई. 13 जुलाई 2013 को ही हेमंत सोरेन ने झारखंड के 9वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ग्रहण किया. विधानसभा चुनाव 2014 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन दो जगह दुमका और बरहेट से चुनाव लड़े थे, जिसमें दुमका से उन्हें बीजेपी की लुईस मरांडी ने हरा दिया था और जेएमएम के हाथों से सत्ता भी चली गई थी. वर्तमान में हेमंत सोरेन बरहेट से विधायक हैं और झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी कुर्सी संभाल रहे हैं.
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47 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा
2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जेएमएम- राजद और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जिसमें महागठबंधन ने 47 सीटों पर जीत हासिल की. इस बार भी हेमंत सोरेन बहरेट और दुमका दोनों जगह से चुनाव लड़े थे, जिसमें दोनों जगह से उन्होंने जीत हासिल की है.
हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन हैं, जो एक निजी स्कूल की संचालक हैं और उनके दो बेटे हैं निखिल और अंश.