रांची: हेमंत मंत्रिमंडल का बहुप्रतिक्षित विस्तार मंगलवार को राजभवन में हो गया. राज्यपाल ने जेएमएम के 5 और कांग्रेस के दो विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई. जेएमएम से चंपई सोरेन, हाजी हुसैन अंसारी, जगरनाथ महतो, जोबा मांझी और मिथिलेश ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली, वहीं कांग्रेस से बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को मंत्री बनाया गया है.
चंपई सोरेन, जेएमएम
चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता हैं. चंपई आज मंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले भी चंपई झारखंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं. झारखंड टाइगर के नाम से वो जाने जाते हैं. 2019 में वो 6ठी बार विधायक बने हैं. पहली बार 1990 में सरायकेला सीट पर हुए उपचुनाव में चंपई सोरेन विधायक बने. तब वो निर्दलीय थे. 1995 में वो फिर सरायकेला से विधायक चुने गए. इस बार वो जेएमएम की टिकट पर विधायक बने. 1999 में वो सिंहभूम लोकसभा सीट चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.
हाजी हुसैन अंसारी, जेएमएम
हाजी हुसैन जेएमएम के कद्दावर नेता हैं. हाजी हुसैन अंसारी के राजनीतिक करियर पर नजर डाले तो हाजी हुसैन 4 बार विधायक चुने गए हैं. 1995 और 2000 में जेएमएम के टिकट पर विधायक चुने गए. झारखंड सरकार में सहकारिता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री का पद संभाला. पिछली बार जब वो मंत्री बने थे तो वो एकमात्र मंत्री थे जो अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते थे.
जगरनाथ महतो, जेएमएम
जगरनाथ महतो जेएमएम के तेज-तर्रार नेता हैं. क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है. उनकी छवि जमीन से जुड़े नेता की है. उनका जन्म जनवरी 1967 में बोकारो के अलारगो में हुआ. उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है. झारखंड आंदोलन से उपजे नेता हैं. अपनी आंदोलनकारी छवि की वजह से कई बार जेल जा चुके हैं.
जोबा मांझी, जेएमएम
जोबा मांझी 2003 से मार्च 2005 तक अर्जुन मुंडा मंत्रिमंडल में समाज कल्याण, महिला और बाल विकास और पर्यटन मंत्री थीं. इससे पहले वह नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक बाबूलाल मरांडी की कैबिनेट में भी मंत्री रह चुकी हैं. जोबा मांझी इस सीट से पांच बार विधायक चुनी गई.
बन्ना गुप्ता, कांग्रेस
बन्ना गुप्ता ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत1985 में जनता दल से की थी. फिर युवा संघर्ष समिति के बाद 1992 में वह समाजवादी जनता पार्टी में चले गये. इसके बाद इन्होंने जेएमएम का दामन थाम लिया. इसके बाद समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर 2005 का विधानसभा का चुनाव लड़ा. चुनाव हार कर बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए.
बादल पत्रलेख, कांग्रेस
बादल पत्रलेख 2004 से राजनीति में सक्रिय हैं. 2009 में पहली बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन इस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली. 2014 में उन्होंने फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा. इस बार उन्होंने चुनाव भी जीता. उन्होंने पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को हराया था. वहीं 2019 विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने जेवीएम के देवेंद्र कुंवर को हराया.
मिथिलेश ठाकुर, जेएमएम
मिथिलेश ठाकुर जेएमएम कोटे से हैं. हेमंत मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण का खास ख्याल रहा गया है. मिथिलेश ब्राह्मण जाति से आते हैं. ये शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन के काफी चहेते माने जाते हैं. मिथिलेश 2009 से चुनावी मैदान में हैं, लेकिन सफलता पहली बार 2019 में मिली. लगातार दो बार से विधायक रहे बीजेपी के सतेंद्रनाथ तिवारी को लगभग 23 हजार वोट से हराकर विधायक बने हैं.