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जानिए! मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन क्यों नहीं ले पाए 'फाइनल सर्टिफिकेट ऑफ कोविड19 वैक्सीनेशन'

सीएम हेमत सोरेन ने कोरोना का दूसरा टीका लगा लिया है. सीएम ने अपने घर में कोरोना का टीका लगवाया है. लेकिन उन्हें पीएम मोदी की फोटो वाली फाइनल वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है.

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सीएम हेमंत सोरेन ने लिया दूसरा डोज
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Published : Jun 3, 2021, 2:31 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के साथ अपने आवास पर बने विशेष वैक्सीनेशन कक्ष में covid19 से बचाव के लिए 'कोवैक्सीन' का दूसरा डोज लिया. वैक्सीनेटर चंदा कुमारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया पर मुख्यमंत्री को पीएम मोदी की तस्वीर वाली फाइनल वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया.

ये भी पढ़े- भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीका का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू

दूसरा डोज लेने के बाद भी नहीं ले पाएं मोदी की तस्वीर वाली फाइनल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट

सामान्यतः कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद वैक्सीनेशन सेंटर पर ही एक सर्टिफिकेट वैक्सीन लेने वालों को दी जाती है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक आदमी ने वैक्सीन के दोनों डोज ले लिया है. इस सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ एक स्लोगन लिखा होता है 'दवाई भी और कड़ाई भी' मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 2 जून को वैक्सीन का सेकंड डोज ले लिया पर उन्हें पीएम मोदी की तस्वीर वाली फाइनल सर्टिफिकेट नहीं मिला सका. वैक्सीनेशन कराने के लिए पहुंचे रांची के सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार से जब ईटीवी भारत ने इसकी वजह जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि cowin app से नेट या किसी तकनीकी खराबी के कारण उस समय उन्हें फाइनल सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सका, जल्द ही सर्टिफिकेट उनके पास भेज दिया जाएगा.

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वैक्सीनेशन कार्ड लेते सीएम सोरेन

जानिए वैक्सीनेशन कार्ड और फाइनल सर्टिफिकेट में अंतर

दरअसल कोरोना वैक्सीनेशन के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को लेकर देश और राज्यों में राजनीति होती रही है. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर विपक्षी दलों के नेता सवाल भी उठाते रहे हैं. ऐसे में झारखंड में जब 18+ वालों के लिए झारखंड सरकार अपने खर्च पर वैक्सीन दिलवा रही है तो उन्होंने एक कार्ड बनवाया है जिसमें सीएम हेमंत सोरेन की तस्वीर है. 18 साल से 45 साल तक के लोगों को वैक्सीन लेने के बाद यह कार्ड भरकर दिया जाता है, ताकि उन्हें पता चले कि अपने युवाओं को झारखंड सरकार अपने खर्च पर वैक्सीनेट करा रही है. जबकि 45 प्लस के लिए भारत सरकार टीका की व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 45 प्लस के हैं, ऐसे में उन्होंने टीका तो भारत सरकार के कोटे से मिले वैक्सीन से लिया है पर सर्टिफिकेट की जगह कार्ड मिला है. अब कहा जा रहा है कि तकनीकी खराबी से फाइनल सर्टिफिकेट डाउनलोड नहीं हुआ है.

वैक्सीन लेने के बाद क्या कहा सीएम ने

कोविड-19 का दूसरा डोज लेने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि दूसरा डोज लिया हूं, उम्मीद करता हूं कि आप सब भी टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी का जल्द से जल्द टीकाकरण हो सके. कोविड टीका सुरक्षित और असरदार है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वैक्सीनेटर चंदा कुमारी और टीम के दूसरे सदस्यों की सराहना की.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के साथ अपने आवास पर बने विशेष वैक्सीनेशन कक्ष में covid19 से बचाव के लिए 'कोवैक्सीन' का दूसरा डोज लिया. वैक्सीनेटर चंदा कुमारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया पर मुख्यमंत्री को पीएम मोदी की तस्वीर वाली फाइनल वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया.

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दूसरा डोज लेने के बाद भी नहीं ले पाएं मोदी की तस्वीर वाली फाइनल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट

सामान्यतः कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद वैक्सीनेशन सेंटर पर ही एक सर्टिफिकेट वैक्सीन लेने वालों को दी जाती है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक आदमी ने वैक्सीन के दोनों डोज ले लिया है. इस सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ एक स्लोगन लिखा होता है 'दवाई भी और कड़ाई भी' मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 2 जून को वैक्सीन का सेकंड डोज ले लिया पर उन्हें पीएम मोदी की तस्वीर वाली फाइनल सर्टिफिकेट नहीं मिला सका. वैक्सीनेशन कराने के लिए पहुंचे रांची के सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार से जब ईटीवी भारत ने इसकी वजह जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि cowin app से नेट या किसी तकनीकी खराबी के कारण उस समय उन्हें फाइनल सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सका, जल्द ही सर्टिफिकेट उनके पास भेज दिया जाएगा.

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वैक्सीनेशन कार्ड लेते सीएम सोरेन

जानिए वैक्सीनेशन कार्ड और फाइनल सर्टिफिकेट में अंतर

दरअसल कोरोना वैक्सीनेशन के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को लेकर देश और राज्यों में राजनीति होती रही है. वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर विपक्षी दलों के नेता सवाल भी उठाते रहे हैं. ऐसे में झारखंड में जब 18+ वालों के लिए झारखंड सरकार अपने खर्च पर वैक्सीन दिलवा रही है तो उन्होंने एक कार्ड बनवाया है जिसमें सीएम हेमंत सोरेन की तस्वीर है. 18 साल से 45 साल तक के लोगों को वैक्सीन लेने के बाद यह कार्ड भरकर दिया जाता है, ताकि उन्हें पता चले कि अपने युवाओं को झारखंड सरकार अपने खर्च पर वैक्सीनेट करा रही है. जबकि 45 प्लस के लिए भारत सरकार टीका की व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 45 प्लस के हैं, ऐसे में उन्होंने टीका तो भारत सरकार के कोटे से मिले वैक्सीन से लिया है पर सर्टिफिकेट की जगह कार्ड मिला है. अब कहा जा रहा है कि तकनीकी खराबी से फाइनल सर्टिफिकेट डाउनलोड नहीं हुआ है.

वैक्सीन लेने के बाद क्या कहा सीएम ने

कोविड-19 का दूसरा डोज लेने के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि दूसरा डोज लिया हूं, उम्मीद करता हूं कि आप सब भी टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी का जल्द से जल्द टीकाकरण हो सके. कोविड टीका सुरक्षित और असरदार है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वैक्सीनेटर चंदा कुमारी और टीम के दूसरे सदस्यों की सराहना की.

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