रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि रेमडेसिविर दवा को लेकर राज्य सरकार जनता को दिग्भ्रमित कर रही है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की कंपनी से रेमेडिसीविर दवा मंगाने की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कर रहे है, जबकि वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार ने दवा मंगाने के लिए कोई आवेदन ही नहीं किया है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय ड्रग कंट्रोलर से हुई बातचीत का हवाला देते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि किसी भी विदेशी ड्रग, वैक्सीन या जरूरी सामान एक देश दूसरे देश में बेचती है. इसकी इजाजत लेना पड़ता है. बांग्लादेशी कंपनी झारखंड या दूसरे राज्यों को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिये रेडमेसिविर देने की पेशकश कर रही है, जो अभी तक भारत सरकार को कोई आवेदन नहीं दी है.
आवेदन करें सार्वजनिक
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करते हुए कहा कि बांग्लादेशी कंपनी की ओर से भारत सरकार को आवेदन दी गई है, तो उस आवेदन की प्रति को सार्वजनिक करें.
झूठी जानकारी ना दे सरकार
बाबूलाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गठबंधन नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि विपदा की घड़ी में झूठी और भ्रामक जानकारी झारखंड की जनता को ना दें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए वर्तमान समय में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.
कोरोना जांच की संख्या भी किया जा रहा कम
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जांच की संख्या बढाई जानी चाहिए, लेकिन राज्य में जांच की संख्या घटाई जा रही है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर जानकारी दिया कि 28 अप्रैल को 72944 कोरोना जांच की संख्या थी, जो दो मई को 24063 हो गया.